कांवड़ यात्रा: महाकुंभ की तर्ज पर एंटी ड्रोन और टीथर्ड ड्रोन से हो रही रियल टाइम मॉनीटरिंग
पहली बार महाकुंभ की तर्ज कर कांवड़ यात्रा के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। एंटी ड्रोन और टीथर्ड ड्रोन जहां कांवड़ यात्रा कर नजर रखेंगे। वहीं, 24 घंटे यात्रा की मॉनिटरिंग की जाएगी।;
सावन महीने के साथ ही शुक्रवार को कांवड़ यात्रा की शुरुआत हो गई। पहली बार महाकुंभ की तर्ज़ पर कांवड़ रूट की मॉनिटरिंग और सुरक्षा व्यवस्था की गयी है। सबसे हाइटेक एंटी ड्रोन और टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। साथ ही किसी भी तरह के विवाद और अव्यवस्था को रोकने के लिए हाईटेक कंट्रोल रूम बनाया गया है। सोशल मीडिया की कड़ी मॉनिटरिंग की जा रही है, जिससे किसी भी तरह की तरह को कोई अफ़वाह न फैले। इधर ये भी व्यवस्था की गई है कि कांवड़ रूट कर दुकानदार अपना नाम न छिपा सकें।
सुरक्षा की जिम्मेदारी
सावन के महीने में होने वाली कांवड़ यात्रा शुक्रवार से शुरू हुई। कांवड़ यात्रा के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा इंतज़ाम किए गए हैं। कांवड़ यात्रा मार्ग पर महाकुंभ और राम मंदिर लोकार्पण समारोह की तर्ज़ पर एंटी ड्रोन ( Anti Drone) और टीथर्ड ड्रोन (Tethered Drone) से नज़र रखी जा रही है, जिससे सुरक्षा में कोई चूक न हो सके। कांवड़ियों की सुविधा और सुगम यात्रा के लिए हाई टेक कंट्रोल रूम बनाया गया है। महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था की तरह ही मार्डन कंट्रोल रूम से 24 घंटे रियल टाइम मॉनीटरिंग की जा रही है। पहले दिन कांवड़ यात्रा की मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों ने ख़ुद मोर्चा संभाला। कांवड़ यात्रा के रूट की सुरक्षा के लिए एटीएस (ATS), रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और क्यूआरटी (QRT) जैसे विशेष और एक्सपर्ट टीमों को तैनात किया गया है।
पहले दिन हज़ारों को संख्या में कांवड़ यात्री कांवड़ मार्ग पर नज़र आए। कांवड़ यात्रा में उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली बॉर्डर से भी कांवड़िये आते हैं। इसको लेकर भी इन राज्यों के साथ बैठक की गयी थी। योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और निगरानी के लिए पहली बार बड़े पैमाने कर टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया है। इसके लिए पहली बार हाई टेक मॉनिटरिंग की जा रही है। मुख्य कांवड़ मार्गों, दूसरे मार्गों के साथ ही कांवड़ियों के विश्राम स्थल पर भी 29,454 सीसीटीवी कैमरे (cctv cameras) लगाए गए हैं। इसके साथ ही 395 हाइटेक ड्रोन और एंटी ड्रोन के साथ टीथर्ड ड्रोन की मदद से रियल-टाइम वीडियो लिया का रहा है। एंटी ड्रोन सिस्टम रडार, सेंसर और अन्य तकनीकों का उपयोग करके ड्रोन का पता लगाते हैं और फिर उन्हें जाम करके या नष्ट करके निष्क्रिय कर देते हैं। वहीं, टीथर्ड ड्रोन एक केबल या कॉर्ड से जुड़ा होता है, जो इसे स्थिर रखता है और हवा के झोंकों से प्रभावित होने से बचाता है, जिससे यह ज़्यादा सटीक और विश्वसनीय उड़ान भर सकता है।पहली बार टीथर्ड ड्रोन लगाए गए हैं। ये ड्रोन लगातार एक जगह पर स्थिर रहकर भीड़ की मॉनिटरिंग करने में सक्षम हैं, जिससे किसी भी प्रकार की आपात स्थिति और भीड़ में हलचल होने पर उसकी जानकारी मिल सके। हर फीड की लखनऊ में DGP ऑफिस से सीधे मॉनीटरिंग की जा रही है।
बारकोड से पुलिस अधिकारियों से संपर्क
कांवड़ यात्रा के शुरू होने से पहले ही नेम प्लेट को लेकर विवाद हुआ। जिसके बाद अधिकारियों के नंबर्स को कांवड़ियों और आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया गया है। कांवड़ यात्रा की सुरक्षा के लिए 587 गैजेटेड अधिकारी, 2,040 निरीक्षक, 13,520 उपनिरीक्षक और 39,965 सिपाहियों को ड्यूटी पर लगाया गया है। इसके साथ ही 1,486 महिला उपनिरीक्षक और 8,541 महिला आरक्षी की भी ड्यूटी लगायी गई है। कांवड़ यात्रा की सुरक्षा एक लिए 50 कंपनियां पीएसी, केंद्रीय बल और 1,424 होमगार्ड्स भी तैनात किए गए हैं।
दुकानदारों को नाम छिपाना पड़ेगा भारी
इधर यूपी में कांवड़ रूट पर दुकानदारों के लिए सख्त नियम लागू किए गए हैं। किसी भी तरह खुले में नॉन वेज की बिक्री नहीं होगी तो वहीं दुकानदारों को भी नाम छिपाना भारी पड़ेगा। इसके लिए अधिकारियों की टीम सक्रिय है। पहले दिन अधिकारियों ने मार्ग कर निरीक्षण किया। पहले दिन कांवड़ियों की यात्रा की मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों मोर्चा संभाला। कांवड़ यात्राा की अवधि में सोशल मीडिया की कड़ी मॉनिटरिंग की जाएगी। अधिकारियों की एक विशेष आठ सदस्यीय टीम 24 घंटे सोशल मीडिया पर रखेगी। यह टीम सोशल मीडिया पर चलने वाली अफवाहों और सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर संवेदनशील पोस्ट की रियल-टाइम मॉनीटरिंग करेगी। किसी भी तरह की कोई अफवाह ना फैले इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से आपत्तिजनक सामग्री हटवाने की कार्यवाही भी की जा रही है।