IndvsEng: लीड्स में लुढ़की टीम इंडिया, कप्तानी और रणनीति दोनों फेल

लीड्स टेस्ट में भारत को 5 विकेट से हार मिली। खराब कप्तानी, फील्डिंग और बुमराह पर निर्भरता टीम की हार की वजह बनी। यही नहीं शुभमन गिल की कप्तानी पर उठे सवाल।;

Update: 2025-06-25 09:34 GMT

Ind vs Eng Test Series:  भारतीय क्रिकेट टीम को इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में खेले गए पहले टेस्ट मैच में 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। यह हार इसलिए भी चौंकाने वाली रही क्योंकि भारत यह मुकाबला जीतने की स्थिति में था। लेकिन खराब फील्डिंग, हड़बड़ी में ली गई कप्तानी के फैसले, और निचले क्रम के बल्लेबाजों के निराशाजनक प्रदर्शन ने भारत की संभावित जीत को हार में बदल दिया। इस हार के साथ भारत पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 0-1 से पिछड़ गया है। अगला मुकाबला 2 जुलाई से एजबस्टन में खेला जाएगा।

यह मुकाबला विराट कोहली और रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद भारतीय टीम का पहला टेस्ट मैच था। बल्लेबाज़ी में भले ही उनकी कमी उतनी नहीं खली, लेकिन फील्डिंग में खासकर कोहली की ऊर्जा और स्लिप में उनकी मौजूदगी की कमी साफ महसूस हुई। कोहली अक्सर खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाते दिखते थे, लेकिन इस टीम में वह जोश गायब दिखा।

बुमराह पर निर्भरता भारी पड़ी

जसप्रीत बुमराह ने एक बार फिर अपनी उपयोगिता साबित की। पहली पारी में उन्होंने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए 5 विकेट चटकाए और भारत को 6 रन की बढ़त दिलाई। लेकिन दूसरी पारी में वह विकेट नहीं ले सके और पूरी टीम की गेंदबाजी बिखर गई। यह हार दिखाती है कि भारतीय टीम अभी भी बुमराह पर जरूरत से ज़्यादा निर्भर है।

कप्तान गिल की रणनीति में झोल

शुभमन गिल ने इस मैच में बतौर कप्तान पदार्पण किया और शतक भी जड़ा, लेकिन उनकी कप्तानी में अनुभव की कमी साफ दिखी। वे गेंदबाजों को सही से रोटेट नहीं कर सके और फील्डिंग सेटअप भी रक्षात्मक रहा। नाजुक मौकों पर स्पष्ट रणनीति की कमी ने टीम को नुकसान पहुंचाया।

पर्सनल रिकॉर्ड्स, लेकिन टीम नाकाम

मैच में भारतीय बल्लेबाज़ों ने कुल पांच शतक लगाए। ऋषभ पंत (दो बार), शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल। इसके बावजूद टीम मैच हार गई। यह दर्शाता है कि व्यक्तिगत प्रदर्शन और टीम की जीत के बीच तालमेल नहीं बैठ पाया।

जोश और जज़्बे की कमी

मैच के आखिरी दिन जब इंग्लैंड ने तेज़ी से रन बनाकर मुकाबले पर कब्जा जमाया, तब भारतीय खिलाड़ियों की बॉडी लैंग्वेज में गिरावट देखी गई। खिलाड़ियों में थकान, भ्रम और रणनीतिक असमंजस साफ नज़र आया। जीत की भूख कहीं खो सी गई थी।

टीम संयोजन पर करना होगा मंथन

लीड्स की हार ने एक बार फिर साफ कर दिया कि केवल टैलेंट से काम नहीं चलता, अनुभव और रणनीतिक संतुलन भी जरूरी है। अगले टेस्ट में अर्शदीप सिंह जैसे बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ को मौका दिया जाना चाहिए। साथ ही, चाइनामैन कुलदीप यादव भी उपयोगी हो सकते हैं, जिनकी स्पिन इंग्लैंड की पिचों पर कारगर साबित हो सकती है।

लीड्स टेस्ट भारत के लिए एक चेतावनी की तरह आया है। कोहली और रोहित की गैरमौजूदगी में नई पीढ़ी को केवल स्कोर बनाकर नहीं, बल्कि टीम को संकट से निकालने की जिम्मेदारी भी निभानी होगी। 

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