कर्नाटक के धर्मस्थल में मिलीं कब्रें, पर क्या हर गुमशुदा बेटी को मिलेगा जवाब?

कर्नाटक के धर्मस्थल में बलात्कार, हत्या और सामूहिक कब्रों के आरोपों से हड़कंप मचा है। पीड़ित परिवारों ने SIT से सभी पुराने मामलों की जांच की मांग की है।;

Update: 2025-07-24 04:15 GMT
1986 में, उजीरे की एक पीयू छात्रा और एक स्थानीय कम्युनिस्ट नेता की बेटी, पद्मलता का अपहरण कर लिया गया था। 56 दिन बाद निदाले नदी में उसका नग्न शव मिला था। तस्वीरें: द फ़ेडरल

कर्नाटक के धर्मस्थल में एक व्हिसलब्लोअर द्वारा बलात्कार, निर्मम हत्याओं और सामूहिक कब्रों के आरोप लगाए जाने के बाद राज्य सरकार ने विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है। हालांकि सरकार ने जांच की सीमा केवल सामूहिक कब्रों के मामले तक ही सीमित रखी है, जिससे स्थानीय लोगों में भारी असंतोष है।

20 वर्षों से गुम महिलाएं, उठ रहे सवाल

पिछले दो दशकों में धर्मस्थल और आस-पास के इलाकों से सैकड़ों महिलाएं लापता हुई हैं या मृत पाई गईं, जिनमें से अधिकांश मामलों में कोई ठोस सुराग नहीं मिला। अब सामूहिक दफन की जानकारी सामने आने के बाद, सौजन्या, पद्मलता और नारायण सपल्या जैसी पीड़ितों के परिवारों ने मांग की है कि इन सभी मामलों को भी SIT के दायरे में शामिल किया जाए।

व्हिसलब्लोअर ने खोली परतें

SIT का गठन तब किया गया जब धर्मस्थल मंदिर के एक पूर्व सफाई कर्मचारी ने अदालत में बताया कि 1998 से 2014 के बीच उसे जबरन सैकड़ों शवों को ठिकाने लगाने के लिए मजबूर किया गया, जिनमें अधिकांश महिलाएं और लड़कियाँ थीं, जिन्हें कथित रूप से बलात्कार के बाद मार दिया गया था।उसने यह भी दावा किया कि अपराधियों के प्रभावशाली होने के कारण वह अब तक जान का खतरा महसूस करता रहा।

सौजन्या की मां ने की अपील बेटी के लिए बने मंदिर

सौजन्या की मां कुसुमावती ने बताया कि उनकी बेटी 9 अक्टूबर 2012 को कॉलेज के लिए निकली थी, और फिर कभी वापस नहीं लौटी। सौजन्या का शव अगली सुबह मानसंखा क्षेत्र में मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बलात्कार और अत्याचार की पुष्टि हुई थी। अगर हमें न्याय मिला, तो जिस स्थान पर बेटी का अंतिम संस्कार हुआ था, वहीं पर हम एक मंदिर बनाएंगे।", – कुसुमावती। हालाँकि केस की जांच CBI को सौंपी गई थी, लेकिन 2023 में एकमात्र आरोपी सबूतों के अभाव में बरी हो गया।

पद्मलता की हत्या – 39 साल बाद भी न्याय की आस

1986 में उजिरे की PU छात्रा और स्थानीय कम्युनिस्ट नेता की बेटी पद्मलता का अपहरण किया गया था। 56 दिनों बाद, उसका नग्न शव निडाले नाले में मिला। मगर आज तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। हम आज भी न्याय का इंतज़ार कर रहे हैं। SIT को हमारे मामले को भी जांच में शामिल करना चाहिए।” – चंद्रवती, पद्मलता की बहन

जमीन विवाद में भाई-बहन की हत्या

2012 में नारायण सपल्या (62) और उनकी बहन यमुना (45) की हत्या उस वक्त कर दी गई जब उन्होंने अपने 400 साल पुराने पुश्तैनी घर को खाली करने से इनकार कर दिया। अगर पुलिस ने समय रहते कदम उठाया होता, तो सौजन्या आज ज़िंदा होती। SIT से निवेदन है कि हमारे केस को भी शामिल किया जाए।” – गणेश, नारायण के बेटे

CBI कर्मचारी की बेटी लापता, 20 साल से न्याय की आस

2004 में, MBBS की छात्रा अनन्या भट्ट, जो पूर्व CBI स्टेनोग्राफर सुजाता भट्ट की बेटी है, धर्मस्थल यात्रा के दौरान रहस्यमयी ढंग से गायब हो गई।तीन अज्ञात लोग मुझे अगवा कर एक कमरे में बंद कर पीटते रहे। मैं महीनों तक बेहोश रही। जब होश आया, सब बदल चुका था। आज तक बेटी का शव भी नहीं मिला।” – सुजाता भट्ट, अनन्या धर्मस्थल मंदिर के पास अंतिम बार देखी गई थी, जब उसकी सहेलियां कपड़े लेने गई थीं। वापस आने पर वह गायब थी।

सिर्फ एक मामले तक सीमित रहना न्याय का अपमान

सूत्रों के अनुसार, धर्मस्थल में वर्षों से अज्ञात शवों को लेकर कितनी शिकायतें दर्ज हुई हैं, इसका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। सौजन्या न्याय समिति के नेता टी. जयन्त ने कहा कि सिर्फ एक ही केस की जांच करना न्याय का मज़ाक है। SIT को सौजन्या, पद्मलता, नारायण और अनन्या जैसे पुराने मामलों को भी जांच में शामिल करना चाहिए।

(यह रिपोर्ट मूल रूप से The Federal Karnataka में प्रकाशित हुई थी)

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