Delhi Coaching Incident: बेसमेंट में पार्किंग-स्टोरेज की थी अनुमति! बना दी लाइब्रेरी

दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में एनडीआरएफ का सात घंटे का बचाव अभियान समाप्त हो गया है. अब यह सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि ऐसे हालात कैसे हो गए कि 31 मिमी बारिश के बाद दिल्ली के बीचोबीच बेसमेंट से छात्रों को बचाने के लिए एनडीआरएफ के गोताखोरों को बुलाना पड़ा?

Update: 2024-07-28 10:00 GMT

Old Rajinder Nagar Coaching Incident: दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में एनडीआरएफ का सात घंटे का बचाव अभियान रविवार (28 जुलाई) की सुबह समाप्त हो गया. बचाव दल ने अपने अभियान के दौरान तीन आईएएस उम्मीदवारों उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव, तेलंगाना की तान्या सोनी और केरल के निविन दलविन के शवों को बरामद किया. हालांकि, अब ये सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि ऐसे हालात कैसे हो गए कि 31 मिमी बारिश के बाद दिल्ली के बीचोबीच बेसमेंट से छात्रों को बचाने के लिए एनडीआरएफ के गोताखोरों को बुलाना पड़ा? उनमें से तीन कैसे डूब गए और वे सुरक्षित बाहर क्यों नहीं निकल पाए?

बता दें कि हादसे के बाद कोचिंग सेंटर के मालिक और समन्वयक को गिरफ़्तार कर लिया गया है,. जबकि छात्र विरोध प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं. वहीं, राजनीतिक दलों का आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो चुका है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

बेसमेंट

शुरुआती जांच के मुताबिक, राऊ के आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में एक लाइब्रेरी थी, जहां अक्सर छात्र पढ़ने जाते थे. दिल्ली की मेयर शेली ओबेरॉय के मुताबिक, कोचिंग सेंटर वाली इस बिल्डिंग का कंप्लीशन सर्टिफिकेट साल 2021 में दिया गया था और उसमें साफ लिखा था कि बेसमेंट का इस्तेमाल सिर्फ पार्किंग और स्टोरेज के लिए किया जाएगा. इसलिए, ऐसा लगता है कि सेंटर ने बेसमेंट में लाइब्रेरी बनाकर नियमों का उल्लंघन किया है.

कैसे भरा पानी

बताया जा रहा है कि जब पानी अंदर घुसना शुरू हुआ, तब लाइब्रेरी में कई छात्र मौजूद थे. आईएमडी के पूसा मौसम केंद्र के अनुसार, जो ओल्ड राजिंदर नगर के सबसे करीब है, शनिवार को शाम 5.30 बजे से 8.30 बजे के बीच 31.5 मिमी बारिश दर्ज की गई. उस बारिश में बेसमेंट इतनी तेज़ी से 10-12 फीट पानी में डूब गया कि छात्रों को बचने का कोई मौका नहीं मिला. हालांकि, अभी भी जांच की जा रही है कि ऐसा कैसे हुआ?

कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि शनिवार शाम को पास का नाला फट गया, जिससे बेसमेंट में तेज़ी से पानी भर गया. नई दिल्ली से भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने इस घटना के लिए स्थानीय विधायक को दोषी ठहराया है. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले हफ़्ते से स्थानीय लोग 'आप' विधायक दुर्गेश पाठक से नाले की सफाई करवाने का आग्रह कर रहे थे. लेकिन उन्होंने उनकी बात नहीं सुनी.

कुछ चश्मदीद छात्रों ने कहा कि बायोमेट्रिक सिस्टम बिल्डिंग में एंट्री की अनुमति देता है. इसलिए बिजली गुल होने की स्थिति में, जो कि बाढ़ की स्थिति में संभव है, अंदर मौजूद लोगों के पास बाहर जाने का कोई रास्ता नहीं होगा. वे सचमुच फंस जाएंगे.

किसी ने की मदद?

छात्रों और एक फैकल्टी मेंबर ने कहा कि जब पहली बार बाढ़ शुरू हुई तो उन्होंने 112 नंबर पर कॉल किया. लेकिन शनिवार शाम को दिल्ली में जलभराव और यातायात जाम की स्थिति पैदा हो गई, जिसके कारण बचाव दल समय पर केंद्र पर नहीं पहुंच सके. दिल्ली अग्निशमन विभाग (डीएफएस) ने पुष्टि की कि उन्हें शनिवार शाम करीब 7 बजे राउ के आईएएस स्टडी सर्किल से कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भर जाने की सूचना मिली. अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पांच दमकल गाड़ियों को सेंटर भेजा गया. लेकिन जब वे पहुंचे तो बेसमेंट में पहले से ही पानी भरा हुआ था.

डीसीपी सेंट्रल, एम हर्षवर्धन ने कहा कि फोन करने वाले ने बताया कि कुछ लोग बेसमेंट में फंसे हुए हैं. हम जांच कर रहे हैं कि पूरा बेसमेंट कैसे भर गया. लेकिन यह सच है कि बेसमेंट में बहुत तेज़ी से पानी भर गया, जिसके कारण कुछ लोग अंदर फंस गए. स्थानीय पुलिस, दिल्ली अग्निशमन सेवा कर्मियों और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के गोताखोरों ने बचाव अभियान चलाया. डूबने वाले तीन छात्रों को छोड़कर, अन्य छात्र भी फंस गए थे, जिनमें से कई को रस्सियों से बाहर निकाला गया.

पुलिस अधिकारी ने कहा कि लाइब्रेरी में मौजूद फर्नीचर बाढ़ के पानी में तैरने लगा था, जिससे बचाव अभियान में बाधा उत्पन्न हुई. एनडीआरएफ के गोताखोर बाढ़ वाले बेसमेंट में गए और आखिरकार तीनों शवों को ढूंढ निकाला. बेसमेंट से पानी निकालने के लिए पंप भी लगाए गए.

अब क्या?

दिल्ली की राजस्व मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को घटना की जांच शुरू करने और 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. आतिशी ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट किया कि यह घटना कैसे हुई, इसकी जांच के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं. इस घटना के लिए जो भी जिम्मेदार होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा. वहीं, दिल्ली की मेयर ओबेरॉय ने ऐसे कोचिंग सेंटरों के खिलाफ शहरव्यापी कार्रवाई का आदेश दिया है, जो बेसमेंट में व्यावसायिक गतिविधियां चलाकर भवन उपनियमों का उल्लंघन कर रहे हैं.

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