पुरुषों की तुलना में महिलाओं को क्यों जल्दी होता है UTI इंफेक्शन?
बार-बार यूरिन इंफेक्शन होने की समस्या महिलाओं अक्सर परेशान करती है। कभी पब्लिक वॉशरूम से तो कभी आफ्टर फिजिकल रिलेशन कैसे ये इंफेक्शन गिरफ्त में ले लेता है...;
Urinary Tract Infection: आज के समय में यूटीआई (मूत्र tract संक्रमण) एक आम स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, खासकर महिलाओं में। आंकड़ों के अनुसार, हर दूसरी महिला को जीवन में कम से कम एक बार यूटीआई का अनुभव होता है। लेकिन आखिर क्यों महिलाओं को पुरुषों की तुलना में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन जल्दी और ज्यादा होता है? आइए इसके पीछे के कारण और इससे बचने के उपाय जानते हैं...
महिलाओं में UTI के अधिक होने के कारण
महिलाओं की शारीरिक रचना (Anatomy)- महिलाओं की urethra (मूत्रमार्ग) पुरुषों की तुलना में छोटी होती है। औसतन महिलाओं की मूत्रमार्ग की लंबाई 3-4 सेमी होती है जबकि पुरुषों की लगभग 20 सेमी होती है। छोटी लंबाई के कारण बैक्टीरिया के लिए ब्लैडर (मूत्राशय) तक पहुंचना आसान हो जाता है। इससे संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।
मलाशय और मूत्रमार्ग की निकटता- महिलाओं में anus (मलद्वार) और urethral opening (मूत्रमार्ग का छिद्र) एक-दूसरे के काफी पास होते हैं। इससे आंतों के बैक्टीरिया, खासकर Escherichia coli (E. coli) के मूत्रमार्ग में प्रवेश करने और संक्रमण फैलाने की संभावना बढ़ जाती है।
हार्मोनल बदलाव- महिलाओं में मासिक धर्म चक्र, प्रेगनेंसी और मेनोपॉज जैसे hormonal changes के कारण यूरिनरी ट्रैक्ट के pH और इम्यूनिटी में बदलाव आते हैं। इससे संक्रमण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है।
सेक्सुअल इंटरकोर्स- संभोग के दौरान बैक्टीरिया urethra में धकेले जा सकते हैं। शोध के अनुसार, सेक्स के 24 घंटे के भीतर UTI का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए इसे honeymoon cystitis भी कहा जाता है।
कंट्रासेप्टिव का उपयोग- स्पर्मिसाइड और डाइअफ्राम जैसे गर्भनिरोधक उपाय मूत्रमार्ग की नैचुरल फ्लोरा को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे बैक्टीरिया के बढ़ने की संभावना होती है।
UTI से बचाव के उपाय
ढेर सारा पानी पिएं – रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने से मूत्रमार्ग साफ रहता है और बैक्टीरिया बाहर निकल जाते हैं।
यूरिन को ज्यादा देर तक न रोकें – मूत्र को रोकना संक्रमण का खतरा बढ़ा सकता है। हर 3-4 घंटे में पेशाब करना फायदेमंद है।
साफ-सफाई का ध्यान रखें – टॉयलेट का उपयोग करने के बाद आगे से पीछे की ओर साफ करें ताकि बैक्टीरिया anus से urethra में न पहुंचे।
सेक्स के बाद पेशाब करें – संभोग के बाद पेशाब करने से बैक्टीरिया बाहर निकल जाते हैं और संक्रमण से बचाव होता है।
परफ्यूम युक्त साबुन या intimate washes का कम उपयोग करें – ये vagina और urethra के नैचुरल pH को खराब कर सकते हैं।
कॉटन की अंडरवियर पहनें और टाइट कपड़े कम पहनें – इससे पसीना और नमी कम होती है, जिससे बैक्टीरिया की वृद्धि रोकने में मदद मिलती है।
रिसर्च क्या कहती है?
एक स्टडी (Foxman B, 2003) के अनुसार, महिलाओं में UTI की lifetime prevalence 50-60% तक होती है, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा 12% से कम होता है। वहीं, 20-40 साल की उम्र की महिलाओं में यौन सक्रियता और हार्मोनल बदलाव के कारण UTI सबसे ज्यादा देखने को मिलता है।
इसी तरह, एक और शोध (Hooton TM, 2012) बताता है कि महिलाओं में छोटी urethra और urethral opening की anus के करीब होने के कारण E. coli संक्रमण के 80-90% मामले होते हैं।
महिलाओं में यूटीआई होना उनकी शारीरिक बनावट, हार्मोनल बदलाव और अन्य कारणों से ज्यादा आम है। हालांकि, कुछ सरल उपायों और सतर्कता से इससे बचा जा सकता है। यदि बार-बार यूटीआई होता है या बुखार, पीठ दर्द या खून वाली पेशाब के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।