बिक्रम मजीठिया गिरफ्तार: विजिलेंस की कार्रवाई से पंजाब की सियासत में हलचल

aap vs akali dal: बिक्रम मजीठिया की गिरफ्तारी ने पंजाब की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है. अकाली दल इसे सियासी साजिश बता रहा है, जबकि विजिलेंस जांच को सही ठहरा रही है. आगे की कार्रवाई और जांच की दिशा आने वाले दिनों में साफ होगी.;

Update: 2025-06-25 14:14 GMT

Bikram Majithia arrest: पूर्व मंत्री और वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी ने राज्य की सियासत को गरमा दिया है. बुधवार सुबह जब विजिलेंस ब्यूरो की टीमें अमृतसर से लेकर चंडीगढ़ तक 25 ठिकानों पर छापेमारी करने पहुंचीं तो किसी को अंदाजा नहीं था कि यह कार्रवाई सीधे शिरोमणि अकाली दल के कद्दावर चेहरे तक जा पहुंचेगी. आरोप हैं कि मजीठिया के पास उनकी घोषित आय से ज्यादा संपत्ति है. छापेमारी वाली जगहों में अमृतसर स्थित उनका घर भी शामिल है.

मजीठिया की पत्नी और विधायक गनीव कौर मजीठिया का दावा है कि उनके पति पर आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) का केस दर्ज किया गया है. हालांकि, अभी तक विजिलेंस ब्यूरो ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.

घर पर छापा और विरोध

अमृतसर के ग्रीन एवेन्यू स्थित मजीठिया के घर पर सुबह विजिलेंस टीम पहुंची. गनीव कौर ने आरोप लगाया कि अधिकारी बिना जानकारी के जबरदस्ती घर में घुसे, जिससे उनके बच्चे डर गए. चंडीगढ़ स्थित आवास पर भी छापेमारी हुई.

मजीठिया की प्रतिक्रिया

मजीठिया ने कहा कि मैं कहीं नहीं जा रहा, पूरी तरह सहयोग करूंगा. लेकिन घर में घुसने का तरीका गलत है. उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) पर हमला करते हुए कहा कि यह सब विपक्ष की आवाज दबाने के लिए किया जा रहा है. एफआईआर नोटिस देकर भी दर्ज हो सकती थी.

अकाली दल का विरोध प्रदर्शन

जैसे ही छापेमारी की खबर फैली, कई अकाली समर्थक और नेता मजीठिया के घर पहुंच गए. पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रास्ता बंद कर दिया. सुखबीर सिंह बादल, हरसिमरत कौर और अन्य नेताओं ने इसे आप सरकार की बदले की कार्रवाई बताया.

ड्रग्स मामले में चल रही जांच

मजीठिया पहले से ही 2021 के ड्रग्स केस में आरोपी हैं. पंजाब पुलिस की SIT ने मार्च 2025 में मजीठिया और उनके परिवार से जुड़ी कंपनियों के संदिग्ध लेनदेन की जानकारी दी थी. SIT विदेशों में भी वित्तीय लेन-देन की जांच कर रही है. साल 2021 में NDPS एक्ट (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट) के तहत केस दर्ज किया गया था।. यह एफआईआर कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में एक पुरानी रिपोर्ट के आधार पर दर्ज हुई थी. मजीठिया ने 5 महीने पटियाला जेल में बिताए और अगस्त 2022 में हाई कोर्ट से जमानत पर रिहा हुए.

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