फारूक अब्दुल्ला बोले- ऑपरेशन सिंदूर से कुछ नहीं निकला, अब उम्मीद नहीं

फारूक अब्दुल्ला और अन्य अधिकारियों की टिप्पणियों से स्पष्ट है कि ऑपरेशन और विस्फोटक से जुड़े घटनाक्रम में कई प्रशासनिक और सुरक्षा चूकें हुईं। मृतकों के परिवारों के साथ संवेदनाएं व्यक्त की गई हैं। आगे गहन जांच और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।

Update: 2025-11-16 07:33 GMT
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Farooq Abdullah: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हालिया ऑपरेशन सिंदूर से कुछ हासिल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इसमें 18 लोग मारे गए और हमारी सीमाओं के साथ समझौता किया गया। फारूक ने दिल्ली धमाके पर भी टिप्पणी की और कहा कि हर कश्मीरी पर अंगुलियां उठाई जा रही हैं, जबकि असली जिम्मेदारों से सवाल करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकियों द्वारा अपनाए गए रास्तों की गहन जांच और अध्ययन की जरूरत है।

नौगाम पुलिस स्टेशन धमाका

फारूक अब्दुल्ला ने श्रीनगर के नौगाम थाने में हुए धमाके को लेकर कहा कि यह हमारी गलती थी। उन्होंने कहा कि जिन्हें विस्फोटक को संभालने का अनुभव है, उनके साथ पहले बातचीत करनी चाहिए थी। इसके बजाय हमने खुद उन चीजों में दखल किया, जिनके बारे में हमें पता नहीं था। नतीजा सामने है – 9 लोगों की मौत और कई घरों को नुकसान हुआ।

14 नवंबर की रात कश्मीर के नौगाम थाने में फरीदाबाद से जब्त किए गए 360 किलो विस्फोटक को सैंपल लेने के दौरान ब्लास्ट हो गया। मृतकों में 3 फोरेंसिक एक्सपर्ट, 1 SIA इंस्पेक्टर, 1 नायब तहसीलदार, 2 पुलिस फोटोग्राफर और 3 आम लोग शामिल थे। इस दौरान 32 लोग घायल हुए, जिनमें 27 पुलिसकर्मी थे। धमाका इतना तेज था कि 100 मीटर तक चीथड़े उड़ गए और 800 मीटर दूर तक खिड़कियां टूट गईं। थाना पूरी तरह जर्जर हो गया। पुलिस और गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह आतंकी हमला नहीं, हादसा था। विस्फोटक में अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर था।

दिल्ली ब्लास्ट केस और गिरफ्तारी

10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के पास हुए बम धमाके में 13 लोगों की मौत हुई। इसके पीछे फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े आतंकी गतिविधियों का हाथ था। धमाका करने वाला आतंकी डॉ. उमर मोहम्मद नबी था, जो पुलवामा का रहने वाला था। अब तक 3 डॉक्टर गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि देशभर से 15 डॉक्टर हिरासत में लिए जा चुके हैं। कई डॉक्टर आतंकी गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं।

विस्फोट में मारे गए शफी का परिवार

श्रीनगर धमाके में मारे गए टेलर मोहम्मद शफी के रिश्तेदारों ने बताया कि पुलिस ने उन्हें दिन में दो बार बुलाया था। रात में जोरदार धमाके की आवाज सुनकर उन्होंने आसपास जाकर देखा कि थाने से 300-600 मीटर दूर तक बॉडी पार्ट्स बिखरे हुए थे।

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