दिल्ली की हवा बनी जहरीली: GRAP-4 लागू, स्कूलों में हाइब्रिड क्लासेज; ऑफिस में वर्क फ्रॉम होम
Delhi pollution: ये सभी नियम तुरंत लागू हो गए हैं। हालांकि कुछ जरूरी सेवाओं को छूट दी गई है, जैसे कि अस्पताल, पुलिस, फायर ब्रिगेड और अन्य आपातकालीन सेवाएं।
Delhi-NCR air pollution: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ने के कारण सरकार ने GRAP-4 लागू कर दिया है। इसके साथ ही सरकारी और निजी दफ्तरों के लिए नए आदेश जारी किए गए हैं। ये आदेश पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत लागू किए गए हैं।
ऑफिस में 50% कर्मचारी
सरकार के आदेश के अनुसार, दिल्ली सरकार के सभी सरकारी दफ्तर, दिल्ली में काम कर रहे सभी निजी कार्यालय में अब केवल 50 प्रतिशत कर्मचारी दफ्तर आएंगे। बाकी 50 प्रतिशत कर्मचारी घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) करेंगे। इसका उद्देश्य सड़कों पर वाहनों की संख्या कम करना और प्रदूषण घटाना है।
स्कूलों के लिए नया सर्कुलर जारी
GRAP-4 लागू होने के बाद दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने भी एक सर्कुलर जारी किया है। इसके तहत सरकारी स्कूल, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल, निजी मान्यता प्राप्त स्कूल, NDMC, MCD और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड के स्कूल में कक्षा 9वीं तक और कक्षा 11वीं के छात्रों की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में होगी।
क्या है हाइब्रिड मोड?
हाइब्रिड मोड का मतलब है कि जहां ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध है, वहां पढ़ाई ऑनलाइन और स्कूल में दोनों तरीकों से होगी। यह व्यवस्था CAQM के GRAP-4 आदेश के अनुसार लागू की गई है और अगली सूचना तक जारी रहेगी। अभिभावकों से अपील की गई है कि वे बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए सहयोग करें।
जरूरी सेवाओं को छूट
ये सभी नियम तुरंत लागू हो गए हैं। हालांकि कुछ जरूरी सेवाओं को छूट दी गई है, जैसे कि अस्पताल, पुलिस, फायर ब्रिगेड और अन्य आपातकालीन सेवाएं। इसके अलावा GRAP-4 के तहत निर्माण कार्यों पर रोक, गैर-जरूरी ट्रकों की एंट्री पर प्रतिबंध जैसे सख्त कदम उठाए गए हैं, ताकि AQI में सुधार हो सके। लोगों से अपील है कि वे नियमों का पालन करें और बिना जरूरत घर से बाहर न निकलें।
दिल्ली सरकार के दफ्तरों के लिए निर्देश
सभी प्रशासनिक सचिव और विभागाध्यक्ष नियमित रूप से दफ्तर आएंगे। दफ्तर में 50% से ज्यादा स्टाफ मौजूद नहीं होगा। बाकी कर्मचारी घर से काम करेंगे। जरूरत पड़ने पर अधिकारी कर्मचारियों को दफ्तर बुला सकते हैं।
निजी संस्थानों के लिए नियम
जहां संभव हो, अलग-अलग समय (स्टैगर्ड टाइमिंग) लागू करें। वर्क फ्रॉम होम के नियमों का सख्ती से पालन करें और दफ्तर आने-जाने वाले वाहनों की संख्या कम करें।