कर्णाटक कांग्रेस में उथल-पुथल के बीच, सिद्धारमैया के शक्ति प्रदर्शन के लिए हुबली तैयार

उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपने की मांग के बीच सिद्धारमैया समर्थकों का मानना है कि एक बार फिर शक्ति प्रदर्शन का समय आ गया है

Update: 2024-07-07 06:00 GMT

Siddaramotsva 2.0कर्णाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस के अंदर ही खींचतान अभी थमी नहीं है. इस बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के 77वें जन्म दिन उत्सव को शक्ति प्रदर्शन के तौर पर दर्शाने की तैयारी की जा रही है. समर्थकों ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के जन्मदिन के अवसर पर हुबली में अगले महीने एक भव्य समारोह की योजना बनाई है, ताकि सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर और बाहर आलोचकों को एक संदेश दिया जा सके.

आयोजकों का कहना है कि 'सिद्धारमोत्सव 2.0' में कांग्रेस के शीर्ष नेता शामिल होंगे. दो साल पहले आयोजित इसी तरह के एक कार्यक्रम में अहिन्दा (AHINDA ) वोटों को दिग्गज राजनेता के पीछे एकजुट किया गया था. अहिंदा का मतलब है अल्पसंख्याता (अल्पसंख्यक), हिंदुलीवाड़ा (ओबीसी) और दलितारू (एससी/एसटी). ये वे समुदाय हैं, जो मिलकर कर्नाटक में भारी बहुमत बनाते हैं.

उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपने की नई मांग के बीच सिद्धारमैया के समर्थकों का मानना है कि एक बार फिर शक्ति प्रदर्शन का समय आ गया है. इस मौके पर 100 किलो का एक बड़ा केक काटा जाएगा, जिसमें राज्य के विभिन्न जिलों से 3 से 4 लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.

इस कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष एम मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को आमंत्रित किया जाएगा. एक आयोजक ने द फेडरल को बताया कि शिवकुमार को भी आमंत्रित किया जाएगा.

जन नेता

सिद्धारमैया 3 अगस्त को 77 वर्ष के हो जाएंगे. 2022 का जश्न 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले मनाया गया, जिसके कारण भाजपा सत्ता से बाहर हो गई, लेकिन अभी कोई चुनाव नहीं होने वाला है. अगले महीने होने वाली इस सभा का उद्देश्य कर्नाटक में अहिंदा समुदायों के बीच सिद्धारमैया की राजनीतिक ताकत और जन नेतृत्व को प्रदर्शित करना है। इसका उद्देश्य उनके राजनीतिक विरोधियों को एक कड़ा संदेश देना भी है.

AHINDA के एक नेता ने कहा, "हम सिद्धारमैया के निर्विवाद AHINDA नेतृत्व को दिखाना चाहते हैं और उन्हें राज्य कांग्रेस में एक निर्विवाद नेता के रूप में स्थापित करना चाहते हैं." "मुख्यमंत्री के रूप में सिद्धारमैया के नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं उठा सकता."

राज्य में पिछड़े वर्ग के शीर्ष नेता के रूप में पहचान बनाने के लिए कांग्रेस के भीतर कड़ी प्रतिस्पर्धा चल रही है. एमएलसी और पूर्व कांग्रेस महासचिव बीके हरिप्रसाद और शिवकुमार मजबूत दावेदार हैं.

सिद्धारमैया की जगह शिवकुमार को लाने की मांग कोई नई बात नहीं है. हालांकि, इस मुद्दे पर बेंगलुरु में विश्व वोक्कालिगा महासंस्थान पीठ के चंद्रशेखरनाथ स्वामीजी के हालिया बयान ने विवाद को फिर से हवा दे दी है.

हुबली ही क्यों?

जन्मदिन समारोह में 'सिद्धारमैया अहिंदा रत्न' के बैनर तले 76 अलग-अलग क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल करने वालों को पुरस्कार दिए जाएंगे. पुरस्कार चयन समिति और स्वागत समिति का गठन किया गया है. सभी जिलों के अहिंदा नेता जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलकर कार्यक्रम का समय और तारीख तय करेंगे.

यद्यपि बेल्लारी, रायचूर, कोप्पल और विजयपुरा जैसे जिलों ने भी जन्मदिन समारोह की मेजबानी की पेशकश की थी, लेकिन आयोजकों ने एक कारणवश हुबली को चुना.

जब सिद्धारमैया जनता दल (सेक्युलर) में थे और उनके नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के साथ मतभेद थे, तब हुबली में ही अहिंदा नामक छत्र संगठन का जन्म हुआ था.

2005 में हुबली में हुई सभा ने सिद्धारमैया के राजनीति में उदय की शुरुआत की थी. अब हुबली को फिर से अपनी ताकत दिखाने के लिए चुना गया है.

अहिंदा नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद से हटाया गया तो वे राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे.

मुख्यमंत्री कौन होगा?

अहिन्दा ( AHINDA ) के अध्यक्ष चंद्रशेखर कराडकोप्प ने कहा, "सिद्धारमैया कर्नाटक में कांग्रेस के सत्ता में आने का कारण हैं. अगर उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने का कोई प्रयास किया गया तो इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा."

पिछले साल कर्नाटक में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों ही मुख्यमंत्री बनना चाहते थे. कांग्रेस ने आखिरकार सिद्धारमैया को चुना.

लेकिन महत्वाकांक्षी शिवकुमार ने कई मौकों पर 'सिद्धारमोत्सव' पर अपना असंतोष व्यक्त किया है. हालांकि, कुछ कार्यक्रम आयोजकों का कहना है कि वे कांग्रेस पार्टी सहित सभी की बेहतरी के लिए इस अवसर पर सिद्धारमैया और शिवकुमार को एक साथ लाने का प्रयास करेंगे.

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