जानिये कौन से मंत्री को निभाना होगा; कौन सा चुनावी वादा?
दिल्ली चुनाव के दौरान भाजपा ने जनता के कई वादे किये हैं और उन वादों को पूरा करना बहुत जरुरी है। जानिये किसके पास कौनसे वादे को पूरा करने की ज़िम्मेदारी।;
Delhi Government's Ministries and Ministers : दिल्ली में प्रदेश सरकार का गठन हो चुका है। मंत्री मंडल की शपथ भी हो चुकी है। ऐसे में किसको क्या मिला और जो मिला वो कैसा मिला ये जानना भी जरुरी है।
किसे क्या मिला
1 - रेखा गुप्ता, मुख्यमंत्री दिल्ली सरकार - वित्त, योजना, सामान्य प्रशासन, महिला एवं बाल विकास, सेवाएं, राजस्व, भूमि एवं भवन, सूचना एवं जनसंपर्क, सतर्कता, प्रशासनिक सुधार।
अन्य मंत्रियों को आवंटित न किया गया कोई अन्य विभाग।
2- प्रवेश साहिब सिंह, मंत्री - पीडब्ल्यूडी, विधायी मामले, आईएंडएफसी, जल, गुरुद्वारा चुनाव।
3- आशीष सूद, मंत्री - गृह, बिजली, यूडी, शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा।
4- सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा, मंत्री - खाद्य एवं आपूर्ति, वन एवं पर्यावरण, उद्योग।
5- रविंदर सिंह (इंद्राज), मंत्री - समाज कल्याण, एससी एवं एसटी कल्याण, सहकारिता, चुनाव।
6- कपिल मिश्रा, मत्री - कानून एवं न्याय, श्रम विभाग, रोजगार विभाग, विकास, कला एवं संस्कृति, भाषा विभाग, पर्यटन विभाग।
7- डॉ. पंकज कुमार सिंह, मंत्री - स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, परिवहन, सूचना प्रौद्योगिकी।
कौनसे विभाग दिल्ली के लिहाज से हैं अहम
दिल्ली की बात करें तो ये केंद्र शाषित प्रदेश हैं, इसलिए यहाँ की सरकार के पास सिमित अधिकार हैं। अन्य राज्यों की तुलना में यहाँ विभाग सुनने में एक जैसे हो सकते हैं लेकिन उनमें जो अधिकार पूर्ण राज्य सरकार के पास होते हैं वो दिल्ली सरकार के पास नहीं हैं।
अहम विभाग
वित्त विभाग, राजस्व विभाग, जल, पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य, परिवहन, खाद्य एवं आपूर्ति, उद्योग, बिजली विभाग, शिक्षा, सहकारिता, रोज़गार विभाग, सतर्कता विभाग, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग।
अन्य जो विभाग हैं वो भी महत्वपूर्ण हैं लेकिन उक्त मंत्रालयों में दिल्ली सरकार के पास स्वतंत्र तौर पर काम करने के लिए ज्यादा अवसर हैं।
भाजपा के चुनावी वादों के हिसाब से कौनसे मंत्रालय से कौनसा वादा जुड़ा है।
यमुना – यमुना की बात की जाए तो इस चुनाव में ये सबसे बड़ा मुद्दा बना और यही वजह रही कि आम आदमी पार्टी को काफी नुक्सान उठाना पड़ा। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग यमुना नदी पर आश्रित है, संभव है कि यमुना की सफाई के लिए भी इसी विभाग की ज़िम्मेदारी बने। ये विभाग प्रवेश वर्मा के पास है।
दिल्ली की सड़कें – सड़कों की बात करें तो जो मुख्य मार्ग हैं, वो पीडब्लूडी विभाग के मातहत आती हैं। इस चुनाव में दिल्ली की सड़कों को लेकर भी जनता ने काफी शिकायतें की। अब भाजपा सरकार को सड़कों का हाल सुधारना है। ये विभाग भी प्रवेश वर्मा के पास है। दिल्ली के फ्लाईओवर आदि भी इसी विभाग के पास होते हैं।
जल – जल की बात करें तो दिल्ली चुनाव में तीसरा सबसे अहम मुद्दा जल ही था। ये विभाग भी प्रवेश वर्मा को सौंपा गया है। साफ़ और स्वच्छ जल दिल्ली की जनता को मिले, ये भाजपा का वादा रहा है।
वित्त विभाग – मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के पास है ये विभाग। किसी भी योजना को अंतिम रूप देने के लिए वित्त का होना जरुरी होता है और ये विभाग मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के पास है। चुनाव में जिस प्रकास से वादे किये गए, उन्हें पूरा करने के लिए वित्त विभाग का सहयोग बेहद जरुरी है, ऐसे में मुख्यमंत्री के पास इस विभाग का होना ये दर्शाता है कि को भी जरुरी का की फाइल वित्त के कारण लटके नहीं, या फिर गैर जरुरी काम पर फिजूल खर्ची न हो। महिलाओं को 2500 रूपये की आर्थिक सहायता देना भी वित्त विभाग की मंजूरी के बाद ही लागू की जा सकेगी।
