वो गीलापन असहज कर देता है...जानें वाइट डिस्चार्ज से जुड़ी जरूरी बातें

वजाइना से सफेद पदार्थ का रिसाव अधिक मात्रा में होना, किसी महिला को असहज करने वाली स्थिति होती है। जानें, वाइट डिस्चार्ज से जुड़ी वो हर बात जो आपको पता होनी चाहिए;

Update: 2025-03-09 14:32 GMT

White discharge Causes: पीरियड्स शुरू होने के समय से लेकर मेनोपॉज की स्थिति आने तक वजाइना (योनि) से एक तरह का सफेद रंग का रिसाव होना एक प्राकृतिक स्थिति है। यह नेचर का ही एक तरीका है, महिलाओं के जनानांग यानी रिप्रोडक्टिव सिस्टम को हेल्दी रखने का। लेकिन जब इस डिस्चार्ज की मात्रा बढ़ जाती है तो ये स्थिति किसी भी महिला को असहज कर देने वाली होती है। क्योंकि इस रिसाव के कारण आपके अंत:वस्त्र (Innerwear) गीले हो जाते हैं...और अगर उस समय पर आप कहीं बाहर हैं और इन्हें चेंज करने की स्थिति में नहीं हैं तो ये गीलापन इंफेक्शन बढ़ने की वजह भी बन सकता है। इसलिए अपनी पर्सनल हेल्थ को ध्यान में रखते हुए आपको वाइट डिस्चार्ज से जुड़ी हर जरूरी बात जान लेनी चाहिए...

सफेद डिस्चार्ज क्या है?

सफेद डिस्चार्ज, जिसे लीकोरिया (Leukorrhea) भी कहा जाता है, एक प्राकृतिक और आम घटना है। यह गर्भाशय ग्रीवा और योनि के अंदर की ग्रंथियों द्वारा उत्पन्न तरल पदार्थ है, जो इस क्षेत्र को स्वच्छ और संक्रमण से मुक्त रखने में मदद करता है। यह आमतौर पर पारदर्शी या सफेद होता है और इसका संघटन आपके मासिक धर्म चक्र (Periods Cycle) के अनुसार बदल सकता है। अधिकांश मामलों में सफेद डिस्चार्ज पूरी तरह से सामान्य और महिला के प्रजनन स्वास्थ्य का हिस्सा होता है।

कब-कब होता है वाइट डिस्चार्ज?

इस डिस्चार्ज के कई कारण हो सकते हैं, जो डिस्चार्ज की मात्रा, बनावट और रंग को प्रभावित करते हैं। आइए इसे विस्तार से समझते हैं...

मासिक धर्म चक्र के दौरान और विशेष रूप से ओवुलेशन, गर्भावस्था या जन्म नियंत्रण की गोलियां (Pills) शुरू या बंद करने पर, आपके हार्मोन के स्तर में बदलाव आता है। ये बदलाव डिस्चार्ज के उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं। जबकि कुछ मामलों में सफेद डिस्चार्ज संक्रमण (Infections) जैसे यीस्ट संक्रमण या बैक्टीरियल वैजिनोसिस (BV) का संकेत हो सकता है। इस प्रकार का डिस्चार्ज मोटा और बदबूदार हो सकता है। वहीं, प्रेग्नेंसी (Pregnancy) में शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ने से वाइट डिस्चार्ज की मात्रा में वृद्धि हो जाती है। इस समय पर होने वाला डिस्चार्ज आमतौर पर पारदर्शी या सफेद होता है और यदि इसमें कोई और लक्षण जैसे खुजली या गंध नहीं है तो यह हानिरहित माना जाता है।

उच्च तनाव (Stress) के स्तर से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो योनि से अधिक डिस्चार्ज का कारण बन सकता है। लेकिन जैसे ही तनाव कम होता है, यह सामान्य हो जाता है। वहीं, यौन उत्तेजना (Sexual Arousal) के समय शरीर स्वाभाविक रूप से अधिक डिस्चार्ज उत्पन्न करता है ताकि योनि को चिकना रखा जा सके। यह डिस्चार्ज आमतौर पर पारदर्शी और चिकना होता है। लेकिन कभी-कभी यह सफेद भी हो सकता है।

कब आपको चिंता करनी चाहिए?

