अन्नदाताओं के लिए खुल सकता है सरकारी खजाना, बजट 2025 से बढ़ी उम्मीद
Budget 2025: किसानों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पिटारे से बहुत उम्मीदें हैं। कई अच्छी घोषणाएं हो सकती हैं जिससे अन्नदाताओं को लाभ मिलेगा।;
Budget 2025-26: केंद्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की झोली में किसानों के लिए बहुत कुछ है जिसका खुलासा आम बजट 2025 प्रस्तुत करते हुए हो सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी 2025 को आम बजट संसद के पटल पर रखेंगी। आम बजट से समाज के सभी वर्गों को कुछ न कुछ राहत मिलने की उम्मीद लगाई जा रही है।
किसानों को वित्त मंत्री (Finance Minister Nirmala Sitharaman) के बजट पिटारे से बहुत उम्मीदें हैं। कई अच्छी घोषणाएं हो सकती हैं जिससे अन्नदाताओं को लाभ मिलेगा। आम बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की किस्तों में वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है। लेकिन किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) की ऋण का दायरा जरूर बढ़ेगा, जिसकी कई मर्तबा घोषणा हो चुकी है। वित्त मंत्री कृषि और संबंधित गतिविधियों के लिए आवंटन में बढ़ोतरी की भी संभावना है। कृषि अर्थशास्त्र के जानकारों की मानें तो हाल के कुछ वर्षों में इस बार कृषि और उससे जुड़े क्षेत्र के लिए सबसे बड़ा बजट आवंटन हो सकता है।
ग्रामीण क्षेत्र पर फोकस
आम बजट में सरकार का मुख्य फोकस ग्रामीण क्षेत्रों (Rural Development) की आर्थिक स्थिति में सुधार करने पर की होगी। प्रति व्यक्ति आमदनी बढ़ाने के उपायों को लेकर कई अहम घोषणा हो सकती है। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक कृषि क्षेत्र के लिए आवंटन को बढ़ाकर पौने दो लाख करोड़ किया जा सकता है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए का बजट आवंटन किया गया था। बजट आवंटन में वृद्धि का उद्देश्य गुणवत्तायुक्त अधिक उपज वाले बीजों को विकसित करने, गोदामों की संख्या बढ़ाने, कृषि क्षेत्र के लिए आधुनिक मशीनरी, कृषि ऋण और अन्य बुनियादी ढांचे में सुधार होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आय बढ़ने से अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। भारत में अभी भी 45 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि क्षेत्र पर निर्भर है, जिनकी रोजी रोटी का एकमात्र आधार है। ऐसे में यह कदम ग्रामीण विकास और आर्थिक मजबूती के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
‘ई-समृद्धि’ पोर्टल पर बेचें अपनी उपज
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किसानों की उपज की सरकारी खरीद सुनिश्चित करने के लिए सहकारी संस्थाओं को दायित्व सौंपा है। इसके लिए ‘ई-समृद्धि’ नामक एक राष्ट्रीय पोर्टल भी लॉच किया गया है। इसके माध्यम से किसान MSP या बाजार कीमतों पर अपनी फसल बेच सकते हैं। यह सुविधा अन्य फसलों के लिए भी उपलब्ध कराई जाएगी। पोर्टल पर पंजीकृत किसानों की फसलें नेफेड (NAFED) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NCCF) जैसी एजेंसियों द्वारा खरीदी जाएंगी।
दलहन-तिलहन पर रिवाल्विंग फंड
आम बजट 2025 पेश करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण किसानों की मांगों को पूरा करने इसे एक मौके के रूप में पेश कर सकती हैं। वित्त मंत्री अपने बजट भाषण में खाद्य सब्सिडी को बढ़ाकर गेहूं और चावल की खरीद जारी रखने प्रावधान कर सकती हैं। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर दलहन और तिलहन की सुनिश्चित खरीद के लिए राज्य सरकारों को मदद देने के बाबत एक रिवॉल्विंग फंड की घोषणा की जा सकती है।
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) के तहत कई योजनाओं को एकीकृत किया गया है। इसके तहत मूल्य स्थिरीकरण कोष (PSF), मूल्य समर्थन योजना (PSS) और जल्दी खराब होने वाली फसलों के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS) को एक साथ लाया गया है। वर्ष 2024 के आम बजट में सरकार ने 10,000 करोड़ रुपए तक की वृद्धि की थी।
नई नीति के अनुसार 2024-25 सीजन से 25 प्रतिशत दलहन, तिलहन और नारियल का MSP पर राष्ट्रीय उत्पादन के अनुसार खरीद की जा रही है। इसके लिए सरकार ने 45,000 करोड़ रुपये की गारंटी भी दी है। इस योजना की उपयोगिता को देखते हुए वित्त मंत्री इसमें वृद्धि कर सकती हैं।