BPSC परीक्षा को लेकर छात्रों के प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस का लाठीचार्ज

पटना में पुलिस ने इस ठिठुरन भरी सर्दी में प्रदर्शनकारी छात्रों पर पानी की बौछार मारी। छात्र CM आवास जा रहे थे। अब प्रदेश के मुख्यसचिव छात्रों के प्रतिनिधि मंडल से मिल रहे हैं।;

Update: 2024-12-29 16:23 GMT

BPSC Students Protest : बिहार में हाल ही में आयोजित बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) परीक्षा में कथित गड़बड़ी और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के विरोध में छात्र राजधानी पटना में सड़क पर उतर आए हैं। रविवार को गांधी मैदान से मुख्यमंत्री आवास तक निकाले जा रहे छात्रों के मार्च को पुलिस ने बीच में रोक दिया, जिसके बाद पुलिस और छात्रों के बीच तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को रोकने के लिए इस ठिठुरन भरी सर्दी में पानी की बौछार मारी और लाठी चार्ज भी किया, जिसके बाद से इस मुद्दे ने बिहार की सियासत को भी गर्म कर दिया है। 


गांधी मैदान से सीएम आवास तक मार्च की कोशिश

रविवार शाम को बड़ी संख्या में छात्र गांधी मैदान में जमा हुए और अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास तक मार्च निकालने की कोशिश की। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना था कि वे मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी समस्याओं को उनके सामने रखना चाहते हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री दिल्ली में होने के कारण उनसे मुलाकात संभव नहीं थी।

छात्र जब गांधी मैदान से सीएम आवास की ओर बढ़े, तो पुलिस ने उन्हें जेपी गोलंबर के पास रोक दिया। यहां छात्रों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और पानी की बौछारों का सहारा लिया।

छात्रों ने कहा अब BPSC पर नहीं विश्वास सीधे मुख्यमंत्री से करेंगे बात

प्रदर्शन कर रहे छात्रों की तरफ से ये कहा गया है कि उन्हें BPSC पर अब विश्वास नहीं है। वो अब इस मामले में सीधे मुख्यमंत्री से ही बात करना चाहते हैं ताकि सुनवाई हो सके।

क्या हैं छात्रों की मांगें?

प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि BPSC परीक्षा में कई स्तर पर धांधली हुई है। उनकी मुख्य मांगें हैं:

1. परीक्षा को पूरी तरह रद्द किया जाए।

2. नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को समाप्त किया जाए।

3. परीक्षा में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो।

4. परीक्षा दोबारा से आयोजित कराई जाए।

BPSC ने हालांकि परीक्षा को रद्द करने से इनकार किया है और सिर्फ उन केंद्रों पर दोबारा परीक्षा कराने की बात कही है, जहां गड़बड़ी की पुष्टि हुई है।

पुलिस ने किया लाठीचार्ज

प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने जेपी गोलंबर पर प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। साथ ही वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया। छात्रों का कहना है कि यह कार्रवाई उनके शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाने के लिए की गई।

छात्रों का आरोप:

“हम शांतिपूर्ण तरीके से मार्च निकाल रहे थे। हमारा उद्देश्य सिर्फ मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखना था, लेकिन पुलिस ने हम पर लाठियां बरसाईं। यह हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है,” एक प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा।

पुलिस की दलील:

पुलिस का कहना है कि छात्रों को प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई थी और सीएम आवास के पास जाने की अनुमति देना सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं था।

मुख्य सचिव ने बुलाया प्रतिनिधिमंडल

इस दौरान ये जानकारी सामने आई है कि पूरी घटना के बाद, बिहार के मुख्य सचिव ने छात्रों के एक पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया। प्रशासन का कहना है कि छात्रों की मांगों को सुना जाएगा और उनका समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी।

छात्रों ने हालांकि स्पष्ट किया कि अगर बातचीत से कोई ठोस नतीजा नहीं निकला, तो आंदोलन और उग्र होगा।

प्रदर्शन में शामिल हुए खान सर और प्रशांत किशोर

छात्रों का समर्थन करने के लिए पटना के प्रसिद्ध शिक्षक खान सर प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा, “सरकार को यह समझना चाहिए कि ये छात्र अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। यह लड़ाई किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे युवा समाज की है।"

वहीँ राजनीतिक रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने भी छात्रों का समर्थन किया। उन्होंने धरना स्थल पर पहुंचकर छात्रों से बातचीत की और कहा, "आपकी लड़ाई न्याय की है। सरकार को आपकी मांगें सुननी ही होंगी। अगर समाधान नहीं निकला, तो यह आंदोलन और बड़ा होगा।"

25 दिसंबर को भी हुआ था लाठीचार्ज

यह पहली बार नहीं है जब छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ है। इससे पहले 25 दिसंबर को भी पुलिस ने गर्दनीबाग इलाके में प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठियां चलाई थीं। उस दिन के लाठीचार्ज में कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

छात्र आंदोलन के पीछे की कहानी

पिछले कुछ दिनों से BPSC परीक्षा को लेकर छात्रों में गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि परीक्षा के दौरान कई केंद्रों पर अनियमितताएं हुईं, जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में है। परीक्षा में कथित धांधली के मामले ने छात्रों को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है।

क्या कहता है BPSC?

BPSC ने अपनी सफाई में कहा है कि परीक्षा के दौरान पेपर लीक नहीं हुआ और गड़बड़ी सिर्फ एक केंद्र तक सीमित थी। आयोग ने उस केंद्र पर दोबारा परीक्षा कराने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन छात्र इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।

आगे की रणनीति

छात्रों का कहना है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया, तो वे अगले कुछ दिनों में बड़ा आंदोलन करेंगे। इसके लिए उन्होंने अन्य जिलों के छात्रों को भी पटना बुलाने की योजना तैयार की है। 

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