दिल्ली की हवा में जहर: सांस लेना मुश्किल, प्रदूषण बन रहा ‘साइलेंट किलर’
Air Quality Crisis Delhi: दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण सिर्फ पर्यावरण नहीं, स्वास्थ्य का गंभीर संकट है. अगर अभी से सख्त कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले सालों में सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा.
Delhi Air Pollution: दिवाली के बाद दिल्ली की हवा लगातार खराब बनी हुई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के आसपास बना हुआ है. पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं की वजह से भी दिल्ली की हवा में जहरीले कणों (PM2.5) की मात्रा तेज़ी से बढ़ी है। हालांकि, ऐसे समय में सबसे ज्यादा लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. खासकर सांस संबंधी दिक्कत, आंखों में जलन और त्वचा संबंधी समस्याओं से लोगों को परेशानी करनी पड़ती है.
प्रदूषण से प्रमुख स्वास्थ्य समस्याएं
फिजिशियन डॉक्टर मनीष जैन ने द फेडरल देश को बताया कि हवा में मौजूद PM2.5 और PM10 जैसे सूक्ष्म कण फेफड़ों में जाकर सूजन पैदा करते हैं. इससे खांसी, सांस लेने में दिक्कत, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां बढ़ जाती हैं. जिन लोगों को पहले से दमा या एलर्जी की समस्या है, उनकी हालत और बिगड़ सकती है.
दिल की बीमारियां
डॉक्टर जैन बताते हैं कि प्रदूषित हवा में मौजूद सूक्ष्म कण खून में घुलकर दिल पर दबाव बढ़ाते हैं. इससे हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा हवा में मौजूद धूल और धुआं आंखों में जलन, लालपन और खुजली पैदा करते हैं. लंबे समय तक ऐसे माहौल में रहने से कंजक्टिवाइटिस (आंख की सूजन) हो सकती है. प्रदूषित हवा त्वचा से ऑक्सीजन और नमी खींच लेती है. इससे एलर्जी, खुजली, दाने और सूखापन जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं. बच्चे लगातार प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं, जिससे उनके फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं हो पाते. बुजुर्गों में सांस की बीमारी, हृदय रोग और इम्यूनिटी में गिरावट देखने को मिलती है.
प्रदूषण से बचाव के उपाय
उन्होंने बताया कि N95 या N99 मास्क का इस्तेमाल करें, जो हवा में मौजूद जहरीले कणों को फ़िल्टर कर सके. सर्जिकल मास्क या कपड़े के मास्क से पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिलती. सुबह और शाम के समय (जब AQI सबसे ज्यादा होता है) बाहर निकलने से बचें. घर के अंदर एयर प्यूरिफायर या पौधे जैसे स्पाइडर प्लांट, मनी प्लांट, एलोवेरा लगाएं. कारपूल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट या साइकिल का इस्तेमाल करें. विटामिन C, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चीजें खाएं (जैसे संतरा, आंवला, ग्रीन टी). खूब पानी पिएं, ताकि शरीर से टॉक्सिन बाहर निकल सकें.