धराली : टूटी इमारतों मे मलबे में दबे लोगों की खोजबीन, आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल
धराली में कई फीट मलबे के नीचे दबे लोगों को ढूंढ पाना सबसे बड़ी चुनौती है। लेकिन प्रभावित इलाके में टूटी हुई इमारतों के मलबे में दबे लोगों की तलाश की जा रही है।;
धराली के कई फीट मलबा पड़ा है। होटल, दुकानें और दूसरी इमारतें मलबे के नीचे दबी हैं। लेकिन जो इमारतें या घर धराशायी हुए हैं, उनमें अब जिंदगियों की तलाश तेज हो गई है।
ये वो इमारतें हैं जोकि पूरी तरह से मलबे में नहीं समायी हैं। वहां फायर सर्विस, SDRF पुलिस और NDRF की टीमों के द्वारा सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
मलबे में दबे इंसानों को खोज पाना सबसे बड़ी चुनौती है। लिहाजा आपदा प्रभावित क्षेत्र में ऐसे लोगों की तलाश में अत्याधुनिक उपकरणों की मदद ली जा रही है। इस मुहिम में Victim Locating Camera, Thermal Imaging Camera, और डॉग स्क्वाड टीम के साथ मलबे से क्षतिग्रस्त भवनों में गहन खोजबीन कर मलबे में दबे लोगों की तलाश की जा रही है
उत्तराखण्ड पुलिस SDRF की डॉग स्क्वॉड टीम को भी इस काम में लगाया गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित धराली और हर्षिल में सर्चिंग की जा रही है।
उत्तराखंड के डीजीपी दीपम सेठ ने कहा, "आज हमने धराली में मौके पर निरीक्षण किया। डीजी आईटीबीपी और डीजी एनडीआरएफ के साथ बैठक भी हुई। आगे की कार्रवाई के लिए आज एक योजना तैयार की गई है। आज वायुसेना और UCADA ने कई उड़ानें भरकर ज़मीनी स्तर पर आवश्यक सामग्री पहुंचाई और फंसे हुए लोगों को बचाया। पूरी सरकारी मशीनरी युद्धस्तर पर काम कर रही है ताकि हर तरह से संपर्क बहाल किया जा सके। मोबाइल संचार नेटवर्क आज बहाल कर दिया गया है। बचाव अभियान 24x7 जारी रहेगा और प्रयासों की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी।"