दिल्ली-NCR में और जहरीली होगी हवा, प्रदूषण स्तर बढ़ने की आशंका
Delhi Air Quality: दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार और रविवार तक यह 'बहुत खराब' स्थिति में पहुंच सकती है. हवा की रफ्तार में गिरावट और तापमान में कमी के चलते प्रदूषक तत्व वायुमंडल में जमा हो रहे हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता और बिगड़ रही है.
Delhi NCR pollution: दिल्ली-एनसीआर के लोगों को एक बार फिर से जहरीली हवा का सामना करना पड़ सकता है. मौसम विभाग और वायु गुणवत्ता से जुड़ी एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि आने वाले 2 से 3 दिनों में वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ेगा. इसके पीछे मौसम में हो रहा बदलाव, पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि और स्थानीय स्तर पर होने वाले प्रदूषण को प्रमुख कारण बताया जा रहा है.
दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर वायु प्रदूषण लोगों की चिंता का कारण बन गया है. हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है और कई जगहों पर लोगों को सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही है. ताजा आंकड़ों के अनुसार, गाजियाबाद इस समय सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है. 17 अक्टूबर 2025 की सुबह तक यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 301 दर्ज किया गया, जो कि ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. गाजियाबाद के लोनी इलाके में AQI 352 पहुंच गया, जो कि ‘गंभीर’ स्थिति के बेहद करीब है.
यह सभी आंकड़े दिखाते हैं कि शहर की हवा में प्रदूषक कणों की मात्रा लगातार बढ़ रही है. अक्टूबर के पहले हफ्ते के आंकड़े बताते हैं कि इस समय हवा में PM10 (पार्टिकुलेट मैटर) सबसे बड़ा प्रदूषक बना हुआ है. यह स्तर स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माने जाते हैं, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा के मरीजों के लिए.
नोएडा की हालत भी ज्यादा अच्छी नहीं है. सेक्टर-125 में AQI 337, जो कि ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. वहीं, दिल्ली के कई इलाके भी प्रदूषण की चपेट में हैं. आनंद विहार में AQI 365 (गंभीर), वजीरपुर में 333, बवाना में 306 और मुंडका में 283 एक्यूआई रहा. इन आंकड़ों से साफ है कि दिल्ली-एनसीआर की हवा तेजी से खराब हो रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर प्रदूषण पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो लोगों की स्वास्थ्य समस्याएं और बढ़ सकती हैं.
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार और रविवार तक यह 'बहुत खराब' स्थिति में पहुंच सकती है. हवा की रफ्तार में गिरावट और तापमान में कमी के चलते प्रदूषक तत्व वायुमंडल में जमा हो रहे हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता और बिगड़ रही है.
विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर-पश्चिमी हवाएं इन दिनों हरियाणा और पंजाब की ओर से आ रही हैं, जहां पराली जलाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. सिर्फ पिछले एक हफ्ते में पंजाब में पराली जलाने के कई मामले सामने आए हैं. इन घटनाओं का सीधा असर दिल्ली-एनसीआर की हवा पर पड़ रहा है. इसके अलावा दिवाली नजदीक आने के कारण पटाखों की बिक्री और फोड़ने की आशंका भी प्रदूषण को और गंभीर बना सकती है. पर्यावरणविदों ने आगाह किया है कि अगर समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दिनों में स्थिति गंभीर हो सकती है.
दिल्ली सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए 'ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान' (GRAP) के तहत कुछ प्रतिबंधों को सक्रिय कर दिया है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बुजुर्गों, बच्चों और सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों को घर के भीतर रहने और बाहर निकलते समय N95 मास्क पहनने की सलाह दी है. साथ ही, सुबह और देर शाम की सैर को फिलहाल टालने की हिदायत दी गई है.