छत्तीसगढ़: बिलासपुर में पैसेंजर और मालगाड़ी की टक्कर में 8 की मौत, 14 घायल

मालगाड़ी रुकी हुई थी और एमईएमयू ट्रेन पीछे से आकर उससे टकरा गई। इंजन आगे के कोच में था और कुछ यात्री वहीं बैठे थे। वह कोच बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।

Update: 2025-11-04 17:31 GMT
साइट से मिली तस्वीरें बताती हैं कि टक्कर के प्रभाव से इंजन और आगे की बोगियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। स्क्रीनग्रैब: एएनआई

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के पास मंगलवार (4 नवंबर) को एक यात्री ट्रेन के मालगाड़ी से पीछे से टकरा जाने की घटना में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 14 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि राहत और बचाव कार्य जारी है।

यह हादसा शाम करीब 4 बजे हुआ जब गेवरा (कोरबा ज़िले) से बिलासपुर की ओर जा रही एमईएमयू (मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टिपल यूनिट) पैसेंजर ट्रेन, गतोरा और बिलासपुर रेलवे स्टेशन के बीच मालगाड़ी से टकरा गई। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि “इस हादसे में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। दो लोग अभी भी फंसे हुए हैं... 16-17 लोग गंभीर हालत में हैं। यह एक बड़ा हादसा है। सभी अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और राहत कार्य जारी है,” बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने एएनआई को बताया।

पुलिस का बयान

बिलासपुर ज़ोन के आईजी संजीव शुक्ला ने बताया, “15 घायलों में से एक की हालत फिलहाल गंभीर है। एक यात्री अपोलो अस्पताल में भर्ती है, तीन सरकारी अस्पताल सीआईएमएस में हैं, बाकी रेलवे अस्पताल में हैं।” उन्होंने आगे कहा, “बाकी सभी को हल्की चोटें आई हैं। मरने वालों की संख्या छह तक हो सकती है। चार मौतों की पुष्टि हो चुकी है और गैस कटर से डिब्बे काटने का काम चल रहा है, जिससे दो और शव मिलने की संभावना है।”

बाद में बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने पीटीआई को बताया कि “अब तक पांच मौतों की पुष्टि हुई है। चार अन्य लोग मलबे में फंसे हुए हैं और उन्हें निकालने का प्रयास जारी है।” उन्होंने कहा कि मालगाड़ी भी यात्री ट्रेन की दिशा में ही जा रही थी।

घायलों का इलाज और बचाव अभियान

बिलासपुर कलेक्टर ने बताया कि घायलों को अपोलो अस्पताल और छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (CIMS) में भर्ती कराया गया है। इनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव का बयान

छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा, “यह बहुत ही दुखद घटना है। मालगाड़ी रुकी हुई थी और एमईएमयू ट्रेन पीछे से आकर उससे टकरा गई। इंजन आगे के कोच में था और कुछ यात्री वहीं बैठे थे। वह कोच बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। वरिष्ठ रेलवे और राज्य सरकार के अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं। राहत और बचाव कार्य शुरू हो चुके हैं। घायलों को अस्पताल भेजा जा रहा है।”

उन्होंने आगे कहा, “बिलासपुर के पास हुई यह रेल दुर्घटना अत्यंत हृदयविदारक है। जिला कलेक्टर से जानकारी ली गई है और सभी संभव मदद व राहत के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। रेलवे और प्रशासन की टीमों ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। घायलों के इलाज के लिए सभी संसाधन और चिकित्सकीय सहायता सुनिश्चित की जा रही है। सरकार पूरी सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ स्थिति पर नजर रखे हुए है।”

दुर्घटना का कारण

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआती जांच में पता चला है कि यह हादसा पैसेंजर ट्रेन के सिग्नल पार करने के कारण हुआ। रेलवे ने कहा कि दुर्घटना के सही कारण का पता लगाने के लिए रेलवे सेफ्टी आयुक्त (सीआरएस) स्तर पर विस्तृत जांच की जाएगी।

राहत अभियान और दृश्य

दृश्यों में दिख रहा है कि यात्री ट्रेन का एक डिब्बा मालगाड़ी के डिब्बे के ऊपर चढ़ गया है। इंजन और शुरुआती डिब्बे बुरी तरह मलबे में तब्दील हो चुके हैं। बचावकर्मी मलबे में फंसे यात्रियों को खोज रहे हैं। बिलासपुर के वरिष्ठ डीसीएम अनुराग सिंह ने कहा, “लापता यात्रियों की पहचान हेल्पलाइन नंबरों के माध्यम से की जा रही है। जानकारी एकत्र की जा रही है, औपचारिकताएं जारी हैं। सभी विवरण पूरे होने के बाद संपूर्ण जानकारी साझा की जाएगी।”

एनडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन और रेलवे अधिकारियों की संयुक्त टीमें मौके पर हैं। एक शिशु को सुरक्षित बचा लिया गया है। एनडीटीवी के अनुसार, कई एम्बुलेंस मौके पर पहुंच चुकी हैं और डॉक्टर ट्रेन के भीतर ही घायलों का उपचार कर रहे हैं क्योंकि मलबा हटाने में समय लग रहा है।

रेलवे हेल्पलाइन नंबर

चांपा जंक्शन, राजगढ़ और पेंड्रा रोड के लिए क्रमशः 808595652, 975248560 और 8294730162 नंबर जारी किए गए हैं। दुर्घटना स्थल के लिए दो नंबर जारी किए गए हैं: 9752485499 और 8602007202।

रेलवे की मुआवजा घोषणा

रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को 5 लाख रुपए और मामूली रूप से घायल यात्रियों को 1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। घटना की विस्तृत जांच रेलवे सेफ्टी कमिश्नर (सीआरएस) के स्तर पर की जाएगी ताकि कारणों का पता लगाया जा सके और आवश्यक सुधारात्मक कदम सुझाए जा सकें।

रेलवे प्रशासन ने युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। रेलवे ने यात्रियों और उनके परिवारों के लिए सभी आवश्यक सहायता और समन्वय सुनिश्चित करने की बात कही है।

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