पूजा खेडकर ने आरोपों को लेकर कहा- गलत है मीडिया ट्रायल, जब तक दोषी नहीं; तब तक निर्दोष हूं

यूपीएससी परीक्षा में अपनी दिव्यांगता के बारे में कथित झूठ बोलने के कारण जांच के दायरे में आईं ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर ने पहली बार अपने ऊपर लगे आरोपों पर बयान दिया है.

Update: 2024-07-15 16:09 GMT

Pooja Khedkar Statement: यूपीएससी परीक्षा में अपनी दिव्यांगता के बारे में कथित झूठ बोलने के कारण जांच के दायरे में आईं ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर ने पहली बार अपने ऊपर लगे आरोपों पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वह कमेटी के सामने सारे सवालों का जवाब देंगी. लेकिन उनके खिलाफ 'मीडिया ट्रायल' गलत है. हर कोई जानता है कि क्या चल रहा है.

प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने कहा कि वह जांच समिति के सामने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों का जवाब देंगी. हर कोई जानता है कि क्या चल रहा है. इसलिए मीडिया ट्रायल के जरिए मुझे दोषी साबित करना गलत है. भारतीय संविधान के अनुसार जब तक आप दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक आप निर्दोष हैं.

उन्होंने कहा कि मैं विशेषज्ञ समिति के सामने गवाही दूंगी और हम समिति के फैसले को स्वीकार करेंगे. मेरे पास जो भी दलीलें हैं, वे बाद में सार्वजनिक होंगी. बता दें कि खेडकर ने पुणे के जिस काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के लिए एडमिशन लिया था, उसके निदेशक डॉ. अरविंद भोरे के अनुसार, खेडकर ने साल 2007 में प्रवेश के समय कथित तौर पर एक फिटनेस प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें किसी भी शारीरिक या मानसिक विकलांगता का उल्लेख नहीं था.

निदेशक ने कहा कि पूजा खेडकर ने दाखिले के समय एनटी (घुमंतू जनजाति) श्रेणी और वंजारी समुदाय के तहत अपने वर्गीकरण को दर्शाने वाले दस्तावेज भी प्रदान किए, जिसमें जाति और गैर-क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र शामिल थे. वहीं, पिछले गुरुवार को केंद्र सरकार ने खेडकर की उम्मीदवारी के दावों और विवरणों की जांच के लिए एक सदस्यीय समिति का गठन किया है. कार्मिक मंत्रालय ने घोषणा की कि अतिरिक्त सचिव रैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी.

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