केंद्र सरकार से पहले तेलंगाना ने कैसे पूरी की जाति जनगणना, यहां जानिए
तेलंगाना के निवासियों से सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, रोजगार, राजनीतिक और जातिगत जानकारी एकत्र करने के लिए कुल 77 प्रश्न और उप-प्रश्न तैयार किए गए थे।;
केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि अगली जनसंख्या जनगणना में स्वतंत्रता के बाद पहली बार जातिगत विवरण को शामिल किया जाएगा। इससे पहले ही कुछ राज्य, जैसे कांग्रेस-शासित कर्नाटक और तेलंगाना, इस प्रक्रिया को अंजाम दे चुके हैं।
The फ़ेडरल Desh आपको बताता है कि किस प्रकार तेलंगाना में मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के एक साल के भीतर जाति जनगणना पूरी की।
कैबिनेट का निर्णय और प्रारंभिक प्रक्रिया
तेलंगाना राज्य मंत्रिमंडल ने 4 फरवरी 2024 को पूरे राज्य में सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, रोजगार, राजनीतिक और जातिगत (SEEEPC) सर्वेक्षण कराने का प्रस्ताव पारित किया। यह 2023 के चुनावी वादे का हिस्सा था। इसके तहत 10 अक्टूबर 2024 को एक सरकारी आदेश (Ms.No.18) जारी किया गया।
उप-समिति का गठन
19 अक्टूबर 2024 को सिंचाई, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी की अध्यक्षता में एक उप-समिति बनाई गई, जो तेलुगु में "कुला गणना" कहे जाने वाले SEEEPC सर्वेक्षण के कार्यान्वयन की निगरानी करे। योजना विभाग को सर्वेक्षण के लिए नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया।
कर्नाटक और बिहार में जाति जनगणना के अनुभवों का अध्ययन करने के बाद तेलंगाना मॉडल तैयार किया गया।
सर्वेक्षण प्रश्नावली
लोगों से स्वेच्छा से सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए 57 मुख्य और 20 पूरक प्रश्न—कुल 77 प्रश्न तैयार किए गए। सर्वेक्षण प्रपत्र दो भागों (भाग 1 और भाग 2) में 8 पन्नों में तैयार किए गए। पहले भाग में परिवार प्रमुख और सदस्यों का व्यक्तिगत विवरण था, जबकि दूसरे भाग में परिवार से संबंधित 17 प्रश्न (7 मुख्य + 10 पूरक) शामिल थे।
इन प्रपत्रों में शिक्षा, रोजगार, भूमि स्वामित्व, आरक्षण लाभ, प्रवासन, राजनीतिक भागीदारी और जातिगत विवरण जैसे सामाजिक जीवन के सभी पहलुओं को शामिल किया गया था। इसमें फोटो या दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं थी और पूरे परिवार की उपस्थिति भी अनिवार्य नहीं थी।
सर्वेक्षण की कार्यप्रणाली
किसी भी परिवार को छूटने से रोकने के लिए प्रत्येक जिले को 150 परिवारों के गिनती खंडों (Enumeration Blocks - EBs) में बांटा गया। कुल 94,261 ईबी बनाए गए। हर खंड पर एक गिनतीकर्ता और 10 गिनतीकर्ताओं पर एक पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया। इस प्रकार कुल 1,03,889 अधिकारियों को नियुक्त किया गया।
फील्ड स्तर पर सर्वेक्षण
SEEEPC सर्वेक्षण की शुरुआत 6 नवंबर 2024 को हाउस लिस्टिंग से हुई और यह दो चरणों में हुआ। पहले चरण में 6 से 8 नवंबर तक हाउस लिस्टिंग हुई। मुख्य सर्वेक्षण 9 नवंबर को राज्यपाल द्वारा शुरू किया गया और 25 दिसंबर 2024 को पूरा हुआ।
जानकारी देने के लिए तीन विकल्प
राज्य सरकार ने घरों को जानकारी देने के लिए तीन विकल्प दिए:
निवासी 040-21111111 पर सुबह 9 से शाम 5 बजे के बीच कॉल कर सकते हैं; सत्यापन के बाद अधिकारी घर पर गिनतीकर्ता भेजेंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में मंडल परिषद विकास अधिकारी (MPDO) के कार्यालयों और शहरी क्षेत्रों में वार्ड कार्यालयों में स्थित प्रजा पालन सेवा केंद्रों पर जाकर लोग trained स्टाफ की मदद से जानकारी दे सकते हैं।
सर्वेक्षण फॉर्म https://seeepcsurvey.cgg.gov.in से डाउनलोड कर भरकर पास के सेवा केंद्र में जमा किया जा सकता है।
सर्वेक्षण कवरेज
कुल 1,12,15,134 परिवारों को कवर किया गया, जिनमें से 66,99,602 ग्रामीण और 45,15,532 शहरी परिवार थे। सरकारी सूत्रों के अनुसार, 96.9% घरों को कवर किया गया।
डेटा एंट्री: 20 नवंबर 2024 को शुरू हुई और 25 दिसंबर 2024 को पूरी हुई।
प्रमुख निष्कर्ष
कुल जनसंख्या: 3,54,77,554
जातिवार विभाजन:
अनुसूचित जातियां (SC): 61,84,319 (17.43%)
अनुसूचित जनजातियां (ST): 37,05,929 (10.45%)
पिछड़ा वर्ग (BC, मुस्लिम अल्पसंख्यकों को छोड़कर): 1,64,09,179 (46.25%)
मुस्लिम अल्पसंख्यक: 44,57,012 (12.56%)
मुस्लिम पिछड़ा वर्ग: 35,76,588 (10.08%)
मुस्लिम अन्य जातियां (OC): 8,80,424 (2.48%)
अन्य जातियां (कुल): 56,01,539 (15.79%)
मुस्लिमों को छोड़कर OC: 47,21,115 (13.31%)