महाराष्ट्र में फिर उभरा मराठी बनाम हिंदी, ऑटो ड्राइवर को शिवसैनिकों ने पीटा

विरार में 'मराठी विरोधी' टिप्पणी को लेकर शिवसेना (UBT) कार्यकर्ताओं ने एक ऑटो चालक को पीटा, वीडियो वायरल, पुलिस को अब तक कोई शिकायत नहीं मिली।;

Update: 2025-07-13 09:38 GMT

महाराष्ट्र के पालघर ज़िले में 'मराठी भाषा और संस्कृति' के खिलाफ कथित टिप्पणियों को लेकर एक प्रवासी ऑटो-रिक्शा चालक की पिटाई का मामला सामने आया है। यह घटना शनिवार को विरार रेलवे स्टेशन के पास एक व्यस्त सड़क पर हुई, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। पुलिस ने घटना की पुष्टि की है, लेकिन अभी तक किसी भी पक्ष ने औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं करवाई है।

कुछ शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के कार्यकर्ता, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, ऑटो चालक को सरेआम थप्पड़ मारा और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को मजबूर करते हैं। उसे एक व्यक्ति और उसकी बहन से माफी मांगनी पड़ती है, जिनसे वह कथित तौर पर बदसलूकी कर चुका था। साथ ही उसे महाराष्ट्र राज्य और उसकी भाषा-संस्कृति का 'अपमान' करने के लिए भी क्षमा याचना करनी पड़ी।

'मराठी का अपमान किया'

पीटीआई के अनुसार, यह आरोप लगाया गया है कि ऑटो-रिक्शा चालक ने पहले मराठी भाषा, महाराष्ट्र और मराठी महापुरुषों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया था। इसके बाद स्थानीय राजनीतिक समूहों की तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।

शिवसेना (UBT) का बयान

शिवसेना (UBT) के विरार शहर प्रमुख उदय जाधव, जो मौके पर मौजूद थे उन्होंने इस कार्रवाई को उचित ठहराया। उन्होंने कहा, अगर कोई महाराष्ट्र, मराठी भाषा या मराठी लोगों का अपमान करेगा तो उसे शिवसेना स्टाइल में जवाब मिलेगा। हम चुप नहीं बैठेंगे। जाधव ने यह भी कहा कि आरोपी ड्राइवर को सबक सिखाया गया और उसे महाराष्ट्र की जनता से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि शनिवार को यह घटना घटी, लेकिन अभी तक दोनों पक्षों में से किसी ने शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। अधिकारी ने कहा कि वायरल वीडियो की सत्यता की जांच की जा रही है।

मराठी भाषा विवाद की पृष्ठभूमि

यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले के भायंदर इलाके में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने एक दुकानदार की इसलिए पिटाई कर दी थी क्योंकि उसने मराठी में बात करने से इनकार कर दिया था। इसके विरोध में स्थानीय व्यापारियों ने प्रदर्शन किया था, जिसका जवाब MNS ने अपने मार्च के जरिए दिया।

(पीटीआई से मिले इनपुट पर आधारित)

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