जासूसी मामला : सीआरपीएफ जवान ने दो साल तक पाकिस्तान को बेची देश की गुप्त जानकारी
जाँच एजेंसी का कहना है कि अब तक की जांच में ASI मोती राम जाट से हुई पूछताछ के आधार पर कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं.;
Pahlgam Attack And Pakistani Spy In CRPF : दिल्ली में गिरफ्तार किए गए सीआरपीएफ के सहायक उप-निरीक्षक मोती राम जाट का राज़ खुलते ही खुफिया एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। जांच में सामने आया है कि जाट ने पिछले दो सालों में पाकिस्तान को सेना और सुरक्षाबलों से जुड़ी कई गोपनीय जानकारियाँ बेचीं।
एनआईए ने 27 मई को जाट को गिरफ्तार किया था। उससे पहले वह पहलगाम की बटालियन में तैनात थे और आतंकवादी हमले से ठीक पाँच दिन पहले दिल्ली ट्रांसफर किए गए थे। अब पता चला है कि उनकी सीधी लाइन पाकिस्तान के एक खुफिया एजेंट तक जाती थी, जो खुद 15 और नंबरों से जुड़ा था। इनमें सेना, अर्धसैनिक बलों और केंद्र सरकार से जुड़े अधिकारियों के नंबर भी शामिल हैं।
महिला पत्रकार के तौर पर मिला जासूसी नेटवर्क
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जाट को यह नेटवर्क एक महिला “पत्रकार” के रूप में मिला, जिसने फोन और वीडियो कॉल पर उनका विश्वास जीता। कुछ समय बाद उसी संपर्क को एक पाकिस्तानी अधिकारी ने संभाल लिया और खुद को पत्रकार बताकर बातचीत जारी रखी। धीरे-धीरे जाट ने तैनाती, सेना की आवाजाही और आतंकियों की हलचल जैसी जानकारियाँ साझा करनी शुरू कर दीं।
जांच एजेंसियों का दावा है कि इसके बदले जाट को हर महीने 12,000 रुपये तक मिलते थे। यह पैसा अलग-अलग राज्यों से उनके और उनकी पत्नी के खातों में भेजा जाता था। इतना ही नहीं, यूपी एटीएस द्वारा पकड़े गए शाहज़ाद नाम के शख्स ने भी एक बार उनके खाते में रकम डाली थी।
खुफिया एजेंसियाँ अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि जाट से संपर्क में रहने वाले 15 नंबरों में और कौन-कौन शामिल था और कितनी गहरी जड़ें यह जासूसी नेटवर्क भारत में फैला चुका है।