विनोद कांबली ने तोड़ी चुप्पी, दुनिया के सामने खोली सचिन तेंदुलकर की सच्चाई! कहा- जब मैं...
Vinod Kambli: एक इंटरव्यू में कांबली ने सचिन के साथ अपनी दोस्ती के बारे में भी खुलकर बात की. खासकर जब उनका रिश्ता खराब दौर से गुजर रहा था.;
Vinod Kambli spoke about Sachin Tendulkar: भारतीय क्रिकेट में विनोद कांबली (Vinod Kambli) एक ऐसा नाम है, जिसने दुनिया के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी. दोनों को कोच रमाकांत आचरेकर ने साथ में क्रिकेट की बारीकियां सिखाई थीं. एक समय विनोद कांबली भी करियर के शिखर पर थे. लेकिन फिर जीवन में ऐसा मोड़ आया कि उनके गाड़ी पटरी पर उतरते चली गई, जो फिर कभी उभर नहीं पाई. वहीं, उनके दोस्त सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) करियर की ऊंचाईयों को छूते चले गए और सन्यास लेने तक उसी स्थिति में बने रहे. अब जब कि दोनों खिलाड़ियों और दोस्तों की तुलना हो रही है तो सचिन (Sachin Tendulkar) जहां काफी जवान और सेहतमंद दिखते हैं. वहीं, कांबली (Vinod Kambli) बुजुर्ग और बीमार दिखने लगे हैं.
अपने समय के सबसे प्रतिभाशाली भारतीय क्रिकेटरों में से एक विनोद कांबली (Vinod Kambli) कभी भी वह मुकाम हासिल नहीं कर पाए, जो उन्हें मिलना चाहिए था. उनके दोस्त और पूर्व साथी सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar), जिन्होंने कांबली (Vinod Kambli) के साथ अपना करियर शुरू किया था. समय के साथ सचिन दुनिया के अब तक के सबसे महान बल्लेबाज बन गए. जब दोनों पूर्व क्रिकेटर अपने पूर्व कोच रमाकांत आचरेकर की स्मृति समारोह में मिले तो दोनों के सेहत के अंतर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया.
इसके बाद पूरे भारतीय क्रिकेट जगत ने कांबली (Vinod Kambli) के स्वास्थ्य को लेकर चिंता व्यक्त की. वहीं, एक इंटरव्यू में कांबली (Vinod Kambli) ने सचिन के साथ अपनी दोस्ती के बारे में भी खुलकर बात की. खासकर साल 2009 की घटना के बारे में, जब उनका रिश्ता खराब दौर से गुजर रहा था. उस समय कांबली ने सचिन (Sachin Tendulkar) पर उनसे मुंह मोड़ने का आरोप भी लगाया था. हालांकि, अब उन्होंने इस पर सफाई दी है. पूर्व बल्लेबाज ने बताया कि 2013 में जब उनकी सर्जरी हुई थी, तब तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने उनके कई मेडिकल बिलों का भुगतान किया थाय
कांबली (Vinod Kambli) ने खुलासा किया कि उस समय, मेरे दिमाग में यह बात आई कि सचिन (Sachin Tendulkar) ने मेरी मदद नहीं की. मैं बेहद निराश था. लेकिन सचिन ने मेरे लिए सब कुछ किया, जिसमें 2013 में मेरी दो सर्जरी का खर्च उठाना भी शामिल था. हमने बात की और बचपन की दोस्ती सामने आई. कांबली ने आगे कहा कि सचिन ने मुझे बताया कि कैसे खेलना है. मैंने नौ बार वापसी की. हम क्रिकेटर हैं; हमें चोट लगती है. जब हम आउट होते हैं तो हमें भी चोट लगती है.
अपने क्रिकेट के कुछ मील के पत्थरों को याद करते हुए कांबली (Vinod Kambli) को आज भी वानखेड़े में बनाया गया दोहरा शतक याद है, जब वह 1990 के दशक में प्रसिद्धि के शिखर पर पहुंचे थे. कांबली (Vinod Kambli) ने याद करते हुए कहा कि वानखेड़े में लगाया गया दोहरा शतक, मुझे सबसे ज़्यादा याद रहेगा. आचरेकर सर मेरे साथ थे और हमारी टीम बहुत अच्छी थी. मैं मुथैया मुरलीधरन और हमारे दूसरे विरोधियों के साथ मज़ेदार मुक़ाबले खेला करता था. उन्होंने कहा कि मेरा सफ़र परफेक्ट नहीं था. लेकिन मैंने अपना सब कुछ दिया. मैं अपने परिवार और सचिन जैसे दोस्तों के समर्थन के लिए आभारी हूं.