हादसे की सिर्फ जगह बदल गई, दिल्ली के लापरवाह कोचिंग सेंटर कब सुधरेंगे?

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना नई नहीं है। पिछले साल मुखर्जी नगर में भी कोचिंग सेंटर में हादसा हुआ था। फर्क सिर्फ यह कि यहां वजह बारिश और वहां आग थी।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-07-28 05:15 GMT

Rajendra Nagar Coaching Centre News:  दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर आईएसएस कोचिंग सेंटर(राउ आईएएस स्टडी सेंटर) में मृतक छात्रों की पहचान कर ली गई है। इस हादसे में नवीन डॉल्विन(जेएनयू से पी.एचडी भी कर रहे थे), तान्या सोनी और श्रेया यादव अपनी जान गंवा चुके हैं। दिल्ली नगर निगम की मेयर शैली ओबेरॉय का कहना है कि जांच के आदेश दिए जा चुके हैं। इन सबके बीच छात्रों का गुस्सा चरम पर, चेहरे पर दर्द साफतौर पर नजर आ रहा है। छात्रों का सिर्फ एक ही सवाल कि आखिर प्रशासन कब चेतेगा। क्या हम अपने आपको मौत के मुंह में रख कर पढ़ाई करें। लेकिन ओल्ड राजेंद्र नगर का यह मामला नया नहीं है। इससे पहले दिल्ली के ही मुखर्जी नगर में एक कोचिंग सेंटर में आग लग गई थी।

यह तस्वीर दिल्ली के मुखर्जी नगर की है

मुखर्जी नगर में आईएएस कोचिंग सेंटर में लगी आग में 50 छात्र घायल हो गए थे. कुछ छात्रों ने आग से बचने के लिए तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी थी। शासन प्रशासन की तरफ से तरह के तरह के दावे किए गए। लेकिन एक बार फिर कोचिंग सेंटर की लापरवाही का मामला सामने आया है। फर्क सिर्फ इतना भर कि तब जगह मुखर्जी नगर घटना की वजह आग और अब ओल्ड राजेंद्र नगर घटना की वजह बारिश का पानी। लेकिन नतीजा मौत और घायल होना। छात्रों का कहना है कि अगर इसे आपदा मान भी लिया जाए तो क्या हर साल आपदा आती है. जी नहीं यह आपदा नहीं बल्कि घनघोर लापरवाही है. कोचिंग संचालक और सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती है। 

आप विधायक ने क्या कहा

इस घटना पर आप के विधायक दुर्गेश पाठक कहते हैं कि यह पूरी तरह से आपराधिक कृत्य है और सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

स्वाति मालीवाल बरस पड़ीं

दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर कोचिंग सेंटर की घटना पर आप सांसद स्वाति मालीवाल का कहना है, "छात्र बहुत दुखी और गुस्से में हैं. 12 घंटे से ज़्यादा हो गए हैं, अभी तक न तो दिल्ली सरकार का कोई मंत्री आया है, न ही MCD का मेयर, न ही कोई अधिकारी. मेरा मानना ​​है कि ये मौतें कोई आपदा नहीं हैं, ये एक हत्या है, इन सभी बड़े सरकारी अधिकारियों के खिलाफ़ FIR दर्ज होनी चाहिए. अभी तक ये पता नहीं चला है कि 3 मरे हैं या ज़्यादा मरे हैं. जितने भी छात्र मरे हैं, उन्हें 1 करोड़ रुपए का मुआवज़ा दिया जाना चाहिए...


मंत्री, मेयर को तुरंत यहाँ आकर इनसे माफ़ी मांगनी चाहिए. दिल्ली ऐसे नहीं चलेगी. मैं इस मुद्दे को संसद में उठाऊँगी. छात्रों की सभी माँगों को संसद में रखूँगी...छात्रों का कहना है कि 12 दिन पहले उन्होंने पार्षद को बताया था कि यहाँ की ड्रेन सिस्टम ख़राब है, इसलिए पार्षद और उनके ऊपर के सभी लोगों को जवाब देना चाहिए."

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