बहुत कुछ कहती है यह तस्वीर, कैसे बहराइच में उपद्रवियों पर लगी लगाम?

यूपी के बहराइच जिले में अब शांति और अमन लौट रहा है। करीब तीन पहले की जो भयावह तस्वीर सामने आई थी अब वो सड़कों पर नहीं है। उपद्रवियों पर लगाम कैसे लगा इसे समझेंगे।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-10-16 04:21 GMT

Bahraich News: नेपाल से यूपी के इस जिले की दूरी बहुत अधिक नहीं है। यह भी हो सकता है कि आपको पता ना चले कि एक पांव भारत तो दूसरा नेपाल में है। इस जिले का नाम बहराइच है। इसे यूपी के पिछड़े जिलों में शामिल किया गया है। यानी कि यहां विकास की दरकार है। विजयदशमी के ठीक एक दिन बाद इस जिले का महाराजगंज बाजार सांप्रदायिक हिंसा का गवाह बना। दुर्गा विसर्जन के दौरान आपसी झड़प हुई और हिंदू पक्ष की तरफ से एक शख्स को गोली मार दी गई। फिर क्या हुआ देश और दुनिया के सामने है। महारागंज और उसके आस पास के इलाके में उन्माद चरम पर था। ऐसा नहीं था कि पुलिस मौके पर नहीं थी। शायद इकबाल की कमी थी। बहराइच में जिस तरह से उपद्रवियों ने उत्पात मचाया उसके बाद लखनऊ में हलचल हुई। प्रदेश के दो बड़े अफसरों को मौके पर भेजा गया जिसमें एक थे एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश।

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश की एक तस्वीर वायरल हुई। उस तस्वीर में उन्हें एक हाथ में पिस्टल, दूसरे हाथ में काला चश्मा और सिर पर टोपी में देखा जा सकता है। वो दंगाइयों या उपद्रवियों की तरफ दौड़ते नजर आते हैं। कुछ कहते हैं और इस तरह से खुद कमान संभालते हैं। अब पुलिस महकमे का बड़े स्तर का अधिकारी जब खुद उपद्रवियों सो मोर्चा लेने के लिए जमीन पर आ खड़ा हुआ तो मातहतों के पास और दूसरा विकल्प क्या बचता है। सोशल मीडिया पर अमिताभ यश की तस्वीर और उनके ऐक्शन की तारीफ के साथ लानत मलानत वाले भी हैं। जहां एक तरफ कुछ ने कहा कि इतने बड़े अधिकारी के मुंह से गाली शोभा नहीं देती तो कुछ लोग कहते हैं कि जो उपद्रवी आम लोगों के घरों को, दुकानों से जलाने में बाज नहीं आए। उनके साथ और किस तरह सुलूक किया जाना चाहिए।

पीटीआई के मुताबिक एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि  चारों तरफ से भीड़ जमा हो गई थी। एक जगह पर उन्होंने दो मोटरसाइकिलें जला दीं, जबकि दूसरी जगह दो अन्य वाहन जला दिए गए। यहीं पर एडीजीपी (कानून व्यवस्था) अमिताभ यश ने कदम बढ़ाया और नशे में धुत असामाजिक तत्वों का पीछा किया। यह पीछा अपेक्षाकृत लंबा चला।  जब तक उपद्रवी यह नहीं जान लेते कि आप काम से मतलब रखते हैं, वे हंगामा करते रहेंगे और रुकेंगे नहीं। उन्हें काफी दूर तक खदेड़ा गया।” जब पुलिस वाले असामाजिक तत्वों को भगाने के बाद वापस लौटे, तो हालात में सुधार हो चुका था”।

नेतृत्व का महत्व

यूपी के पूर्व डीजीपी ओपी सिंह ने सांप्रदायिक दंगों को रोकने के लिए नेतृत्व के महत्व और त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आगे बढ़कर नेतृत्व करना बहुत महत्वपूर्ण है...जब कोई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बल का नेतृत्व करता है, तो वह पूरी मशीनरी को प्रेरित करता है और प्रेरित करके आप कानून और व्यवस्था की स्थिति को बहाल करने का प्रयास करते हैं। और यही हुआ।"यूपी के एक अन्य पूर्व डीजीपी बृज लाल, जो वर्तमान में यूपी से राज्यसभा सांसद हैं, ने कहा कि जब अधिकारी नेतृत्व करता है तो बल का मनोबल बढ़ता हैउन्होंने कहा, "जब कोई गंभीर समस्या होती है, तो बल के नेता को आगे बढ़कर नेतृत्व करना पड़ता है और तब हमारे बल का मनोबल बढ़ता है।

स्थिति कैसे बिगड़ी थी

सोमवार को गुस्साई भीड़ ने सड़कों पर आगजनी और तोड़फोड़ की, जिससे तनाव बढ़ गया और युवक के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिनमें से कुछ के पास लाठियां भी थीं।रविवार को महसी तहसील के रेहुआ मंसूर गांव के पास महाराजगंज इलाके में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए राम गोपाल मिश्रा (22) का अंतिम संस्कार भारी सुरक्षा के बीच किया गया।उनकी मौत के बाद हुए पथराव और गोलीबारी में करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए।

कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए और पुलिस और अधिकारियों के खिलाफ नारे लगाए गए, जबकि सुरक्षा बलों ने फ्लैग मार्च भी किया। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कुछ दुकानों, घरों और वाहनों में आग लगा दी, जिससे आसमान में काला धुआं उठने लगा।

50 से अधिक गिरफ्तार

स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया।सांप्रदायिक हिंसा के बाद 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है, क्योंकि पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती के बीच लगातार दूसरे दिन भी बाजार बंद रहे और लोग घरों के अंदर ही रहे। मोबाइल और ब्रॉडबैंड इंटरनेट बंद होने से इलाका लगभग कटा हुआ है। प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) की कुल 12 कंपनियां, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की दो कंपनियां और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की एक कंपनी के साथ-साथ गोरखपुर जोन से अतिरिक्त पुलिस बल जिले की निगरानी के लिए तैनात किए गए हैं। सीएम ने पीड़ित परिवार से की मुलाकात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को मिश्रा के परिवार से मुलाकात की और कहा कि इस अक्षम्य घटना के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। 

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