उत्तर प्रदेश में अब जन्म प्रमाण के रूप में नहीं चलेगा आधार कार्ड

योजना विभाग ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे बर्थ प्रूफ के तौर पर आधार स्वीकार न करें; बर्थ सर्टिफिकेट या मार्कशीट का करें इस्तेमाल।

Update: 2025-11-28 14:22 GMT
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Uttarpradesh Adharcar : उत्तर प्रदेश योजना विभाग ने 24 नवंबर को सभी विभागों के प्रमुखों को जन्म प्रमाण के रूप में आधार कार्ड न स्वीकार करने का निर्देश दिया है। यह आदेश UIDAI के 31 अक्टूबर, 2025 के पत्र के संदर्भ में जारी किया गया, जिसमें स्पष्ट कहा गया था कि “आधार कार्ड जन्म का प्रमाण नहीं है।”

सूत्रों ने बताया कि यह कदम ऐसे समय में आया है जब कुछ विभाग अभी भी आधार कार्ड को जन्म प्रमाण के तौर पर मान रहे थे।


आदेश का मुख्य बिंदु

स्पेशल सेक्रेटरी योजना अमित सिंह सिंघल ने सभी एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी और सेक्रेटरी को लिखा कि UIDAI के लखनऊ रीजनल ऑफिस ने बताया कि आधार कार्ड जन्म का प्रमाण नहीं है। इसके बावजूद कुछ विभाग अभी भी इसे बर्थ प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। आप सभी संबंधित लोगों को यह निर्देश दें कि वे आधार कार्ड को जन्म प्रमाण के तौर पर स्वीकार न करें।


सही दस्तावेज़ क्या हैं

अधिकारियों ने कहा कि बर्थ सर्टिफिकेट, हाई-स्कूल मार्कशीट और अन्य तय दस्तावेज़ का इस्तेमाल डेट ऑफ बर्थ के प्रमाण के लिए किया जा सकता है।

UIDAI का यह पत्र डिप्टी डायरेक्टर आदित्य प्रकाश बाजपेयी ने 31 अक्टूबर, 2025 को लखनऊ रीजनल ऑफिस से जारी किया था। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह निर्देश पहले भी दिया गया था, लेकिन कुछ विभाग अभी भी आधार को बर्थ प्रूफ के रूप में ले रहे थे।


निर्देश की आवश्यकता

अधिकारी बताते हैं कि यह निर्देश रिक्रूटमेंट और शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश जैसी जगहों पर विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहाँ उम्र एक अहम कट-ऑफ क्राइटेरिया होती है।


डिप्टी सीएम का समर्थन

उत्तर प्रदेश के डिप्टी मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस निर्देश की सराहना की और कहा कि ऐसे मामलों से बचाव होगा जब लोग अपने दस्तावेज़ बदलकर झूठे लाभ लेने की कोशिश करते हैं। यह एक अच्छा मैसेज है और सभी को इसका स्वागत करना चाहिए।


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