कैसे कांग्रेस ने कर्नाटक में फिर से जातीय सर्वे को बनाया चुनावी एजेंडा?
सिद्धारमैया ने कहा 2015 की जाति जनगणना पुरानी हो चुकी है। कांग्रेस हाईकमान के आदेश पर 70 दिनों में नया सर्वे होगा। ईडी छापों पर बीजेपी पर हमला।;
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार (11 जून) को स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने पूर्व पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष एच. कंथराजु की अध्यक्षता में तैयार जाति जनगणना रिपोर्ट को पूरी तरह खारिज नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट करीब एक दशक पुरानी है, इसलिए सरकार अब 60 से 70 दिनों के भीतर एक नया जातीय सर्वेक्षण करवाने की तैयारी में है ताकि अद्यतन आंकड़े जुटाए जा सकें।
कांग्रेस हाईकमान का निर्णय
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह फैसला उनका व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि कांग्रेस हाईकमान द्वारा लिया गया निर्णय है। उन्होंने गौरीबिदनूर तालुक के अलेकापुरा हेलीपैड पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि 2015 में जाति आधारित सर्वे हुआ था, लेकिन तब से समाज और अर्थव्यवस्था में काफी बदलाव आए हैं। इन्हीं बदलावों को ध्यान में रखते हुए नए सर्वेक्षण का निर्देश दिया गया है।
ईडी छापों पर बीजेपी पर निशाना
बल्लारी में कांग्रेस सांसदों और विधायकों के घरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के छापों पर प्रतिक्रिया देते हुए सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि बीजेपी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसी भी जांच में बाधा नहीं डालेगी, और यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसे कानून के अनुसार सजा दी जाएगी।
RCB स्टामपीड पर भी बोला हमला
4 जून को आरसीबी की जीत का जश्न मनाते समय हुई भगदड़ पर बीजेपी द्वारा सवाल उठाए जाने पर सिद्धारमैया ने पलटवार किया। उन्होंने पूछा, “गोधरा कांड में कितने लोग मरे? चामराजनगर ऑक्सीजन त्रासदी में कितने लोगों की जान गई? उस समय मुख्यमंत्री कौन थे? क्या उन्होंने इस्तीफा दिया?” उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी इस घटना को राजनीतिक हथियार बना रही है।
गरीबी हटाओ कार्यक्रम का ज़िक्र
सिद्धारमैया ने कांग्रेस सरकार की ‘गरीबी हटाओ’ नीति को भी रेखांकित किया और कहा कि इससे राज्य में गरीबी में कमी आई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, “गरीबी हटाने के लिए मोदी और बीजेपी ने अब तक कौन-से ठोस कदम उठाए हैं?”
(यह रिपोर्ट मूल रूप से द फेडरल कर्नाटक में प्रकाशित हुई थी)