भीड़ में फंसे दृष्टिबाधित छात्र के लिए उजाला बने ट्रैफिक पुलिस के एसीपी धीरज नारंग

दरअसल जापानी पार्क में आयोजित प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के चलते लोगों की भीड़ बहुत थी, भीड़ में फंसे दृष्टिबाधित छात्र सचिन को एसीपी ने तुरंत मदद उपलब्ध करवाई और समय पर परीक्षा केंद्र पहुंचाया।;

Update: 2025-01-05 16:27 GMT

Delhi Traffic Police ACP becomes Ray Of Light For Visually Impaired Student : जब कभी देश के किसी भी हिस्स्से में किसी वीवीआईपी जैसे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री आदि के लिए रूट लगता है या फिर किसी कार्यक्रम में इनकी शिरकत होती है तो वहां पर सुरक्षा और ट्रैफिक के इंतजाम काफी सख्त कर दिए जाते हैं। ऐसे में लोगों की शिकायतों से जुड़ी तो कई ख़बरें सामने आती हैं, जिसके बाद वीवीआईपी कल्चर के बहिष्कार की बहस शुरू हो जाती है। लेकिन इसी वीवीआईपी अरेंजमेंट के दौरान एक दिल को छू लेने वाली घटना सामने आई है, जिसमें दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एसीपी (उत्तर पश्चिम जिला) धीरज नारंग ने मानवता और समर्पण का अनोखा उदाहरण पेश किया है। उन्होंने रोहिणी के सेक्टर 16 स्थित शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज (एसएससीबीएस) में परीक्षा देने जा रहे एक दृष्टिबाधित छात्र सचिन कुमार को न केवल वीवीआईपी सुरक्षा और ट्रैफिक रूट और भीड़ भाड़ से बाहर निकला बल्कि समय रहते परीक्षा केंद्र पहुंचाने में भी मदद की।


प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के चलते थी काफी भीड़ 
सबको पता है कि रविवार 5 जनवरी को रोहिणी के जापानी पार्क के पास प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम आयोजित था। इस वजह से सुरक्षा और ट्रैफिक के कड़े इंतजाम किये गए थे। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दूर दूर से लोग आ रहे थे, जिसकी वजह से वहां भीड़ भी बहुत थी। ट्रैफिक पुलिस के अडिशनल सीपी सत्यवीर कटारा के अनुसार इस भीड़ में एक दृष्टिबाधित छात्र सचिन कुछ यूँ फंसा कि उसके लिए कॉलेज समय पर पहुंचना कठिन हो गया, जबकि वो परीक्षा देने के लिए कॉलेज जा रहा था। वो काफी निराश और हताश था। तभी एसीपी नारंग मानों उसके लिए किसी उजाले की तरह सामने आये। जब उन्हें इस बात का पता लगा तो उन्होंने त्वरित हस्तक्षेप करते हुए सचिन को भीड़ से सुरक्षित बाहर निकालते हुए परीक्षा केंद्र तक पहुंचाया।
सचिन ने एसीपी नारंग की इस सहायता के लिए गहरा आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी दयालुता ने उनके दिन को बेहतर बना दिया।

एसीपी के कार्य में समर्पण का संदेश
यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत प्रयास की कहानी है बल्कि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। एसीपी नारंग का यह कार्य जन सेवा करने और सभी नागरिकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने की पुलिस की प्राथमिकता को उजागर करता है।
दिल्ली पुलिस का यह कदम यह याद दिलाता है कि एक छोटे से मददगार कदम का प्रभाव किसी के जीवन पर कितना गहरा हो सकता है।


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