बदलते अंतरराष्ट्रीय समीकरण, कश्मीर मुद्दे की गिरती PAK की अहमियत

अब पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर पर समर्थन नहीं मिल रहा है। पहलगाम जैसे आतंकी हमले से वह और अलग-थलग पड़ सकता है। देश बिना ठोस वजह के एक-दूसरे से दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहते।;

Update: 2025-04-24 10:07 GMT

पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कम से कम 26 भारतीय पर्यटकों की जान चली गई। यह हमला उस समय हुआ, जब अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस भारत में थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की यात्रा पर थे। इससे लगता है कि हमले का मकसद वैश्विक ध्यान खींचना था।

कश्मीर मुद्दे की कम होती अहमियत

हाल के महीनों में कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को पहले जैसा समर्थन नहीं मिल रहा है। तुर्किये (पहले तुर्की) जैसे देश, जो लंबे समय से पाकिस्तान का समर्थन करते आए हैं, अब कश्मीर पर चुप्पी साधे हुए हैं। पिछले साल संयुक्त राष्ट्र में तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कश्मीर की बजाय गाजा पर ध्यान दिया।

पहलगाम हमले के बाद तुर्किये और ईरान दोनों ने हमले की निंदा की। जबकि ईरान पहले समय-समय पर पाकिस्तान का पक्ष लेता रहा है। पाकिस्तान ने भी इस हमले से खुद को अलग बताया। लेकिन भारत ने इस सफाई को गंभीरता से नहीं लिया और कड़े कूटनीतिक कदम उठाए।

पुराने हमलों की याद

यह हमला ऐसे समय पर हुआ है, जब एशिया और दुनिया के राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं। इससे पहले 2019 में पुलवामा हमला और 2008 में मुंबई हमला हुए थे, जिनमें कई जानें गई थीं। कुछ लोग मानते हैं कि यह हमला अमेरिका से भारत लाए गए तहव्वुर राणा की गिरफ्तारी का जवाब हो सकता है, जो मुंबई हमले का आरोपी है या फिर यह हमला पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हाल ही में हुए ट्रेन अपहरण की प्रतिक्रिया हो सकता है, जिसमें पाकिस्तान ने भारत और अफगानिस्तान पर उकसाने का आरोप लगाया था।

बदलते अंतरराष्ट्रीय रिश्ते

एशिया में कई देशों के रिश्ते अब बदल रहे हैं। सऊदी अरब, जो पहले पाकिस्तान का करीबी था, अब भारत से नज़दीकियां बढ़ा रहा है। वहीं तुर्किये, जो पहले भारत का मित्र था, अब पाकिस्तान के करीब दिख रहा है। भारत ने तुर्किये के साथ एक बड़ी शिपबिल्डिंग डील को भी रद्द कर दिया है।

FATF और पाकिस्तान को मिली राहत

FATF (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) ने अक्टूबर 2022 में पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ से बाहर कर दिया था। भारत को लगता था कि FATF की निगरानी में पाकिस्तान आतंक से जुड़े कदम नहीं उठाएगा। लेकिन पुलवामा और अब पहलगाम के हमले ने इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

तुर्किये की सीमित भूमिका

तुर्किये BRICS समूह में शामिल होना चाहता है। लेकिन भारत ने इसमें खास रुचि नहीं दिखाई। इसलिए तुर्किये भी भारत को नाराज़ नहीं करना चाहता, जिससे उसके पाकिस्तान से रिश्तों की भी सीमा तय हो जाती है।

भारत और इस्लामिक देशों के रिश्ते

भारत ने सऊदी अरब, यूएई और अन्य अरब देशों के साथ अपने संबंध मजबूत बनाए हैं। इन देशों ने अब पाकिस्तान की बजाय भारत के साथ व्यापार और सहयोग को प्राथमिकता दी है।

कश्मीर पर समर्थन घटा

पश्चिमी देश, खासकर अमेरिका, अब कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन नहीं करते। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की थी, जिसे भारत ने ठुकरा दिया। चीन ने भी धारा 370 हटाए जाने पर हल्की प्रतिक्रिया दी थी और अब वह भारत के साथ व्यापार बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है।

Tags:    

Similar News