हालांकि वाइट डिस्चार्ज होना सामान्य है। लेकिन ये बहुत महत्वपूर्ण है कि आप इसमें होने वाले किसी भी बदलाव पर ध्यान दें। क्योंकि वाइट डिस्चार्ज में होने वाले बदलाव आमतौर पर संक्रमण या शरीर के अंदर पल रही किसी बीमारी का संकेत देते हैं। यहां जानें कि किस तरह के बदलावों को आप सतर्कता से लें और इन्हें रेड सिग्नल समझें...

यदि आपका डिस्चार्ज मोटा, गांठदार और सफेद (Thick, Cottage Cheese-like Discharge) हो जाता है तो यह यीस्ट संक्रमण का संकेत हो सकता है। यदि आपको डिस्चार्ज के साथ खुजली, जलन या दर्द (Itching, Burning, or Pain) महसूस होता है तो यह इंफेक्शन का संकेत हो सकता है, जिसे उपचार की आवश्यकता हो सकती है। जब सफेद डिस्चार्ज के साथ तेज, अप्रिय गंध (Foul Odor) आ रही हो तो यह बैक्टीरियल वैजिनोसिस या किसी अन्य संक्रमण का संकेत हो सकता है। वहीं, डिस्चार्ज का रंग पीला या हरा हो जाता है तो यह संक्रमण का संकेत होता है और इस स्थिति में आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

सफेद डिस्चार्ज का उपचार

अगर आप ऊपर दिए गए लक्षणों में से किसी का अनुभव कर रही हैं या बस यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि सब कुछ ठीक है या नहीं तो यहां कुछ उपचार दिए गए हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं...

किसी भी डाउट को क्लियर करने का सबसे अच्छा उपाय तो यही है कि आप डॉक्टर से मिलें और यदि आपको यीस्ट संक्रमण के लिए एंटीफंगल दवाएं या बैक्टीरियल वैजिनोसिस के लिए एंटीबायोटिक्स लेने की नीड होगी तो वे आपको दवाएं (Medications For White Discharge) लिख देंगे। इसके अलावा आप अपनी डायट में प्रोबायोटिक्स (Probiotics) का सेवन बढ़ाकर योनि में बैक्टीरिया के प्राकृतिक संतुलन बनाए रख सकती हैं, जो यीस्ट संक्रमण और बैक्टीरियल वैजिनोसिस को रोकने में सहायक होता है। प्रोबायोटिक्स फूड जैसे, दही, छाछ, पनीर, इडली, डोसा, ढोकला इत्यादि ऐसे भोजन जिन्हें तैयार करते समय खमीर उठाया जाता हो।

इन सबके साथ ही आपको अपनी हाइजीन पर बहुत ध्यान देना है। अपनी योनि को साफ और सूखा रखें। माइल्ड, बिना खुशबू वाले साबुन का उपयोग करें और योनि के प्राकृतिक pH स्तर को बनाए रखने के लिए डाउचिंग या डूशिंग (Douching) से बचें। वेजाइनल हेल्थ को मेंटेन रखने के लिए जरूरी होता है कि महिलाएं बहुत अधिक टाइट पैंट, जीन्स या अन्य लिवास पहनने से बचें (Avoid Tight Clothing)। सिंथेटिक अंडरवियर पहनने से नमी फंसी रहती है, जिससे बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं। बेहतर वायु प्रवाह (Air Crossing) के लिए ढीले कपड़े और कॉटन अंडरवियर पहनें।

सफेद डिस्चार्ज को कैसे रोका जा सकता है?

यदि सफेद डिस्चार्ज की समस्या अपने हानिकारक स्तरत पर पहुंच चुकी है तो आप स्वस्थ आहार (Healthy Diet) लें जैसे, ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज। इस डायट से मिलने वाली ऊर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी वजाइनल संक्रमण को बढ़ने से रोकने में मदद करेगी।

हाइड्रेटेड रहें (Stay Hydrated) यानी पर्याप्त पानी पिएं और शरीर के अंदर तरलता बनाए रखें, जिससे डिस्चार्ज सामान्य स्तर पर रहता है।सुरक्षित सेक्स प्रैक्टिस करें (Practice Safe Sex) ताकि यौन संक्रमण (STIs) से बचाव हो सके। साथ में तनाव को कम करें (Manage Stress) क्योंकि उच्च तनाव आपके हार्मोनल स्तर को प्रभावित कर सकता है। इसलिए योग या ध्यान जैसी विश्राम तकनीकों के माध्यम से तनाव को कम करना डिस्चार्ज को सामान्य बनाए रख सकता है।

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