अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर के विरोध पर उतरीं ममता’: अमित शाह

गृह मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि मुर्शिदाबाद हिंसा में टीएमसी के वरिष्ठ नेता शामिल थे और ममता तुष्टिकरण की राजनीति के लिए वक्फ अधिनियम का विरोध कर रही थीं.;

Update: 2025-06-01 13:27 GMT

Amit Shah In West Bengal : गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार (1 जून) को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्की मुखिया मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर और वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध कर "निम्न स्तर पर उतर आई हैं"।

शाह ने ये भी आरोप लगाया कि मुर्शिदाबाद में हुए दंगे "राज्य प्रायोजित" थे।

2026 में होगा ममता के कार्यकाल का खात्मा

कोलकाता में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शाह ने 2026 के विधानसभा चुनावों में टीएमसी सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया और दावा किया कि ममता बनर्जी का मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल 2026 में समाप्त हो जाएगा।

उन्होंने कहा, “मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए ममता दीदी ने ऑपरेशन सिंदूर का विरोध किया। ऐसा करके उन्होंने देश की माताओं और बहनों का अपमान किया है। आपने सैन्य अभियान का नहीं, बल्कि करोड़ों माताओं और बहनों की जिंदगी से खिलवाड़ किया है। मैं बंगाल की महिलाओं से अपील करने आया हूं कि वे इस चुनाव में उन्हें सिंदूर का महत्व समझाएं जो ऑपरेशन सिंदूर का विरोध कर रहे हैं।”

ममता बनर्जी ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर आरोप लगाया था कि वे ऑपरेशन सिंदूर — 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में केंद्र सरकार की सैन्य कार्रवाई — का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं।

शाह ने कहा, “2026 के विधानसभा चुनावों में राज्य की माताएं और बहनें ऑपरेशन सिंदूर का विरोध करने के लिए मुख्यमंत्री और टीएमसी को सबक सिखाएंगी।”

मुर्शिदाबाद हिंसा में टीएमसी नेताओं की मिलीभगत

गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि मुर्शिदाबाद में अप्रैल में हुए दंगों के दौरान टीएमसी के वरिष्ठ नेता हिंसा में शामिल थे, जो वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान भड़की थी।

उन्होंने कहा, “जिस तरह से एक टीएमसी मंत्री ने हिंसा को भड़काया, उससे यह कहा जा सकता है कि मुर्शिदाबाद के दंगे राज्य प्रायोजित थे।”

“गृह मंत्रालय बार-बार मुर्शिदाबाद दंगों के दौरान बीएसएफ की तैनाती की मांग करता रहा, लेकिन टीएमसी सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी ताकि हिंसा जारी रह सके। अगर बीएसएफ की तैनाती होती, तो हिंदुओं की रक्षा की जा सकती थी। बीएसएफ को तब जाकर भेजा गया जब बीजेपी कार्यकर्ता हाई कोर्ट पहुंचे,” उन्होंने आरोप लगाया।

अप्रैल के दंगों में कम से कम तीन लोगों की मौत हुई और कई अन्य घायल हुए। मुर्शिदाबाद की झड़पों के बाद शाह की यह पहली बंगाल यात्रा थी।

देश की सुरक्षा से जुड़ा है बंगाल चुनाव

ममता बनर्जी की सरकार पर हमला तेज करते हुए शाह ने कहा, “आज ममता दीदी ने इस महान बंगाल भूमि को घुसपैठ, भ्रष्टाचार, महिलाओं पर अत्याचार, अपराध, बम धमाकों और हिंदुओं के साथ दुर्व्यवहार का केंद्र बना दिया है।”

राष्ट्रीय सुरक्षा प्रयासों में राज्य सरकार के हस्तक्षेप को लेकर उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी तुष्टीकरण की राजनीति के लिए वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध कर रही हैं।” गृह मंत्री ने सत्तारूढ़ टीएमसी पर अवैध सीमा पार गतिविधियों को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, “बंगाल चुनाव सिर्फ राज्य का भविष्य तय नहीं करेंगे, बल्कि देश की सुरक्षा से भी जुड़े हैं। ममता बनर्जी ने बंगाल की सीमाएं बांग्लादेशियों के लिए खुली छोड़ दी हैं। उनकी शह पर घुसपैठ हो रही है। इसे सिर्फ बीजेपी की सरकार ही रोक सकती है।”

राज्य सरकार ने बीएसएफ को जमीन नहीं दी

बीएसएफ की सीमाओं पर घुसपैठ रोकने में विफलता को लेकर टीएमसी के आरोपों का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार ने बीएसएफ को जरूरी जमीन ही नहीं दी है।

उन्होंने कहा, “अगर टीएमसी सरकार बीएसएफ को जरूरी जमीन दे दे, तो हम घुसपैठ रोक देंगे। लेकिन वे कभी जमीन नहीं देंगे क्योंकि पार्टी चाहती है कि घुसपैठ जारी रहे और वे सत्ता में बने रहें।”

ममता को आतंकवादियों की मौत पर दुख

शाह ने यह भी आरोप लगाया कि ममता बनर्जी राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर मजबूत रुख नहीं अपना पाईं।

उन्होंने कहा, “पिछली सरकारों के दौरान जब ममता दीदी मंत्री थीं, आतंकवादी हमलों से सख्ती से निपटने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। लेकिन हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमापार आतंकी कैंपों को तबाह कर आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाए। लेकिन ममता दीदी को इससे समस्या है।”

“अपने वोट बैंक के लिए ममता दीदी ने नीचता की सभी सीमाएं पार कर दी हैं। कुछ दिन पहले पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने हमारे निर्दोष नागरिकों को उनके परिवारों के सामने धर्म पूछकर मार डाला। इन आतंकियों को सजा देने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया। आतंकियों के मुख्यालय पाकिस्तान में घुसकर तबाह किए गए। लेकिन ममता दीदी को इन आतंकियों की मौत पर दुख हुआ। उन्होंने एक सस्ते राजनीतिक बयान के जरिए ऑपरेशन सिंदूर का विरोध किया,” शाह ने कहा।

महिलाओं की भावनाओं की अनदेखी

शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के अंदर 100 किलोमीटर गहराई तक जाकर आतंकी मुख्यालयों पर हमला किया।

“अनेक आतंकियों को मारा गया, लेकिन इससे ममता जी को समस्या है। ऐसा कर आप सिर्फ इस अभियान का विरोध नहीं कर रहीं, बल्कि देश की महिलाओं की भावनाओं का भी अपमान कर रही हैं,” शाह ने कहा।

पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए शाह ने कहा, “जब बंगाल के पर्यटक इस हमले में मारे गए थे, तब ममता दीदी चुप थीं, लेकिन अब उन्हें ऑपरेशन सिंदूर से परेशानी है।”

कोलकाता के बाज़ारों में नौकरियाँ बिकती हैंअपने वोट बैंक के लिए ऑपरेशन सिंदूर का विरोध करने के लिए ‘निम्न स्तर पर उतरीं ममता’: अमित शाह

गृह मंत्री ने शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर भी राज्य सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, “युवाओं की नौकरियां कोलकाता की मंडियों में बेची जा रही हैं। टीएमसी के नेताओं के घरों से इतनी बड़ी मात्रा में पैसे बरामद हुए कि गिनती करने वाली मशीनें भी थक गईं। अब यह बंद होना चाहिए।”

टीएमसी प्रमुख के राजनीतिक भविष्य पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी वक्फ कानून का विरोध करती रहें, क्योंकि 2026 के विधानसभा चुनावों के बाद वे सत्ता में नहीं रहेंगी।”

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)


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