बक्सर से पटना तक बिछी गैंगवार की बिसात, कानून बना मूकदर्शक
क्रिकेट से शुरू हुई चंदन-शेरू की दोस्ती खूनी दुश्मनी में बदली। जेल में बैठे शेरू ने पटना के पारस अस्पताल में चंदन की हत्या करवा दी। STF अब इस मामले की जांच में जुटी है।;
वो दोनों जिगरी दोस्त हुआ करते थे। लेकिन समय के साथ दोस्ती में गांठ पड़ी और जानी दुश्मन बन गए। कहने का अर्थ यह है कि जान लेने तक की अदावत। थोड़ी सी चूक, थोड़ा सा मौका और नतीजा किसी एक का खात्मा। अदावत की लंबी कहानी दशकों पुरानी है। लेकिन उनमें से एक अब इस दुनिया में नहीं है। जी हां, बात हम कर रहे हैं बिहार के चंदन मिश्रा और शेरू की। चंदन मिश्रा की दिनदहाड़े अस्पताल के अंदर कर दी गई और जो नाम सामने आया है उसमें मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि चंदन का ही दोस्त रहा शेरू है। यहां बता दें कि आरोपी शेरू मौजूदा समय में जेल में बंद है।
घटना पटना के पारस अस्पताल की है। 17 जुलाई की तारीख थी और समय दोपहरी का था। पांच हथियारबंद हमलावर अस्पताल में दाखिल हुए और सीधे दूसरे फ्लोर के कमरे नंबर 209 में दाखिल हुए जिसमें चंदन भर्ती था। कमरे में दाखिल होते ही हमलावरों ने पहले पिस्टल में गोली भरी और फिर चंदन मिश्रा को बेहद नजदीक से गोली मार दी। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी आराम से फरार हो गए।
कौन था चंदन मिश्रा ?
बक्सर जिले का रहने वाला चंदन मिश्रा कई संगीन अपराधों में शामिल रहा है। उस पर हत्या, रंगदारी और डकैती जैसे गंभीर आरोप हैं। 2011 में अकेले छह हत्याओं को अंजाम देने वाले गैंग का वह सरगना रहा। जमीन पर कब्जा, ठेकेदारी वसूली और रंगदारी जैसे मामलों में उसका नाम उभरकर सामने आता रहा है।
चंदन के बारे में कहा जाता था कि वो कल मारूंगा कहकर चेतावनी देने के बाद हत्या को अंजाम देता था। चंदन की क्रूरता की झलक अगस्त 2011 में राजेंद्र केसरी हत्याकांड में नजर आई थी। केसरी से रंगदारी मांगने के बाद चंदन ने खुलेआम ऐलान किया था कि कल मारूंगा और अगले ही दिन उसकी हत्या कर दी गई। यह हत्या उसने शेरू के साथ मिलकर की थी।
चंदन-शेरू की आपराधिक कहानी
चंदन मिश्रा और ओंकारनाथ सिंह उर्फ शेरू की दोस्ती क्रिकेट मैदान से शुरू हुई थी। लेकिन दोनों जल्द ही अपराध के रास्ते पर चल पड़े। 2009 में अनिल सिंह की हत्या से शुरुआत हुई और फिर गिरोह बनाकर पूरे बक्सर इलाके में खौफ पैदा किया। 2011 में दोनों राजेंद्र केसरी हत्याकांड में गिरफ्तार हुए और कोलकाता से पकड़े गए।
जेल में भी जारी रहा आतंक, कोर्ट से भागा था चंदन
राजेंद्र केसरी हत्याकांड में शेरू को फांसी और चंदन को उम्रकैद की सजा मिली। लेकिन चंदन ने कोर्ट में पुलिस से हथियार छीनकर गोली चलाई और फरार हो गया। बाद में उसे दोबारा गिरफ्तार कर बेऊर जेल भेजा गया। हाल ही में इलाज के लिए उसे पेरोल पर छोड़ा गया था।
पेरोल पर बाहर आया चंदन, अस्पताल में ही ढेर
पाइल्स के इलाज के लिए 10 दिन की पेरोल पर बाहर आया चंदन पारस अस्पताल में भर्ती था। 18 जुलाई को पेरोल खत्म होने वाला था, लेकिन उससे एक दिन पहले ही 17 जुलाई को उसकी हत्या कर दी गई।
जांच में जुटी STF
पुलिस का मानना है कि हत्या की साजिश जेल में बैठे शेरू ने रची। सीसीटीवी फुटेज में पांच हमलावर कैद हुए हैं और उनकी पहचान की जा रही है। पुलिस को इस बात के भी सबूत मिले हैं कि हाल ही में आरा में हुई 25 करोड़ की डकैती के पीछे भी शेरू गैंग का हाथ था।
बिहार पुलिस पर सवाल
16 जुलाई को ही बिहार पुलिस ने राज्य में शूटर सेल के गठन का ऐलान किया था ताकि अपराधियों पर नकेल कसी जा सके। लेकिन अगले ही दिन राजधानी के अस्पताल में इस हत्याकांड ने पुलिस की तैयारियों की पोल खोल दी। एडीजी के बयान ने स्थिति और गंभीर बना दी। मई-जून-जुलाई में हत्याएं तो होती ही हैं।
पुलिस ने इस हाई-प्रोफाइल मर्डर केस की जांच के लिए STF को लगाया है। अपराधियों की धरपकड़ शुरू हो चुकी है, लेकिन इस वारदात ने बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। राजनेता पप्पू यादव ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग भी कर डाली है। लेकिन शेरू ने पप्पू यादव को धमकी देते हुए कहा है कि अच्छा होगा कि वो इस मामले में ना कूदें।