तेजस्वी यादव के पास दो वोटर आईडी? बीजेपी के आरोप के बाद चुनाव आयोग ने जारी किया नोटिस
चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव से उस EPIC कार्ड की मूल प्रति मांगी है, जिसे उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया था, ताकि मामले की गहराई से जांच की जा सके।;
बीजेपी द्वारा यह दावा किए जाने के बाद कि पूर्व बिहार उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पास दो वोटर आईडी कार्ड हैं, चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा है। आयोग ने तेजस्वी से यह साबित करने को कहा है कि उनका नाम वाकई में मतदाता सूची से हटाया गया है, जैसा उन्होंने 2 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था।
क्या है पूरा मामला?
तेजस्वी यादव ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है। उन्होंने अपना EPIC नंबर (वोटर आईडी कार्ड का यूनिक नंबर) भी मीडिया के सामने बताया। लेकिन तुरंत ही चुनाव आयोग ने उनके दावे को खारिज करते हुए कहा कि उनका नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में अभी भी मौजूद है।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
आयोग की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया, “दिनांक 02.08.2025 को आपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आपका नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नहीं है। जांच में पाया गया कि आपका नाम पोलिंग स्टेशन नंबर 204 (बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी बिल्डिंग) की सीरियल संख्या 416 पर दर्ज है, और आपका EPIC नंबर RAB0456228 है।”
जबकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव द्वारा बताए गए EPIC नंबर RAB2916120 की वैधता जांच में संदिग्ध पाई गई। आयोग ने कहा कि यह नंबर उनके रिकॉर्ड में ऑफिशियली जारी नहीं है।
चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव से उस EPIC कार्ड की मूल प्रति मांगी है, जिसे उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया था, ताकि मामले की गहराई से जांच की जा सके।
बीजेपी के आरोप
बीजेपी ने इसे एक गंभीर अपराध बताते हुए कहा कि तेजस्वी यादव के पास दो वोटर आईडी कार्ड हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, “क्या आपने शपथ के तहत झूठ बोला? क्या आपने चुनाव आयोग को गुमराह किया?”
पात्रा ने यह भी आरोप लगाया कि 2020 के चुनावी हलफनामे में तेजस्वी द्वारा दिया गया EPIC नंबर उस नंबर से मेल नहीं खाता, जो उन्होंने शनिवार को मीडिया को दिखाया।
बिहार में SIR को लेकर विवाद
तेजस्वी यादव का यह बयान बिहार में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया की पृष्ठभूमि में आया है, जिस पर विपक्ष का आरोप है कि यह “बहिष्कार की कवायद” है और इसका मकसद है उन समुदायों को मतदाता सूची से बाहर करना जो राजद और कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक हैं।
चुनाव आयोग ने हाल ही में संशोधित ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की है, जिसमें 65 लाख अवैध मतदाताओं के नाम हटाए जाने की जानकारी दी गई है। इससे बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।