लखनऊ में बुलडोजर एक्शन में हजारों मकान ध्वस्त, क्या है कुकरैल नदी से नाता?

लखनऊ के अकबरनगर इलाके में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई जारी है. इसे लेकर पीड़ितों का कहना है कि सरकार ने आशियाना छीन लिया. हालांकि सरकार का तर्क कुछ और ही है.

By :  Lalit Rai
Update: 2024-06-16 07:44 GMT

Lucknow Demolition Drive: अगर आप लखनऊ के रहने वाले होंगे तो इन दो नामों अकबर नगर कॉलोनी और कुकरैल से परिचित होंगे. अकबर नगर कॉलोनी पर लखनऊ विकास प्राधिकरण का पीला पंजा यानी बुलडोजर चला. करीब 614 घरों को ध्वस्त कर दिया गया. जिस समय एलडीए के मुताबिक अवैध कॉलोन पर लोगों के आशियाने गिराए जा रहे थे. एलडीए के मुताबिक कार्रवाई नियम के तहत ही हुई है, लेकिन पीड़ित परिवारों के अनुसार खाक नियम, हमारे पुरखे दशकों से रह रहे थे. सरकार ने सड़क पानी, बिजली का कनेक्शन दिया और अब कह रही है कॉलोनी ही अवैध है. इन सबके बीच एलडीए ने कहा है करीब 1671 लोग प्रभावित हुए हैं और उन्हें हरदोई रोड पर घर बनाने के लिए जगह दी गई है.

चुनावी रंजिश निकालने का आरोप
अकबरनगर कॉलोनी में रहने वालों को जब एलडीए की तरफ से नोटिस भेजा गया तो इन लोगों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया. हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद ये लोग सुप्रीम कोर्ट पहुंचे.लेकिन जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता ने उच्च न्यायालय के फैसले पर मुहर लगा दी. उसके बाद कानूनी तौर इन लोगों के हाथ में करने के लिए बहुत कुछ नहीं था. एलडीए की कार्रवाई की खबरों के बीच उस समय एक 12 साल की आयशा हाथ में तख्ती लेकर राहुल गांधी से लेकर अखिलेश यादव से मदद की गुहार लगा रही थी. उस वीडियो में आयशा कह रही है कि हम लोगों से घरों को खाली करने के लिए कहा गया है. उसने अखिलेश जी से मिलने के लिए अप्वाइंटमेंट मांगी थी. लेकिन चुनाव की वजह से समय नहीं मिला.



एलडीए का भी अपना पक्ष
ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया में 14 एक्सकैवेटर, 12 बुलडोजर, 15 वाटर टैंकर इस्तेमाल में लाए जा रहे हैं, इसके साथ ही लखनऊ नगर निगम और एलडीए के 45 ट्रकों का इस्तेमाल मलबा ढोने के लिए किया जा रहा है. अब तक कुल 449 अवैध घरों को गिरा दिया गया है. बताया जा रहा है कि डेमोलिशन ड्राइव करीब एक महीने तक चलेगा.इन सबके बीच अधिकारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 104 घर आवंटित किए गए हैं.इस तरह से अब तक 892 परिवार हरदोई रोड स्थित बसंत कुंज योजना के तहत बनाए गए घरों में शिफ्ट हो चुके हैं.

कुकरैल को जीवित करने की कवायद

अब इतने बड़े पैमाने पर डेमोलिशन ड्राइव की वजह भी समझिए. एलडीए का कहना है कि रहीमनगर, अकबरनगर और भीखनपुर इलाके में अवैध निर्माण हुआ है.इसकी वजह से कुकरैल नदी पर असर पड़ा है. कुकैरल नदी के जीवित करने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है. योजना के तहत कुकरैल फॉरेस्ट एरिया को इको टूरिज्म के तौर पर विकसित करना है, सेंट्रल जू अथॉरिटी ने यहां पर 85.07 एकड़ में नाइट सफारी के स्थापना की अनुमति दी है. इस सफारी में इंडियन वॉकिंग ट्रेल, इंडियन फुटहिल, इंडियन वेटलैंड, एरिड इंडिया के साथ साथ अफ्रीकन वेटलैंड का विकास करना है. इसमें 42 पिंजड़ों में करीब 54 प्रजातियों को रखा जाएगा. इसके बन जाने से करीब 8 हजार टूरिस्ट प्रकृति का दीदार कर सकेंगे. इसमें 5.5 किमी ट्रामवे और 19.2 किमी पॉथवे विकसित किया जाना है,

ऐतिहासिक तौर पर कुकरैल नदी महोना के उत्तर में अस्ती गांव से निकलती है. 1904 के गजेटियर के मुताबिक इसकी गणना शुद्ध नदियों में होती थी. यह गोमती नदी की सहायक नदी है. पर्यावरण के जानकार बताते हैं बढ़ते शहरीकरण की वजह से इस नदी ने दम तोड़ दिया और अब नाले की शक्ल में तब्दील हो चुकी है.

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