गाजियाबाद में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर महिला को 9 बार थप्पड़ मारा, आरोपी गिरफ्तार
यह घटना सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के तुरंत बाद हुई जिसमें आवारा कुत्तों को केवल तय जगहों पर खिलाने की बात कही गई थी। इस घटना ने लोगों द्वारा खुद कानून हाथ में लेने को लेकर चिंता बढ़ा दी है।;
यूपी के गाजियाबाद में शुक्रवार रात आवारा कुत्तों को खिलाने को लेकर दो निवासियों के बीच विवाद बढ़ गया, जिसके बाद सिद्धार्थ विहार के एक निवासी ने एक युवती को कई बार थप्पड़ मारा। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
यह घटना सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के कुछ घंटे बाद सामने आई जिसमें गैर-निर्धारित स्थानों पर आवारा कुत्तों को खिलाने पर रोक लगाई गई थी। शनिवार को इस 22 वर्षीय महिला पर हुए हमले का वीडियो सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म पर वायरल हो गया, जिससे मामले ने और तूल पकड़ लिया।
वीडियो में काले कपड़े पहने एक व्यक्ति, जिसकी पहचान अब कमल किशोर खन्ना के रूप में हुई है, महिला के पास जाता है और उसे बार-बार थप्पड़ मारता है। पुलिस ने बताया कि खन्ना सिद्धार्थ विहार के ब्रह्मपुत्र एन्क्लेव का निवासी है। शनिवार को उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स में एसीपी रितेश त्रिपाठी के हवाले से बताया गया है कि खन्ना पर बीएनएस की धारा 115(2) (जानबूझकर चोट पहुँचाना), 351(2) (आपराधिक धमकी) और 352 (शांति भंग) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
शिकायतकर्ता सीमा रानी के अनुसार, वह और उनकी मित्र याशिका शुक्ला नियमित रूप से अपने मोहल्ले के तीन सामुदायिक कुत्तों को खाना खिलाते हैं। सीमा ने बताया कि शुक्रवार शाम को जब वे कुत्तों को खिला रही थीं, तभी खन्ना की कार तेजी से उनकी ओर बढ़ी। “हम आखिरी पल में बच गए,” सीमा ने कहा। इसके बाद ड्राइवर ने गाड़ी रोकी, गालियाँ दीं और याशिका को “लगातार नौ बार थप्पड़ मारा।”
याशिका ने मीडिया को बताया कि खन्ना ने धमकी दी थी कि अगर उन्होंने पुलिस से संपर्क किया तो वह उनका जीवन मुश्किल बना देगा। सीमा ने आरोप लगाया कि उनकी कॉलोनी में कुत्तों को खिलाने वालों के साथ दुश्मनी नई बात नहीं है और पहले भी एक आवारा कुत्ते को लोगों ने पीटा था।
उन्होंने कहा, “हमें समाज के कुछ सदस्यों से लगातार धमकियाँ मिल रही हैं। कोई तयशुदा फीडिंग एरिया नहीं है, इसी कारण झगड़े होते हैं।”
खन्ना के भाई गगन ने हालांकि दावा किया कि झगड़ा तब शुरू हुआ जब याशिका ने खन्ना को तय पार्किंग स्लॉट में कार खड़ी करने से रोका और पहले उसे थप्पड़ मारकर उकसाया। उन्होंने आरोप लगाया कि ऑनलाइन वायरल वीडियो को “एडिट” किया गया है और उस हिस्से को हटा दिया गया है, जिससे ऐसा लगे कि केवल महिलाओं पर हमला हुआ।
इस घटना ने शहरी क्षेत्रों में आवारा कुत्तों के प्रबंधन पर फिर से बहस छेड़ दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अब हर वार्ड में आवारा कुत्तों को खिलाने के लिए तय स्थान बनाने होंगे। चिंता यह है कि जब तक यह व्यवस्था नहीं होती, ऐसे विवाद होते रहेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स में गाजियाबाद के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनुज सिंह के हवाले से बताया गया है कि निगम इस आदेश को लागू करने के लिए रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों और फीडर्स से चर्चा कर नीति बना रहा है।
पशु अधिकार कार्यकर्ताओं का तर्क है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बताए गए अनुसार प्रति वार्ड केवल एक फीडिंग स्पॉट व्यावहारिक नहीं होगा। पीपल फॉर एनिमल्स गाजियाबाद-नोएडा की अध्यक्ष सुरभि रावत ने कहा, “कुत्ते इलाकों में अलग-अलग समूहों में रहते हैं और उनकी आबादी के अनुसार कई जगहों की ज़रूरत होती है। जहां यह व्यवस्था सफल रही है, जैसे इंदिरापुरम की आदित्य मेगासिटी में, वहाँ कई जगहों पर फीडिंग एरिया बनाए गए थे और उनकी योजना देखभाल करने वालों के साथ मिलकर बनाई गई थी।”