डेली स्किन टाइट कपड़े पहनने से महिलाओं को अधिक होती हैं ये बीमारियां

इस बात में कोई शक नहीं कि स्किन टाइट कपड़े देखने में काफी आकर्षक लगते हैं। खासतौर पर जींस। लेकिन टाइट फिटेड कपड़े रोज पहनने से गर्ल्स को ये बीमारियां होती हैं..;

Update: 2025-06-07 08:57 GMT
यूरिन इंफेक्शन के साथ ही टाइट कपड़े पहनने से महिलाओं में बढ़ता है कई बीमारियों का खतरा!

Fitted Clothes Effect On Health: स्लिम फिट जींस, बॉडीकॉन ड्रेसेस, स्किन-टाइट लेगिंग्स और फिटेड टॉप्स अब स्टाइल का हिस्सा बन चुके हैं। लेकिन यही टाइट कपड़े कई बार सेहत के लिए खतरनाक भी साबित हो सकते हैं। मेडिकल विशेषज्ञों और वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, टाइट कपड़े पहनने वाली महिलाओं में कई तरह की बीमारियां ज्यादा पाई जाती हैं। आइए जानते हैं कि कौन-सी हैं ये बीमारियां और कैसे ये धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI)

टाइट अंडरवियर और स्किन-फिट पैंट्स पहनने से महिला जननांग क्षेत्र में हवा का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे नमी और गर्मी बढ़ जाती है। यह बैक्टीरिया को पनपने का मौका देता है और UTI का खतरा बढ़ जाता है।

रिसर्च रेफरेंस: International Journal of Gynecology (2021) के अनुसार, टाइट कपड़े पहनने वाली महिलाओं में UTI की घटनाएं 40% अधिक देखी गईं।

फंगल और यीस्ट इंफेक्शन

लेगिंग्स, योगा पैंट्स या सिंथेटिक टाइट कपड़े पहनने से त्वचा ‘ब्रीद’ नहीं कर पाती और पसीने के कारण फंगस बढ़ता है। इससे योनि संक्रमण (Vaginal Candidiasis), स्किन रैशेज और खुजली की समस्या बढ़ जाती है।

रिसर्च रेफरेंस: Dermatology Reports (2018) के अनुसार, स्किन-टाइट कपड़े नियमित रूप से पहनने वाली महिलाओं में यीस्ट इंफेक्शन की दर दोगुनी पाई गई।

प्रजनन क्षमता पर असर

पेट और कमर पर लगातार दबाव रहने से हार्मोनल असंतुलन और पेल्विक फ्लो में रुकावट आती है, जिससे महिला की प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

रिसर्च रेफरेंस: Reproductive Health Journal (2017) की रिपोर्ट बताती है कि अत्यधिक टाइट कपड़े पहनने से महिलाओं में PCOS जैसी स्थिति अधिक देखने को मिलती है।

 मेराल्जिया पैरास्थेटिका (Meralgia Paresthetica)

यह एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है जिसमें जांघों और हिप्स के पास की नसों पर टाइट जींस से दबाव पड़ता है, जिससे झनझनाहट, सुन्नता या जलन जैसी तकलीफ होती है।

रिसर्च रेफरेंस: Journal of Neurosurgery (2003) में बताया गया कि स्किन-फिट जींस पहनने वाली महिलाओं में यह समस्या पुरुषों की तुलना में दोगुनी देखी गई।

पाचन तंत्र में गड़बड़ी

टाइट बेल्ट्स या पेट को दबाने वाले कपड़े पेट की नॉर्मल मूवमेंट को रोकते हैं जिससे एसिड रिफ्लक्स, गैस और ब्लोटिंग जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

रिसर्च रेफरेंस: American Journal of Gastroenterology (2005) के अनुसार, टाइट कपड़े पहनने से GERD (गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स डिज़ीज) का खतरा 2.5 गुना तक बढ़ सकता है।

ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट

अत्यधिक टाइट कपड़े शरीर के विभिन्न हिस्सों में रक्त प्रवाह को प्रभावित करते हैं, खासकर कमर, जांघ और छाती में। इससे पैरों में सुन्नता, थकान और मांसपेशियों में दर्द होता है।

रिसर्च रेफरेंस: British Journal of General Practice (2009) में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, लंबे समय तक टाइट कपड़े पहनने से लोअर बॉडी में Deep Vein Thrombosis (DVT) का खतरा बढ़ सकता है।

फैशन बुरा नहीं है। लेकिन अगर वह आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाए तो सतर्क होना जरूरी है। महिलाओं के शरीर की बनावट और हॉर्मोनल सिस्टम बेहद संवेदनशील होते हैं और लगातार स्किन-फिट कपड़े पहनना इन पर बुरा असर डाल सकता है। इसलिए आप सप्ताह में कुछ दिन ढीले, कॉटन या लिनन के कपड़े पहनने की आदत डालें। साथ ही रात को सोते समय टाइट कपड़े बिल्कुल न पहनें। स्किन इंफेक्शन या जलन हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। फैशन और सेहत के बीच संतुलन बनाए रखना ही बुद्धिमानी है।


डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

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