सतर्कता विभाग – सतर्कता विभाग भी महत्वपूर्ण विभाग है, जो मुख्यमंत्री ने अपने पास रखा है। ख़ास तौर पर इस सरकार में ये अहम हो जाता है क्योंकि आम आदमी पार्टी की सरकार जाने के बाद भाजपा सरकार ने ये एलान किया है कि आप सरकार के कार्यों का अवलोकन होगा ताकि कहीं कोई घोटाला हुआ है तो उस पर त्वरित कार्रवाई की जाए। दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा भी इसी मंत्रालय के अन्दर आती है।
बिजली – बिजली विभाग भी वादों के लिहाज से काफी अहम है। भाजपा ने 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया है। ये विभाग आशीष सूद के पास है।
शिक्षा – आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली के शिक्षा विभाग को विश्वस्तरीय बनाने का दावा किया। अब जब भाजपा के पास दिल्ली सरकार की ज़िम्मेदारी आ गयी है तो भाजपा के पास दिल्ली के शिक्षा स्तर को न केवल बेहतर बनाने बल्कि और भी ज्यादा एडवांस करने की चुनौती है।
स्वास्थ्य – स्वास्थ्य विभाग की बात करें तो ये हमेशा से काफी अहम विभाग रहा है और इस चुनाव में भी काफी अहम रहा। भाजपा ने दिल्ली के लोगों को न केवल प्रधानमंत्री आयुषमान योजना लागू करने का वादा किया था बल्कि बुजुर्गो के लिए 5 लाख की सहायता दिल्ली सरकार द्वारा भी दिए जाने का वादा किया था। 20 फरवरी को सरकार के गठन के बाद दिल्ली सरकार की पहली कैबिनेट में इन दोनों ही वादों को पूरा करने के क्रम में मोहर लगाई गयी है। ये मंत्रालय डॉ पंकज कुमार सिंह के पास है।
परिवहन – दिल्ली में परिवहन ख़ास तौर से डीटीसी विभाग बेहद महत्वपूर्ण है। महिलाओं को फ्री बस सेवा और दिल्ली के लोगों के लिए बेहतर सार्वजानिक परिवहन की व्यवस्था करना काफी महत्वपूर्ण है। डीटीसी बसों की संख्या बढ़ाना सबसे बड़ी चुनौती है। ये विभाग भी डॉ पंकज सिंह के पास ही है।
खाद्य एवं आपूर्ति – देशभर में प्रधानमंत्री द्वारा आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के लोगों को मुफ्त में राशन वितरण की सुविधा दी जा रही है, लेकिन दिल्ली सरकार ने उस काम को सुचारू तरीके से लागू नहीं किया गया, ऐसा आरोप समय समय पर भाजपा द्वारा लगाया गया था। मनजिंदर सिंह सिरसा को ये मंत्रालय सौंपा गया है।
उद्योग – दिल्ली में कई इंडस्ट्रियल एरिया हैं, ऐसे में ये मंत्रालय भी बेहद अहम है। दिल्ली में इंडस्ट्रियल सप्लाई वाली बिजली देश में सबसे महंगी है। इसे लेकर व्यापारी वर्ग ने शिकायत भी की है, देखना होगा इसे मजिन्द्र सिंह सिरसा कैसे सुलझा पाते हैं।
वन एवं पर्यावरण - चुनाव के हिसाब से प्रदूषण का मुद्दा भी काफी अहम रहा। ऐसे में पर्यावरण मंत्रालय के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि दिल्ली में प्रदूषण के स्तर पर कैसे नियंत्रण पाया जाए। मनजिंदर सिंह सिरसा को ये मंत्रालय सौंपा गया है।
रोज़गार मंत्रालय – ये मंत्रालय कपिल मिश्रा के पास है। दिल्ली में चुनाव के दौरान गेस्ट टीचर्स हों या डीटीसी के मार्शल और ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों का मुद्दा, काफी जोर शोर से उठा था। दिल्ली सरकार में रोज़गार के अवसर पैदा करना और उक्त मामलों को सुलझाना कपिल मिश्रा के लिए चुनौती होगा।
समाज कल्याण एवं एससी एसटी - ये मंत्रालय रविन्द्र इन्दरराज को सौंपा गया है। चुनाव में एससी एसटी वर्ग को लेकर भी बहुत बड़े वादे किये गए हैं। जैसे एससी एसटी छात्रों को शिक्षा के लिए स्कालरशिप आदि या रोज़गार के लिए किये गए वादे।