जिस महिला डॉक्टर का हिजाब नीतीश ने खींचा, उसको हेमंत सोरेन ने दिया नौकरी का लाखों का ऑफर

बिहार में महिला डॉक्टर नुसरत परवीन के साथ हुई घटना के बाद झारखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने उन्हें झारखंड स्वास्थ्य सेवा में ₹3 लाख मासिक वेतन, मनचाही पोस्टिंग, सरकारी आवास और पूर्ण सुरक्षा के साथ नियुक्ति का प्रस्ताव दिया है.

Update: 2025-12-20 08:44 GMT
डॉक्टर के बारे में जानकारी आई थी कि वह बिहार में ही नौकरी जॉइन करने वाली हैं.
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बिहार में महिला डॉक्टर नुसरत परवीन के साथ हुई शर्मनाक घटना के बाद झारखंड सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने उन्हें झारखंड स्वास्थ्य सेवा में नौकरी का औपचारिक प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव में 3 लाख रुपये मासिक वेतन, मनचाही पोस्टिंग, सरकारी आवास और पूर्ण सुरक्षा शामिल है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह नियुक्ति मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के स्तर पर कराई जाएगी, ताकि डॉक्टर नुसरत परवीन को न सिर्फ सम्मान मिले बल्कि उनकी सुरक्षा को लेकर भी किसी तरह का संदेह न रहे।

अपने बयान में डॉ. इरफान अंसारी ने कहा,“बिहार की महिला चिकित्सक डॉ. नुसरत परवीन के साथ हुई अमर्यादित, अमानवीय और दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। जिस तरह एक डॉक्टर, एक बेटी और एक महिला के साथ अपमान और अभद्रता की गई, वह केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं बल्कि मानव गरिमा और संविधान पर सीधा प्रहार है।”

उन्होंने आगे कहा,“मैं पहले एक डॉक्टर हूं, फिर मंत्री। किसी डॉक्टर, बेटी या महिला के सम्मान से समझौता झारखंड में संभव नहीं है। एक मेडिकल प्रोफेशनल के साथ हुई यह घटना हम सभी को गहराई से आहत करती है। हम महसूस कर सकते हैं कि उस बेटी और उसके परिवार पर क्या बीत रही होगी।”

क्या है पूरा मामला

15 दिसंबर को पटना में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नियुक्ति पत्र सौंपते समय मुस्लिम आयुष डॉक्टर नुसरत परवीन का हिजाब सार्वजनिक रूप से हटा देते हैं। यह पूरी घटना कैमरे में रिकॉर्ड हो गई और वीडियो सामने आते ही देश-विदेश में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।

हिजाब खींचने की घटना पर चौतरफा विरोध

कांग्रेस, आरजेडी समेत कई विपक्षी दलों ने इसे महिला की गरिमा और धार्मिक स्वतंत्रता का अपमान बताया और मुख्यमंत्री के व्यवहार पर सवाल खड़े किए। शुरुआती रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अपमानित महसूस करने के कारण डॉक्टर नुसरत परवीन ने नौकरी लेने से इनकार कर दिया है। हालांकि, 20 दिसंबर को आधिकारिक सूत्रों ने स्पष्ट किया कि वह सरकारी तिब्बी कॉलेज में अपनी पोस्ट जॉइन करेंगी।

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