बिहार में नई कैबिनेट को अंतिम रूप देने में जुटा एनडीए, मुख्यमंत्री का फैसला जल्द- रिपोर्ट्स
एनडीए ने 22 नवंबर से पहले बिहार में सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू की। नीतीश कुमार के 10वें कार्यकाल के लिए फिर से मुख्यमंत्री बनने की संभावना, सहयोगी दलों में कैबिनेट हिस्सेदारी और नेतृत्व भूमिकाओं पर चर्चा।
एनडीए की बिहार विधानसभा चुनावों में ज़बरदस्त जीत के बाद अब सबकी निगाहें राज्य में सरकार गठन पर टिकी हुई हैं, क्योंकि वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज है कि क्या नीतीश कुमार रिकॉर्ड 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और कैबिनेट में एनडीए सहयोगियों को कैसे जगह दी जाएगी।
‘22 नवंबर से पहले सरकार बन जाएगी’
पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने कहा कि बिहार में 22 नवंबर से पहले सरकार बन जाएगी।
पासवान, जिनकी पार्टी ने इस चुनाव में 19 सीटें जीती हैं, ने बताया कि एनडीए सहयोगियों के बीच सरकार गठन को लेकर बातचीत चल रही है। नीतीश कुमार से अपनी हालिया मुलाकात को उन्होंने “सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक” बताया, और कहा कि बिहार में सरकार गठन का ब्लूप्रिंट रविवार (16 नवंबर) या सोमवार (17 नवंबर) तक तैयार हो जाएगा।
चिराग की केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात
“मैं वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों से भी बात करूंगा, और ब्लूप्रिंट आज या कल तक तैयार हो जाएगा। हमें 22 नवंबर से पहले सरकार बनानी है। यह हो जाएगा,” पासवान ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया।
उन्होंने आगे कहा कि बिहार सरकार गठन से जुड़े फैसले जल्द लिए जाएंगे और ब्लूप्रिंट तैयार होने के बाद “स्पष्टता” आ जाएगी।
उपेंद्र कुशवाहा ने क्या कहा
दिन में पहले, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अगले दो से चार दिनों में तस्वीर साफ हो जाएगी और लोगों को “थोड़ा इंतज़ार” करना होगा।
रिपोर्ट के अनुसार, एनडीए सरकार गठन की प्रक्रिया दो-तीन दिनों में शुरू होगी, जब सभी विजयी विधायक—जो अभी अपने-अपने क्षेत्रों में हैं—पटना पहुंच जाएंगे।
एनडीए में चर्चा शुरू
रिपोर्ट्स के मुताबिक एनडीए नेताओं ने बिहार में सरकार गठन को लेकर चर्चा शुरू कर दी है। घटक दल अपने-अपने विधायकों के साथ अलग-अलग बैठकें कर रहे हैं।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी और जेडीयू कैबिनेट शेयरिंग पर पहली दौर की बातचीत पूरी कर चुके हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों दलों ने सिद्धांत रूप में इस बात पर सहमति जताई है कि हर छह विधायकों पर एक मंत्री पद दिया जाएगा।
जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा आज दिल्ली से पटना लौट रहे हैं, ताकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर जेडीयू और एनडीए की विधायिका दलों की बैठकों की तैयारी कर सकें।
जेडीयू विधायक दल की बैठक
रिपोर्ट्स के अनुसार, जेडीयू विधायक दल की बैठक सोमवार (17 नवंबर) को हो सकती है। वहीं एनडीए के अगले नेता का चुनाव 18 नवंबर तक होने की संभावना है।
इस बीच, बीजेपी अपने छोटे सहयोगियों के साथ नई कैबिनेट में उनकी हिस्सेदारी को लेकर बातचीत शुरू करने वाली है। एचएएम के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी गया से दिल्ली जा रहे हैं, जहां वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और वरिष्ठ भाजपा नेताओं से मुलाकात करेंगे।
बीजेपी 89 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि जेडीयू 85 सीटों के साथ उसके ठीक पीछे है। आरएलजेपी को 19 सीटें मिलीं, एचएएम को पाँच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को चार सीटें।
महागठबंधन, जिसने 2020 में कड़ी चुनौती दी थी, इस बार बुरी तरह सिमटकर 35 सीटों पर आ गया है। आरजेडी और कांग्रेस दोनों के प्रदर्शन में भारी गिरावट देखी गई है—कांग्रेस को 8.71% वोट मिलने के बावजूद सिर्फ छह सीटें मिलीं।