शरद पवार वाली NCP को बड़ी राहत, चुनाव आयोग ने चंदा लेने की दी अनुमति

चुनाव आयोग शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को बड़ी राहत देते हुए आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को देखते हुए चंदा लेने की अनुमति दे दी है.

Update: 2024-07-08 15:49 GMT

Sharad Pawar NCP Donations: चुनाव आयोग (ईसी) ने सोमवार को शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को बड़ी राहत देते हुए आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चंदा लेने की अनुमति दे दी है. बता दें कि शरद पवार की पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग ने स्वैच्छिक चंदा स्वीकारने की अनुमति देने की अपील की थी.

शरद पवार की बेटी और भरमति से सांसद सुप्रिया सुले ने चुनाव आयोग से मिलने के लिए पार्टी के 8 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था. पार्टी ने आयोग से जनता से स्वैच्छिक योगदान स्वीकार करने के उद्देश्य से पार्टी की स्थिति को दर्ज करने वाला एक प्रमाण पत्र जारी करने का अनुरोध किया था. ऐसे में भारतीय चुनाव आयोग ने पार्टी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 बी और धारा 29 सी के तहत अनुपालन में सरकारी कंपनी के अलावा किसी भी व्यक्ति या कंपनी द्वारा स्वेच्छा से दिए गए किसी भी योगदान को स्वीकार करने के लिए अधिकृत कर दिया.

बता दें कि पिछले साल जुलाई में एनसीपी में तब फूट पड़ गई थी, जब अजित पवार और आठ विधायक पार्टी संस्थापक शरद पवार की इच्छा के विरुद्ध एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे. शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट ने अजित पवार और आठ विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी. बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने साफ किया कि 41 विधायकों के समर्थन वाला अजित पवार गुट ही वैध एनसीपी है. वहीं, शरद पवार गुट के पास केवल 12 विधायक थे.

नार्वेकर ने यह भी कहा कि शरद पवार और अजित पवार दोनों गुटों द्वारा प्रदान किए गए एनसीपी के संविधान पर कोई विवाद नहीं था. चुनाव आयोग ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को असली एनसीपी के रूप में मान्यता दी थी, जिससे उसे पार्टी के नाम और 'घड़ी' के चुनाव चिह्न पर नियंत्रण मिल गया था. दोनों पक्षों को भेजे गए अपने अंतिम आदेश में चुनाव आयोग ने कहा था कि पार्टी के दावे पर विवाद का फैसला करने के लिए उसने पार्टी के विधायी विंग में बहुमत के परीक्षण पर भरोसा किया था. चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार, एनसीपी के कुल सांसदों, विधायकों और एमएलसी की संख्या 81 थी, जिनमें से 57 ने अजित पवार का समर्थन किया था और 28 ने शरद पवार का समर्थन किया था.

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