डॉक्टर बलात्कार-हत्या मामला: कलकत्ता हाईकोर्ट ने अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल को लंबी छुट्टी पर जाने को कहा

अदालत ने सवाल उठाया कि इस्तीफा देने वाले प्रिंसिपल को कुछ ही घंटों में कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रिंसिपल के पद पर कैसे बहाल कर दिया गया?

Update: 2024-08-13 08:19 GMT

Kolkata Lady Doctor Rape cum Murder case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने सख्त रवैया दिखाते हुए मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल को विस्तृत अवकाश लेने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने ये भी कहा है कि जांच में कुछ कमी है. हाई कोर्ट की ये टिपण्णी कोलकाता पुलिस की जांच पर उठ रहे सवाल को बल देती है.

कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार (13 अगस्त) को आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष को परिसर में एक डॉक्टर के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या के बाद विस्तारित अवकाश लेने का आदेश दिया.

पोस्ट ग्रेजुएशन ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने मामले की जांच अदालत की निगरानी में कराने की मांग करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. साथ ही कई अन्य जनहित याचिकाएं भी दायर की गईं, जिनमें मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई.

याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि जांच में "कुछ कमी है" और पूछा कि क्या मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य संदीप घोष का बयान दर्ज किया गया था, जिसका राज्य के वकील ने नकारात्मक उत्तर दिया.
इस बात पर सवाल उठाते हुए कि कैसे आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल, जिन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया था, को कुछ ही घंटों के भीतर कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में बहाल कर दिया, पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य भी शामिल थे, ने उनके वकील से कहा कि जब मामले की सुनवाई अपराह्न एक बजे होगी तो वे त्यागपत्र और उसके बाद का नियुक्ति पत्र दोनों पेश करें.

डॉ. घोष, जो पीड़िता को दोषी ठहराने और स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने के कारण जांच के घेरे में हैं, ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि "जिस लड़की की मौत हुई, वो मेरी बेटी की तरह थी. एक अभिभावक के रूप में, मैं इस्तीफा दे रहा हूं". हालांकि, उन्हें कुछ ही घंटों में कलकत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया गया. आरजी कर अस्पताल में बलात्कार और हत्या मामले में अदालत ने दोपहर 1 बजे तक केस डायरी भी मांगी है.

लाइव लॉ इंडिया ने अदालत के हवाले से कहा, "अगर प्रिंसिपल ने नैतिक जिम्मेदारी के कारण पद छोड़ा है, तो ये गंभीर बात है कि उन्हें 12 घंटे के भीतर दूसरी नियुक्ति देकर पुरस्कृत किया जाना चाहिए. इस बात की आशंका है कि समय बर्बाद होने से कुछ गलत हो सकता है."

अदालत ने टिप्पणी की कि प्रिंसिपल वहां काम करने वाले सभी डॉक्टरों का अभिभावक है और पूछा, अगर वो सहानुभूति दिखाने में विफल रहता है, तो कौन दिखाएगा? उसने कहा कि उसे घर पर रहना चाहिए, कहीं और नौकरी नहीं करनी चाहिए.

आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में बलात्कार और हत्या की शिकार हुई महिला स्नातकोत्तर प्रशिक्षु का शव शुक्रवार सुबह बरामद किया गया था. इस सिलसिले में शनिवार को एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया गया.

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)


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