देश में 4 करोड़ लोग देख नहीं सकते और 20 करोड़ की आंखें बीमार हैं!
डेटा 4 साल पुराना है लेकिन खतरा कई गुना बढ़ा ही है। क्योंकि एक सोसायटी के रूप में हमारी आदतों में नेगेटिव बदलाव हो रहा है। जो आँखों की हेल्थ पर भारी पड़ रहा है;
Summer Eye Care Tips: एक ओर जहां टेक्नोलॉजी ने जीवन को आसान बनाया है, वहीं स्क्रीन टाइम के अत्यधिक बढ़ने और पर्यावरण प्रदूषण ने हमारी आंखों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरे पैदा कर दिए हैं। खासतौर पर गर्मी के मौसम में कुछ समस्याएं अधिक परेशान करने लगती हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की साल 2021 की रिपोर्ट बताती है कि भारत में लगभग 4 करोड़ लोग दृष्टिहीन हैं और 20 करोड़ से अधिक लोग किसी न किसी प्रकार की नेत्र समस्या का सामना कर रहे हैं।
इन चिंताजनक आंकड़ों के मद्देनज़र, आंखों के स्वास्थ्य की देखभाल अब एक प्राथमिक आवश्यकता बन चुकी है। वैज्ञानिक प्रमाणों और रिसर्च के आधार पर, हम जान सकते हैं कि किन उपायों से आंखों की रोशनी को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है...
कमजोर होती आंखों के लक्षण (Symptoms of Weak Eyesight)
धुंधला दिखाई देना या धुंधला दृष्टि अनुभव करना
एक वस्तु का दोहरा (डबल) दिखाई देना (डिप्लोपिया)
आंखों में जलन, सूखापन और लालिमा
अत्यधिक सिरदर्द और थकान का अनुभव
पढ़ने या स्क्रीन देखने पर आंखों में दर्द
National Eye Institute (NEI) के अनुसार, इन लक्षणों को प्रारंभिक चेतावनी संकेत के रूप में लेना चाहिए और समय रहते उचित कदम उठाने चाहिए।
आंखों को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक कदम (Evidence-based Tips for Better Eyesight)
पोषण युक्त आहार अपनाएं- Archives of Ophthalmology में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जिन लोगों ने अपने आहार में ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन A, C, E और जिंक को नियमित रूप से शामिल किया, उनमें मोतियाबिंद और उम्र से संबंधित नेत्र रोगों का जोखिम 25% तक कम पाया गया। इसलिए गर्मी में पालक, ब्रोकली, खट्टे फल और नट्स का सेवन आंखों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है।
स्क्रीन टाइम को व्यवस्थित करें- American Optometric Association की रिपोर्ट के अनुसार, कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम (CVS) एक सामान्य समस्या बन चुकी है, जिसमें आंखों में थकान, जलन और धुंधलापन होता है।
20-20-20 नियम का पालन करें: हर 20 मिनट पर 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें।
इसके अतिरिक्त, डिजिटल स्क्रीन के ब्लू लाइट से बचाव के लिए विशेष चश्मों का उपयोग करें।
पर्याप्त जल का सेवन करें- हाइड्रेशन की कमी से आंखों में ड्राइनेस बढ़ती है, जिससे दृष्टि कमजोर हो सकती है। National Institutes of Health (NIH) की गाइडलाइन के अनुसार, प्रतिदिन कम से कम 2 से 3 लीटर पानी का सेवन करना आंखों की नमी बनाए रखने में सहायक होता है।
सही प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करें- कम रोशनी में पढ़ाई या स्क्रीन पर काम करने से आंखों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। अध्ययनों के अनुसार, उचित प्रकाश व्यवस्था आंखों के तनाव को 30% तक कम कर सकती है, जिससे आंखों का स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है।
UV किरणों से सुरक्षा- American Academy of Ophthalmology के मुताबिक, UV किरणों के संपर्क में आने से मोतियाबिंद और मैक्युलर डीजेनेरेशन का खतरा बढ़ता है। सभी मौसमों में UV प्रोटेक्शन वाले सनग्लासेस का उपयोग आवश्यक है, चाहे धूप सर्दियों में हो या गर्मियों में।
किन आदतों से बचें? (Practices to Avoid for Healthy Eyes)
धूम्रपान और शराब का सेवन- WHO की एक रिपोर्ट बताती है कि धूम्रपान करने वालों में मोतियाबिंद का खतरा 2 से 3 गुना अधिक होता है। शराब भी आंखों में ड्राइनेस और रेटिनल डैमेज का कारण बन सकती है।
गंदे हाथों से आंखों को छूना- यह संक्रमण का बड़ा कारण है, जिससे कंजक्टिवाइटिस और अन्य नेत्र संक्रमण हो सकते हैं।
आई ड्रॉप्स का मनमाना उपयोग- बिना नेत्र विशेषज्ञ की सलाह के आई ड्रॉप्स का उपयोग करना आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है।
कम रोशनी में काम करना- अध्ययन बताते हैं कि कम रोशनी में लगातार पढ़ाई या काम करने से आंखों की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है, जिससे दृष्टि क्षीण हो सकती है।
आंखों की देखभाल केवल चश्मा पहनने या नियमित जांच तक सीमित नहीं है। ये डेली लाइफस्टाइल में कुछ नियमित चीजों को समझदारी से फॉलो करने से जुड़ा विषय है, जिसमें संतुलित आहार, हाइड्रेशन, डिजिटल स्वास्थ्य जागरूकता और पर्यावरणीय सुरक्षा शामिल हैं। सोचकर देखिए, यदि हमारे पास आंखें ही ना हों तो क्या इस दुनिया का कोई अर्थ रह जाएगा हमारे लिए... इसलिए प्रकृति के इस आशीर्वाद का पूरा ध्यान रखें। आज से ही एक कदम बढ़ाइए ताकि आने वाले वर्षों तक आप दुनिया की सुंदरता का पूरा आनंद उठा सकें।
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के लिए लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।