'तेजस्वी की कुंडली में सीएम का योग नहीं', जानें क्या है बिहार की जमीनी हकीकत

वैसे तो बिहार विधानसभा के लिए चुनाव 2025 में होने हैं। लेकिन सियासी हमले तेज हो चुके हैं। आरजेडी का कहना है कि 2025 में हवा पूरी तरह से तेजस्वी यादव के पक्ष में होगी।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-08-12 02:04 GMT

Bihar Assembly Elections 2025:  केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन ने रविवार को दावा किया कि बिहार में सत्ता जीतना राजद नेता तेजस्वी यादव की कुंडली में नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता हवाई किले बना रहे हैं। पूर्व जद (यू) अध्यक्ष यादव के इस दावे पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार के बने रहने से राजद की संभावनाएं बढ़ेंगी, जो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में उन्हें हराना चाहती है। सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, "बिहार में सत्ता जीतना राजद के तेजस्वी यादव की कुंडली में नहीं है। वह हवाई किले बना रहे हैं।

तेजस्वी के बयान पर जेडीयू का तंज
राजद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर 'विभाजनकारी' राजनीतिक ताकतों के साथ गठबंधन करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि जद (यू) सुप्रीमो ने आरएसएस और भाजपा को राज्य में अपना आधार बढ़ाने में मदद की। भाजपा समाज में नफरत फैला रही है, जबकि हमें गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी और विकास जैसे मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए। भगवा पार्टी जाति, पंथ और धर्म के नाम पर देश को बांटने की कोशिश कर रही है। कुमार इन विभाजनकारी तत्वों में शामिल हो गए हैं और बिहार में अपना आधार बढ़ाने में आरएसएस और भाजपा का लगातार समर्थन कर रहे हैं।

अभी चुनाव में समय लेकिन बोल तीखे
इसके साथ यह भी कहा कि भाजपा के साथ जदयू का गठबंधन राजद की मदद कर रहा है। राजद के नेतृत्व वाला भारत ब्लॉक 2025 के विधानसभा चुनावों के बाद बिहार में सरकार बनाएगा।" सिंह की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी (बीपीसीसी) के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा, "राज्य के लोग इन जदयू नेताओं की राजनीति से वाकिफ हैं, जो तेजस्वी यादव की कुंडली पर बयानबाजी कर रहे हैं। राजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने संवाददाताओं से कहा, "लोग किसी राजनेता का राजनीतिक भाग्य तय करते हैं और वे यह भी तय करते हैं कि कौन सीएम बनेगा। लोगों ने पहले ही मन बना लिया है कि हमारे नेता (तेजस्वी) 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों के बाद सीएम बनेंगे। इससे पहले ललन सिंह ने खुद तेजस्वी जी को सीएम पद और खुद के लिए डिप्टी सीएम पद की पेशकश की थी, लेकिन राजद नेता ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।

क्या है जमीनी हकीकत
अब दोनों के दावे में कितना दम है उसे आम लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों से समझ सकते हैं। आम चुनाव के नतीजों में यह बात सच है कि इंडिया ब्लॉक यानी कि बिहार में आरजेडी ने जे़डीयू और बीजेपी का नुकसान किया लेकिन चोट उस स्तर की नहीं थी। यहां आप को याद रखने की जरूरत है कि चुनाव लोकसभा का हो रहा था। प्रचार के दौरान संविधान और आरक्षण के मुद्दे पर एनडीए के नेता सफाई देते रह गए। हालांकि जिस तरह के नतीजे आरजेडी के पक्ष में आने चाहिए थे वो नहीं आए। जहां तक गठबंधन का सवाल है तो बिहार की राजनीति जाति का बोलबाला है। सभी राजनीतिक दल चुनाव से पहले बड़ी बड़ी बात तो करते हैं। ये बात अलग है कि टिकट में उसे अमल में नहीं लाते। 

2025 के चुनाव में अब प्रशांत किशोर ने भी दस्तक देने का फैसला किया। वो बिहार के अलग अलग जिलों में जनसुराज यात्रा के जरिए लोगों से मुलाकात भी कर रहे हैं। उनके इस संपर्क को व्यापक समर्थन मिल रहा है। राजनीति के जानकारों के मुताबिक भले ही पीके विनिंग पोजीशन में ना हों। लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि वो आरजेडी और जेडीयू दोनों को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। वो बार बार लोगों से अपील कर रहे हैं जाति के जाल को तोड़कर बाहर निकलिए। 

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