'...तो क्या मिलावट का धंधा खत्म हो जाएगा?' दुकानों पर नाम लिखने के आदेश पर बोली मायावती

मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार के उस निर्देश की आलोचना की, जिसमें भोजनालय संचालकों, मालिकों और प्रबंधकों के नाम और पते प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया है.

Update: 2024-09-26 10:12 GMT

BSP chief Mayawati: बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने गुरुवार (26 सितंबर) को उत्तर प्रदेश सरकार के उस निर्देश की आलोचना की, जिसमें भोजनालय संचालकों, मालिकों और प्रबंधकों के नाम और पते प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह खाद्य सुरक्षा से अधिक चुनावी राजनीति से जुड़ा है.

उत्तर प्रदेश में खाद्य पदार्थों में थूकने और मूत्र मिलाने की घटनाओं का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया था कि सभी खाद्य केंद्रों पर संचालकों, मालिकों और प्रबंधकों का नाम और पता अनिवार्य रूप से प्रदर्शित किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि शेफ और वेटर को मास्क और दस्ताने पहनने चाहिए. इसके अलावा होटलों और रेस्तरां में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया जाना चाहिए.

जनता का ध्यान भटकाना

मायावती ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यूपी सरकार द्वारा होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा आदि में मालिक व मैनेजर के नाम व पते के साथ कैमरे लगाना अनिवार्य करने की घोषणा कांवड़ यात्रा के दौरान की गई कार्रवाई के समान है, जिससे चर्चा तेज हो गई है कि यह खाद्य सुरक्षा से कम और चुनावी राजनीति के जरिए जनता का ध्यान भटकाने के लिए अधिक है.

इस वर्ष की शुरुआत में मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को भोजनालय मालिकों के नाम प्रदर्शित करने को कहा था, जिसे बाद में उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में लागू कर दिया था. दोनों राज्य सरकारों के अलावा भाजपा शासित उज्जैन नगर निगम ने भी इसी तरह का आदेश जारी किया था.

मिलावट का बाजार फल-फूल रहा

बसपा प्रमुख ने अपने पोस्ट में कहा कि वैसे तो खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर पहले से ही बहुत सख्त कानून हैं. लेकिन फिर भी सरकार की लापरवाही के कारण मिलावट का बाजार हर जगह “फल-फूल” रहा है. उन्होंने लिखा कि क्या दुकानों पर जबरन लोगों के नाम लिखवाने आदि से मिलावट का काला कारोबार खत्म हो जाएगा?

तिरुपति लड्डू विवाद

उन्होंने कहा कि तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लड्डू में चर्बी मिलाए जाने की खबर ने पहले ही पूरे देश के लोगों को बहुत दुखी और आक्रोशित कर दिया है और इस पर राजनीति भी हो रही है. धर्म के नाम पर राजनीति के बाद लोगों की आस्था के साथ इस तरह के घिनौने खिलवाड़ का असली दोषी कौन है? इस पर विचार करना जरूरी है.

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