दिल्ली का नाम बदलकर 'इंद्रप्रस्थ' रखना चाहती है विश्व हिंदू परिषद
संघ परिवार का संगठन दिल्ली में हुमायूं का मकबरा,सफदरजंग मकबरा और कुतुब मीनार जैसे स्मारकों का सर्वे कर रहा है ताकि दिल्ली के हिंदू राजाओं के चिह्न 'खोजे' जा सके;
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर जिले में औरंगजेब के मकबरे को हटाने की मांग जोर पकड़ रही है, वहीं विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) दिल्ली में सक्रिय हो गई है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध इस संगठन ने राष्ट्रीय राजधानी के ऐतिहासिक स्मारकों का सर्वेक्षण शुरू किया है ताकि भूमि अभिलेखों का अध्ययन किया जा सके और उन हिंदू राजाओं के प्रतीकों की पहचान की जा सके जिन्होंने मुगलों से पहले दिल्ली पर शासन किया था।
वीएचपी महाराष्ट्र में भाजपा और उसकी सहयोगी शिवसेना द्वारा चलाए जा रहे उस प्रोजेक्ट की नकल कर रही है जिसमें ऐतिहासिक स्थलों का सर्वेक्षण और निरीक्षण किया जा रहा है।
वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने 'द फेडरल' को बताया, "हम दिल्ली के हुमायूँ के मकबरे जैसे ऐतिहासिक स्मारकों का सर्वेक्षण कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यहां हिंदू राजाओं के प्रतीक मौजूद हैं, जिन्होंने दिल्ली पर शासन किया था।"
नागपुर स्थित लेखक और आरएसएस के पर्यवेक्षक दिलीप देउधर का मानना है कि इस तरह के और भी दावे सामने आएंगे। उन्होंने कहा, "ये सभ्यतागत मुद्दे हैं, जो भाजपा के राजनीतिक शक्ति में आने के साथ ही उभरते रहेंगे। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण ने वीएचपी को यह विश्वास दिलाया है कि वह अन्य मांगों को पूरा करने की दिशा में भी काम कर सकती है।"
दिल्ली का नाम बदलकर इंद्रप्रस्थ करने की मांग
बंसल ने कहा कि वीएचपी राजधानी का नाम बदलने की भी मांग कर रही है। संगठन के नेताओं का कहना है कि चूंकि महाभारत दिल्ली और उसके आसपास हुई थी, और इसमें इसे 'इंद्रप्रस्थ' कहा गया है, इसलिए इसका नाम बदलकर इंद्रप्रस्थ किया जाना चाहिए।
"दो दशकों से अधिक समय से वीएचपी के नेता कह रहे हैं कि दिल्ली इस स्थान का मूल नाम नहीं है और इसे बदलकर इंद्रप्रस्थ रखा जाना चाहिए," बंसल ने 'द फेडरल' को बताया। उन्होंने कहा, "हमारे पूर्ववर्ती नेता जैसे (दिवंगत) अशोक सिंघल ने केंद्र और दिल्ली सरकार को दिल्ली का नाम बदलने का प्रस्ताव देने के लिए पत्र भी लिखा था।"
दिल्ली में भाजपा की सत्ता के बाद उम्मीदें बढ़ीं
अब जब भाजपा लगभग 25 वर्षों बाद दिल्ली की सत्ता में वापस आ गई है, तो बंसल ने उम्मीद जताई कि "अब कुछ अच्छा होगा। नाम परिवर्तन आखिरकार होगा।"
वीएचपी की यह नई मांग ऐसे समय में आई है जब महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर जिले में मुगल सम्राट औरंगजेब के मकबरे को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। संघ परिवार का ध्यान अब दिल्ली में हुमायूँ और सफदरजंग के मकबरों पर केंद्रित हो गया है। ये दोनों मकबरे मुगलों के शासनकाल के दौरान बनाए गए थे।
कुतुब मीनार पर भी नजर
वीएचपी की जांच सिर्फ मुगल काल के स्मारकों तक सीमित नहीं है। संगठन तुगलक काल के दौरान बने स्मारकों का भी अध्ययन करने की योजना बना रहा है ताकि दिल्ली पर शासन करने वाले हिंदू राजाओं के प्रतीकों और अवशेषों को 'खोजा' जा सके।
वीएचपी का दावा है कि 13वीं शताब्दी की कुतुब मीनार, जो हुमायूँ के मकबरे की तरह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, हिंदू मंदिरों को तोड़कर बनाई गई थी। अब वीएचपी चाहती है कि हिंदू समुदाय को कुतुब मीनार परिसर में पूजा करने की अनुमति दी जाए।
अजमेर दरगाह पर भी सवाल
वीएचपी लंबे समय से यह दावा करती आ रही है कि राजस्थान में स्थित अजमेर दरगाह एक मंदिर के ऊपर बनाई गई थी और यह कि दरगाह परिसर का अध्ययन किया जाना चाहिए ताकि मंदिर के अवशेषों की पहचान हो सके।