खाँसी की दवा से जुड़ी मौतों में मध्य प्रदेश और राजस्थान में 11 बच्चों की मौत, कैसे करें नकली दवा की पहचान?
दवाइयों के नकली होने की पुष्टि अभी नहीं हो पाई है क्योंकि जांच की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।
राजस्थान और मध्य प्रदेश में संदिग्ध नकली खाँसी की सिरप “Coldrif” के सेवन के बाद कम से कम 11 बच्चों की मौत की खबर से दुखद घटना सामने आई है। इनमें से नौ मौतें मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में हुईं और दो राजस्थान में—एक भरतपुर और एक सीकर में।
अधिकारियों ने जांच पूरी होने तक Coldrif और Nesto DS की बिक्री पर रोक लगा दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स में बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉक्टर पवन नंदुरकर के हवाले से बताया गया है कि, “हाल ही में खबर आई थी कि हमारे 7 बच्चों की मौत हुई थी, लेकिन अब यह संख्या 9 तक बढ़ गई है। ये मौतें और किडनी चोट के मामले Coldrif सिरप से जुड़ी बताई जा रही हैं, हालांकि जांच अभी भी चल रही है और संभव है कि किडनी चोट किसी अन्य कारण से हुई हो।”
नकली दवाइयों की पहचान कैसे करें
दवाइयों के नकली होने की पुष्टि अभी नहीं हो पाई है क्योंकि जांच की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।
जनवरी 2022 में भारत सरकार ने Drugs Rules, 1945 में संशोधन किया, जिसके अनुसार भारत में निर्मित या आयातित हर Active Pharmaceutical Ingredient (बुल्क ड्रग) पर लेबल में ‘क्विक रिस्पॉन्स कोड’ (QR Code) होना अनिवार्य है। यह कोड प्रत्येक पैकेजिंग स्तर पर होना चाहिए और इसे स्कैन कर ट्रैक और ट्रेस किया जा सकता है।
QR/बारकोड से दवा की असलियत जांचने की प्रक्रिया (CDSCO के अनुसार):
1. लेबल देखें: दवा के प्राइमरी या सेकंडरी लेबल पर बारकोड या QR कोड देखें।
2. स्कैन करें: अपने स्मार्टफोन से बारकोड या QR कोड स्कैन करें।
3. जानकारी देखें: कोड स्कैन करने पर एक लिंक खुलेगा, जो आपको उत्पाद की जानकारी और दवा की असलियत/सत्यापन पृष्ठ पर ले जाएगा।
इस प्रक्रिया से आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि दवा नकली तो नहीं है और सुरक्षित है।