दिल्ली में जहरीली हवा के खिलाफ इंडिया गेट पर प्रदर्शन, छात्र, नागरिक डॉग लवर्स शामिल

इंडिया गेट पर किसी भी तरह के प्रदर्शन की इजाजत न होने का हवाला देते हुए दिल्ली पुलिस ने बड़ी संख्या में प्रदर्शन में शामिल लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें जेएनयू के छात्र, सामान्य नागरिक और डॉग लवर्स भी शामिल रहे.

Update: 2025-11-09 16:02 GMT

Delhi Air Pollution : दिल्ली में सर्दियों की शुरुआत के साथ ही प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। रविवार को राजधानी के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘रेड जोन’ में दर्ज किया गया।


इस बीच, छात्रों, अभिभावकों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इंडिया गेट पर प्रदर्शन करते हुए सरकार से तात्कालिक कार्रवाई की मांग की।

प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि दिल्ली की हवा अब सांस लेने लायक नहीं रही, लेकिन सरकार की ओर से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) को प्रभावी रूप से लागू नहीं किया जा रहा। वहीँ दिल्ली पुलिस ने बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। पुलिस का कहना है कि इंडिया गेट पर किसी भी तरह के प्रदर्शन की इजाजत नहीं है और न ही प्रदर्शनकारियों के पास इसकी कोई अनुमति थी। वहीँ लोगों ने सोशल मीडिया पर दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि लोग प्रदूषण की वजह से बीमार हो रहे हैं, बच्चों और बुजुर्गों की ज़िन्दगी खतरे में हैं लेकिन पुलिस है कि नागरिकों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन तक नहीं करने दे रही है।


सीएम से मिलने का समय मांगा, इनकार कर दिया गया

एनवायरनमेंटलिस्ट भवरीन कंधारी का कहना है कि हमने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा था, लेकिन हमारी रिक्वेस्ट ठुकरा दी गई। हम सिर्फ अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। न कोई राजनीतिक एजेंडा है, न किसी पार्टी से जुड़ाव। बस साफ हवा में सांस लेने का हक मांग रहे हैं।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चे बिना मास्क खेलकूद कर रहे हैं, स्पोर्ट्स डे और मैराथन हो रहे हैं, जबकि कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई। यह बेहद गैर-जिम्मेदाराना रवैया है।


हर तीसरे बच्चे के फेफड़े पहले से ही कमजोर

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि लगातार बढ़ते प्रदूषण का सबसे ज़्यादा असर बच्चों पर पड़ रहा है। एक अभिभावक ने कहा कि दिल्ली के हर तीसरे बच्चे के फेफड़े पहले से ही खराब हैं। हमारे बच्चे उन कजिन्स से दस साल कम जिएंगे जो साफ हवा में रहते हैं। हम इनहेलर और नेबुलाइज़र साथ लेकर आए हैं, क्योंकि यह अब भावनाओं का नहीं, ज़िंदगी का सवाल है।

डॉग लवर्स भी उतरे सड़क पर


प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन के साथ ही एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट्स ने भी सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश का विरोध किया, जिसमें शिक्षण संस्थानों और अस्पताल परिसरों से आवारा कुत्तों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं।

एनिमल एक्टिविस्ट अंबिका शुक्ला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों को तो फ्री पास दे दिया, मगर जानवरों को हटाने का आदेश दिया। यह किस तरह का वसुधैव कुटुंबकम है?




 

जेएनयू के छात्र भी पहुंचे प्रदर्शन में
वायु प्रदूषण को लेकर किये गए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में जेएनयू के छात्र भी पहुंचे। हाथों में प्लेकार्ड लिए उन्होंने दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाये। छात्र संगठनआइसा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि इंडिया गेट पर प्रदर्शनकारियों को बर्बरतापूर्वक हिरासत में लिया गया! दिल्ली के नागरिकों को असहनीय प्रदूषण के खिलाफ बोलने पर बर्बरता का सामना करना पड़ा! जेएनयूएसयू अध्यक्ष अदिति, उपाध्यक्ष गोपिका, जनरल सेक्रेटरी सुनील यादव, संयुक्त सचिव दानिश समेत आइसा कार्यकर्ताओं और दिल्ली के नागरिकों सहित सैकड़ों लोगों को दिल्ली में भयावह वायु प्रदूषण के खिलाफ बोलने पर इंडिया गेट पर हिरासत में लिया गया है!हम पुलिस बस में हैं और हमें यह नहीं बताया गया है कि हमें कहाँ ले जाया जा रहा है।


दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने क्या कहा
इस बीच दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक विडियो बाइट में कहा है कि वायु प्रदूषण पिछले 10 सालों से राजधानी दिल्ली की बहुत बड़ी समस्या बना हुआ है। हमारी सरकार को सत्ता में आये हुए केवल 7 महीने ही हुए हैं, लेकिन हम प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई कर रहे हैं और गंभीरतापूर्वक इसका समाधान जुटाने में लगे हुए हैं। लेकिन इस विषय पर जिस तरह से राजनीती की जा रही है, वो दिल्ली की जनता को भटकाने का प्रयास है, खासतौर से आम आदमी पार्टी की तरफ से। आम आदमी पार्टी पिछले 10 सालों से दिल्ली की सत्ता में थी, अगर उसने प्रदूषण की समस्या को गंभीरता पूर्वक लिया होता तो निश्चित तौर पर ठोस समाधान निकलता लेकिन आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की जनता को सिर्फ बहलाया। मैं ये विश्वास दिलाता हूँ कि हमारी सरकार इस समस्या से दिल्ली वालों को निजात दिलाकर रहेगी।


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