तमिलनाडु ने जारी की नई शिक्षा नीति, NEP को ठुकराया
तमिलनाडु सरकार ने NEP को 'पिछड़ा' बताकर ठुकराया और SEP पेश की। इसमें दो-भाषा नीति, बिना CET प्रवेश, और शिक्षा को राज्य सूची में लाने की मांग शामिल है।;
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शुक्रवार को कोट्टूरपुरम स्थित अन्ना शताब्दी पुस्तकालय ऑडिटोरियम में राज्य शिक्षा नीति (State Education Policy – SEP) का औपचारिक विमोचन किया। यह नीति ऐसे समय में आई है जब तमिलनाडु सरकार और केंद्र के बीच राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और शिक्षा के वित्तपोषण को लेकर तनातनी चल रही है।
NEP के विकल्प के रूप में SEP
राज्य की नई शिक्षा नीति को केंद्र की NEP के एक स्पष्ट वैकल्पिक दृष्टिकोण के रूप में तैयार किया गया है। यह नीति तमिलनाडु की उस स्थिति को दर्शाती है जो शिक्षा सुधारों के मामले में केंद्र सरकार से अलग है। वर्ष 2022 में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति मुरूगेशन की अध्यक्षता में एक 14 सदस्यीय समिति बनाई गई थी, जिसने व्यापक विचार-विमर्श के बाद जुलाई 2023 में मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।अब यह नीति औपचारिक रूप से सार्वजनिक कर दी गई है।
राज्य शिक्षा नीति की मुख्य बातें
दो-भाषा नीति जारी: SEP में राज्य की पारंपरिक दो-भाषा नीति (तमिल और अंग्रेज़ी) को बनाए रखने का निर्णय लिया गया है, जबकि NEP की तीन-भाषा प्रणाली को खारिज कर दिया गया है।
कॉमन एंट्रेंस टेस्ट नहीं: कला और विज्ञान के स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश कक्षा 11 और 12 के समेकित अंकों के आधार पर करने की सिफारिश की गई है, न कि सामान्य प्रवेश परीक्षा के ज़रिए।
कक्षा 3, 5 और 8 की बोर्ड परीक्षा का विरोध: NEP द्वारा प्रस्तावित इन परीक्षाओं को सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध, पिछड़ा हुआ और ड्रॉपआउट दर बढ़ाने वाला बताया गया है।
विज्ञान, एआई और अंग्रेज़ी पर ज़ोर: नीति में विज्ञान, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), और अंग्रेज़ी भाषा को बढ़ावा देने की सिफारिश की गई है।
सरकारी संस्थानों में निवेश: समिति ने सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में अधिक निवेश की वकालत की है।
शिक्षा को राज्य सूची में शामिल करने की मांग: SEP ने शिक्षा को समवर्ती सूची (Concurrent List) से हटाकर पुनः राज्य सूची में शामिल करने की मांग की है।
NEP को बताया ‘पिछड़ा’ और ‘थोपने वाला’
तमिलनाडु सरकार का आरोप है कि केंद्र सरकार ने समग्र शिक्षा योजना के तहत 2,152 करोड़ रुपये की राशि रोक रखी है क्योंकि राज्य NEP लागू नहीं कर रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहले कहा था कि यदि तमिलनाडु NEET अपनाता है, तभी धनराशि जारी की जाएगी।
DMK सरकार ने NEP को "पिछड़ा" बताते हुए इसकी आलोचना की है। उनका कहना है कि यह नीति सामाजिक न्याय की भावना को नुकसान पहुंचाती है और हिंदी थोपने का प्रयास करती है।
‘₹1,000 करोड़ भी मिले तो नहीं लागू करेंगे NEP’: उदयनिधि स्टालिन
राज्य शिक्षा नीति के लॉन्च इवेंट के दौरान मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने स्पष्ट रूप से कहा अगर वे ₹1,000 करोड़ भी दें, तब भी तमिलनाडु NEP लागू नहीं करेगा। तमिलनाडु को किसी भी प्रकार की जबरदस्ती पसंद नहीं है।”
तमिलनाडु की नई राज्य शिक्षा नीति स्पष्ट रूप से केंद्र की NEP का वैकल्पिक मॉडल प्रस्तुत करती है, जो क्षेत्रीय भाषा, सामाजिक न्याय, और शैक्षणिक स्वायत्तता पर आधारित है। DMK सरकार का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में राज्य की स्वतंत्रता और विचारधारा को दर्शाता है।