कश्मीर टाइम्स पर SIA का छापा, अख़बार बोला हमें चुप कराने की कोशिश

SIA ने जम्मू दफ़्तर में तलाशी लेकर हथियारों से जुड़े सामान बरामद किए; संपादकों ने आरोपों को निराधार बताया और कहा कि पत्रकारिता अपराध नहीं, हम नहीं रुकेंगे।

Update: 2025-11-20 10:48 GMT

Kashmir Times : जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने गुरुवार को जम्मू स्थित कश्मीर टाइम्स के मुख्य दफ़्तर पर छापे मारे। एजेंसी ने यह कार्रवाई देश-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोपों की जांच के तहत की।

जानकारी के अनुसार छापेमारी के दौरान कुछ कारतूस बरामद किये गए हैं, जो AK 47 राइफल बताई जा रही हैं, साथ ही पिस्टल की गोलियाँ और अन्य सामान भी बरामद किया गया है। इस बात SIA ने FIR दर्ज की है। SIA की टीम ने कार्यालय परिसर और कंप्यूटरों की विस्तृत तलाशी ली। अधिकारियों के मुताबिक, अख़बार के प्रमोटर्स से भी जल्द पूछताछ की जा सकती है।

डिप्टी सीएम की प्रतिक्रिया: दबाव बनाने के लिए कार्रवाई नहीं होनी चाहिए

जम्मू-कश्मीर के डिप्टी मुख्यमंत्री सुरिंदर सिंह चौधरी ने कहा कि कार्रवाई केवल तभी की जानी चाहिए जब किसी प्रकार की ग़लती सिद्ध हो। उन्होंने कहा कि “अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन केवल दबाव बनाने के लिए ऐसा करना गलत होगा।”

कश्मीर टाइम्स का बयान: सरकार को आलोचना पसंद नहीं, पर हम चुप नहीं होंगे छापेमारी पर कश्मीर टाइम्स ने तीखी प्रतिक्रिया दी और अपनी वेबसाईट पर बयान जारी कर कहा कि यह उन्हें चुप कराने की एक और कोशिश है।
अख़बार की वेबसाइट पर जारी बयान में कहा गया कि हमारे दफ़्तर पर छापे, राज्य-विरोधी गतिविधियों के निराधार आरोप और समन्वित कार्रवाई हमें चुप कराने की एक और कोशिश है। सरकार की आलोचना करना राज्य-विरोध नहीं है। एक मज़बूत और सवाल पूछने वाली प्रेस किसी भी लोकतंत्र की नींव होती है।
हमारा काम सत्ता को जवाबदेह बनाना, भ्रष्टाचार की जांच करना और हाशिये पर पड़े लोगों की आवाज़ उठाना है। यह देश को मजबूत करता है, कमज़ोर नहीं। अख़बार ने दावा किया कि 1954 से, संस्थापक संपादक वेद भसीन के नेतृत्व में, कश्मीर टाइम्स स्वतंत्र पत्रकारिता का एक मज़बूत स्तंभ रहा है।
बयान में आगे कहा गया है कि हम पर लगाए गए आरोप हमें डराने, बदनाम करने और अंततः चुप कराने की कोशिश हैं। लेकिन हम चुप नहीं होंगे। पत्रकारिता अपराध नहीं है। जवाबदेही देशद्रोह नहीं है। हम सच लिखना, जांच करना और लोगों की आवाज़ उठाना जारी रखेंगे। राज्य हमारे दफ़्तरों पर छापा मार सकता है, लेकिन हमारे सच के प्रति समर्पण पर नहीं।
संपादकों प्रभोध जम्वाल और अनुराधा भसीन ने कहा कि 2021–22 में लगातार दबाव के चलते प्रिंट संस्करण को बंद करना पड़ा था, लेकिन डिजिटल प्रकाशन आज भी नियमित रूप से जारी है।
उन्होंने कहा कि सारी रिपोर्टें और लेख सार्वजनिक रूप से kashmirtimes.com पर उपलब्ध हैं।

( एजेंसी इनपुट के साथ )


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