बीएमडब्ल्यू दुर्घटना मामला: दिल्ली कोर्ट ने गगनप्रीत कौर को जमानत दी; पैरामेडिक पर 'लापरवाही' का आरोप
कोर्ट ने साफ कहा कि पैरामेडिक और एंबुलेंस का यह कर्तव्य था कि घायल को अस्पताल पहुँचाते। हालांकि अदालत ने यह भी नोट किया कि पैरामेडिक्स ने आसपास मौजूद लोगों से मदद की जरूरत पूछी थी।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उस बीएमडब्ल्यू हादसे के मामले में गगनप्रीत कौर को जमानत दे दी, जिसमें वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी की मौत हो गई थी। हालांकि, अदालत ने एंबुलेंस के आचरण पर कड़ी टिप्पणी की, जो मौके पर तो पहुँची लेकिन 30 सेकंड के भीतर बिना घायलों को ले जाए वहाँ से चली गई। अदालत ने सवाल किया कि क्या यह चिकित्सकीय लापरवाही नहीं है, और इस बात पर जोर दिया कि दुर्घटनाग्रस्त लोगों की मदद करना एंबुलेंस का कर्तव्य था।
कोर्ट का आदेश
14 सितंबर को दिल्ली के धौला कुआं में हुई इस दुर्घटना में वित्त मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह की मौत हो गई थी। अदालत ने गगनप्रीत कौर को 1 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतने ही रकम की दो जमानतों पर रिहाई दी। साथ ही, उनका पासपोर्ट जब्त करने का निर्देश भी दिया।
कोर्ट ने जमानत आदेश सुनाने से पहले कहा, “एक एंबुलेंस वहाँ सेकंडों में पहुँची और करीब 30 सेकंड रुकी, लेकिन घायल को अस्पताल नहीं ले गई। जबकि उनके पास कोई और इमरजेंसी असाइनमेंट नहीं था और वे आर्मी बेस अस्पताल (सबसे नज़दीकी अस्पताल) ही जा रहे थे। यह क्या मेडिकल नेग्लिजेंस नहीं है?”
अदालत के तीखे सवाल
“उस एंबुलेंस के साथ क्या किया जाना चाहिए? क्या वे ‘लापरवाही से मृत्यु का कारण’ बने अपराध के आरोपी नहीं हैं?”
“सबसे अच्छी सुविधा से लैस वाहन मौके पर मौजूद था। लेकिन वह 30 सेकंड बाद चला गया। क्या यह मेडिकल नेग्लिजेंस नहीं है?”
कोर्ट ने साफ कहा कि पैरामेडिक और एंबुलेंस का यह कर्तव्य था कि घायल को अस्पताल पहुँचाते। हालांकि अदालत ने यह भी नोट किया कि पैरामेडिक्स ने आसपास मौजूद लोगों से मदद की जरूरत पूछी थी।
हादसे का विवरण
दिल्ली पुलिस ने गगनप्रीत कौर को गिरफ्तार किया था, जो बीएमडब्ल्यू चला रही थीं और जिन्होंने धौला कुआं इलाके में वरिष्ठ अधिकारी नवजोत सिंह की बाइक को टक्कर मार दी थी।
52 वर्षीय नवजोत सिंह, वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में डिप्टी सेक्रेटरी थे और हरि नगर के निवासी थे। हादसे में उनकी पत्नी संदीप भी गंभीर रूप से घायल हुईं और अब भी इलाजरत हैं।
संदीप का बयान
संदीप ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि टक्कर के बाद उन्होंने बार-बार गगनप्रीत से गुज़ारिश की कि उनके पति को नज़दीकी अस्पताल ले जाएँ, क्योंकि वह बेहोश थे और तुरंत प्राथमिक उपचार की ज़रूरत थी। लेकिन बीएमडब्ल्यू सवार लोग उन्हें जीटीबी नगर के एक छोटे अस्पताल (करीब 22 किमी दूर) ले गए, जहाँ दंपति को बाहर स्ट्रेचर पर इंतज़ार करवाया गया।
संदीप ने कहा कि उन्होंने बार-बार AIIMS या आर्मी बेस अस्पताल जैसे नज़दीकी बड़े अस्पताल ले जाने की अपील की, लेकिन उसे नज़रअंदाज़ किया गया। उन्होंने ड्राइवर को गगनप्रीत कौर के रूप में पहचान किया और बताया कि दुर्घटना के दौरान नीली बीएमडब्ल्यू (नंबर 0008) सड़क पर पलट गई थी।