तुम्हारा विकेट तो मैं ही लूंगा, सचिन तेंदुलकर ने किसके लिए कही थी ये बात
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने मुल्तान टेस्ट का खास तरीके से जिक्र किया। उन्होंने बताया कि कैसे मोइन खान को उन्होंने आउट किया था।
By : Lalit Rai
Update: 2024-09-23 09:02 GMT
कहा जाता है कि कुछ लोग पैदा ही इतिहास रचने के लिए होते हैं। अगर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को उस श्रेणी में रखा जाए तो गलत नहीं होगा। सचिन तेंदुलकर के बारे में आम धारणा यही है कि वो बैटिंग के जरिए बोलर को पस्त कर देते थे। लेकिन ऐसा नहीं वो बेहतरीन बोलर भी रहे हैं। पिच पर बैट्समैन के छक्के छुड़ा देते थे। यहां हम उनसे जुड़े एक खास प्रसंग का जिक्र करेंगे जब उन्होंने एक बैट्समैन से कहा था कि तुम्हारा विकेट तो मैं ही लूंगा और उन्होंने उसे करके दिखाया भी। तेंदुलकर, फ्रंटलाइन बोलर नहीं थे। लेकिन मीडियम पेस,ऑफ स्पिन, लेग स्पिन से बल्लेबाज के लिए मुश्किल खड़ी कर देते थे। एक तरह से मेन बोलर की मदद करते थे।
टेस्ट क्रिकेट में 200 मैच खेलकर 46 विकेट चटकाए। उन्होंने कुछ वैसी पारियों को तोड़ने में मदद की जब टीम को अधिक दरकार थी। टेस्ट में उनका बेस्ट रिकॉर्ड 10 रन देकर तीन विकेट लेने का है। 2004 में जब भारत की टीम ने पाकिस्तान में मुल्तान का दौरा किया था। उस मैच में वीरेंद्र सहवाग ने 309 रन की पाली खेली थी और नाम मुल्तान का सुल्तान मिला। सहवाग ऐसे पहले क्रिकेटर बने जिन्होंने टेस्ट मैच में तिहरा शतक लगाया। मुल्तान का मैच कप्तान राहुल द्रविड़ के लिए भी यादगार रहा था। लेकिन यहां कहानी कुछ और ही है।
भारत ने पांच विकेट पर जब पहली पारी को 675 के स्कोर पर घोषित किया था। पहली पारी में पाकिस्तान के भी पांच विकेट गिर चुके थे. हालांकि अब्दुल रज्जाक और मोइन खान भारत की घातक गेंदबाजी से खुद की टीम को बचा रहे थे। मैच के तीसरे दिन तेंदुलकर अंतिम ओवर फेंक रहे थे। गेम से पहले तेंदुलकर ने मोइन खान को चुनौती देते हुए कहा कि तुम्हारा विकेट तो मैं ही लूंगा। माइंड गेम का इस्तेमाल करते हुए तेंदुलकर ने फील्डर को दो तीन आगे पीछे करते थे ताकि स्ट्राइक पर मोइन खान आ सकें। बड़ी बात यह कि इस प्रयोग से मोइव पूरी तरह नर्वस हो चुके थे और तेंदुलकर की गेंद पर क्लीन बोल्ड हो गए।