‘थार वाले गुंडे....’, गुरुग्राम में बढ़ती गुंडागर्दी पर हरियाणा डीजीपी की टिप्पणी

हरियाणा के DGP ओ.पी. सिंह ने थार और बुलेट मालिकों पर तंज कसते हुए उन्हें “दुष्ट तत्व” कहा और पूछा, “हम उन्हें यूं ही कैसे जाने दें?”

Update: 2025-11-10 02:42 GMT
हरियाणा डीजीपी ने दावा किया कि थार सिर्फ एक कार नहीं, बल्कि एक “स्टेटमेंट” है।

गुरुग्राम में सड़क हादसों और नशे में गाड़ी चलाने की घटनाओं पर चर्चा के दौरान उनके इस बयान ने विवाद खड़ा कर दिया। सिंह ने कहा कि गुरुग्राम की नाइटलाइफ़ और क्लब संस्कृति के चलते पुलिस के सामने नशे में वाहन चलाने पर रोक लगाना और सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखना बड़ी चुनौती है।

‘थार और बुलेट चलाने वाले गुंडे’

सिंह ने कहा, “अगर गाड़ी थार है, तो उसे जाने कैसे दे दें? या अगर बुलेट मोटरसाइकिल है... सभी दुर्दांत तत्व इन्हीं दो गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं। किसी व्यक्ति की गाड़ी का चुनाव उसके सोचने के तरीके को दर्शाता है।”

उन्होंने आगे कहा, “जो लोग थार चलाते हैं, वे सड़क पर स्टंट करते हैं। एक सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) का बेटा थार चलाते हुए किसी को कुचल देता है, और फिर पिता अपने बेटे को छुड़ाने की कोशिश करते हैं। हमने पूछा — गाड़ी किसके नाम पर है? तो जवाब मिला — उनके ही नाम पर। तो फिर ‘दुर्दांत तत्व’ कौन हुआ?”

फिर अपने साथ खड़े एक पुलिसकर्मी की ओर मुड़ते हुए उन्होंने कहा, “अगर हम पुलिसवालों की सूची बनाएं तो कितनों के पास थार होगी? और जिसके पास होगी, वो पक्का पागल होगा…”

सिंह ने कहा कि थार सिर्फ एक गाड़ी नहीं, बल्कि “एक बयान” है। उन्होंने कहा, “थार कोई कार नहीं है, यह एक बयान है — ‘देखो, मैं ऐसा हूं’। ठीक है, तो फिर भुगतो भी। आप गुंडागर्दी करेंगे और पकड़े नहीं जाएंगे — ऐसा नहीं हो सकता।”

गुरुग्राम के बार्स पर नशे में ड्राइविंग के लिए कार्रवाई होगी

यह बयान उस नई हरियाणा पुलिस गाइडलाइन के संदर्भ में आया है, जिसके तहत अब बार और रेस्टोरेंट मालिकों को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा अगर उनके ग्राहक नशे में गाड़ी चलाते पकड़े जाते हैं।

यह आदेश भारतीय सिविल सेवा कोड की धारा 168 के तहत जारी किया गया है, जो पुलिस को संज्ञेय अपराधों को रोकने के लिए अधिकार देती है। यह कदम हाल ही में नशे में वाहन चलाने से जुड़े सड़क हादसों में तेज़ी से बढ़ोतरी के बाद उठाया गया है।

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