गयाजी में जीतन राम मांझी की पार्टी में उठे बगावत के सुर, पार्षद ने ठोकी दावेदारी

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इस तरह के बगावती सुर उठने से कहीं न कहीं पार्टी के अंदरूनी माहौल में तनाव पैदा हो सकता है. इसका फायदा विरोधी दल भी उठा सकते हैं.;

Update: 2025-08-31 02:07 GMT

Bihar Vidhansabha Election: बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज होते ही पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। पार्टी के भीतर टिकट बंटवारे को लेकर विवाद गहराने लगा है। गयाजी जिले के इमामगंज प्रखंड की जिला पार्षद सदस्य पार्वती देवी ने ऐलान किया है कि अगर पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वे मौजूदा विधायक और मांझी की बहू दीपा मांझी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ेंगी।

टिकट को लेकर खींचतान

इमामगंज विधानसभा सीट इस समय दीपा मांझी के पास है। लेकिन चुनावी मौसम नजदीक आते ही पार्टी के भीतर विरोध तेज हो गया है। पार्वती देवी ने कहा कि वे लंबे समय से क्षेत्र में सक्रिय रही हैं और जनता की सेवा कर रही हैं। उनका दावा है कि स्थानीय लोगों में उन्हें काफी समर्थन मिल रहा है। ऐसे में टिकट की अनदेखी उनके साथ ही कार्यकर्ताओं के साथ भी अन्याय होगा।

हालिया घटनाओं से बढ़ी नाराज़गी

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही 'हम' पार्टी के प्रदेश महासचिव नंदलाल मांझी को संगठन से बाहर कर दिया गया था। पार्टी के भीतर लगातार उठ रहे असंतोष के स्वर अब खुलेआम विरोध में बदलते दिख रहे हैं। पार्वती देवी की बगावत को इसी कड़ी में देखा जा रहा है।

संतोष सुमन ने दी सफाई

इस पूरे विवाद पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार के लघु जल संसाधन मंत्री संतोष सुमन ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को चुनाव लड़ने की स्वतंत्रता है। उन्होंने कहा, “पार्वती देवी को पार्टी से जुड़ने का लाभ मिला और वे जिला परिषद तक पहुंचीं। लेकिन अगर वे चुनाव लड़ना चाहती हैं तो यह उनका अधिकार है। सभी लोग हर वक्त हमारे साथ ही रहें, यह ज़रूरी नहीं। किसी को विधायक पसंद न हो, किसी को पार्टी, तो यह उनका व्यक्तिगत विचार है।”

चुनावी असर

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर पार्वती देवी निर्दलीय मैदान में उतरती हैं तो इमामगंज सीट पर सीधा असर पड़ेगा। वोट बैंक में बिखराव से मौजूदा विधायक दीपा मांझी की राह मुश्किल हो सकती है। वहीं विपक्षी दल भी इस बगावत को भुनाने की रणनीति में लग सकते हैं।

एजेंसी इनपुट के साथ

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